गबज! मां ने बकरा बेचकर दिए 4000 रुपए, बेटे ने खड़ा कर दिया करोड़ों का लहंगे का कारोबार

रामपुर: दुनियां में ऐसे बहुत से लोग हैं, जिन्होंने अपने हुनर और लगन के दम पर आसमान तक छू लिया. इसी बात को सच साबित कर दिखाया है रामपुर जिले के फुरकान ने, उनसे पास न तो पैसा था, न साथ देने वाला कोई. अगर कुछ था तो जिद और जज्बा. यही उनकी ताकत थी, जिसके दम पर उन्होंने 4000 रुपए से शुरू कर आज करोड़ों का कारोबार खड़ा कर दिया है.
16 साल पहले शुरू किया था बिजनेस
बता दें कि मोहम्मद फुरकान मूल रूप से रामपुर के बिलासपुर गेट नई बस्ती नानकार के निवासी हैं. जहां उन्होंने फुरकान लहंगा हाउस नाम से बहुत बड़ा शोरूम खोल रखा है. फुरकान बताते हैं कि अब से 16 साल पहले उनकी माता ने उन्हें बकरा बेचकर पैसे दिए थे, जिससे उन्होंने एक दो लहंगे लाकर उनके डुप्लीकेट लहंगे बनाने शुरू किए. इस तरह जुस्तजू करते-करते आज वह करोड़ों का मुनाफा कमा रहे हैं.
2000 वैरायटी के हैं लहंगे
डिजाइनर मोहम्मद फुरकान के मुताबिक उनका यह काम 16 साल पुराना है और आज उनके द्वारा बनाए गए लहंगे की लोकप्रियता दूर-दूर तक है, जिसे देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बेचा जाने लगा है. हाथ से की गई पेच वर्क व जरदोजी से तैयार लहंगे की मांग पटना, हैदराबाद, बेंगलुरु, कर्नाटक, बिजयबाड़ा और मद्रास सहित अन्य जगहों से आ रही है. फुरकान ने बताया कि उनके यहां लहंगे की 2000 से अधिक वैरायटी उपलब्ध है.
एक लहंगे में करते हैं 25 कारीगर काम
यहां 500 रुपए से लेकर 90 हजार रुपए कीमत के लहंगे सेल किये जाते हैं. उनके इस कारोबार से करीबन 200 लोगों को रोजगार से जोड़ा गया है, जिसमें एक लंहगा बनाने के लिए 20 से 25 कारीगर काम करते हैं. जिसमें एक डायर, दबका जरदोजी, आरी बनाना, लहंगा सिलना, नगो की पेस्टिंग, प्रेसिंग और पैकिंग करना इस तरह केवल एक लहंगे को तैयार करने के लिए कई लोगों को रोजगार से जोड़ा गया है.
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FIRST PUBLISHED : August 28, 2024, 09:54 IST
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