अजब गजब

बॉस की जय-जयकार, चौधराहट ऐसी कि 80 में से 70 कर्मचारियों को बना दिया करोड़पति, ‘बावले’ हो गए लोग

मान लीजिए आप किसी ऐसी कंपनी के कर्मचारी हैं, जिसका मालिक उसे बेचने बारे में सोच रहा हो. ऐसे में आपकी मनोस्थिति क्या होगी? बहुत से लोगों के दिमाग में सुरसुरी होती रहेगी. वे अंदर ही अंदर सोचेंगे कि काश उनकी कंपनी न बिके और जैसा चल रहा है, चलता रहे. क्योंकि नया मैनेजमेंट पता नहीं कैसा व्यवहार करेगा? न जाने भविष्य कैसा होगा? भारतीय-अमेरिकी अरबपति जय चौधरी भी जब अपना पहला स्टार्टअप बेचने जा रहे थे तो लोगों को संभवत ऐसा ही अहसास हुआ होगा. मगर कर्मचारी नहीं जानते थे कि जय चौधरी उनकी 7 पुश्तों के लिए जुगाड़ करके जाएंगे.

जी हां, फिलहाल क्लाउड-सिक्योरिटी कंपनी ज़ी स्केलर (Zscaler) के सीईओ जय चौधरी ने कुछ ऐसा ही काम किया था. उन्होंने जब अपना स्टार्टअप बेचा तो अपने 70 कर्मचारियों को करोड़पति बना दिया. हालांकि, बेचने से पहले उन्हें भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि इतने लोगों के भाग्य का ताला उनके कंपनी बेचने के फैसले से खुल जाएगा.

90 के दशक की बात है कि 65 वर्षीय जय चौधरी ने SecureIT नाम की कंपनी शुरू की थी. तब उन्होंने अपनी पत्नी ज्योति के साथ मिलकर इसकी स्थापना की और अपनी पूरी पूंजी इसी में खपा दी. जय चौधरी ने CNBC को बताया कि कंपनी के निवेशकों ने उन्हें अपनी कंपनी के भीतर कर्मचारियों को इक्विटी (शेयर) देने की परमिशन दी थी. इसी के चलते उन्होंने अपने बहुत से कर्मचारियों को इक्विटी दी हुई थी.

बहुत मानते हैं कर्मचारियों को
1998 में जब उन्होंने अपनी कंपनी Verisign को बेची तो जय चौधरी ही नहीं, बल्कि उनके कर्मचारियों को भी तगड़ा वित्तीय लाभ मिला. उसके बाद आने वाले वर्षों में वेरिसाइन के स्टॉक की कीमतों में उछाल आया, जिससे उनके 80 में से 70 से अधिक कर्मचारी करोड़पति बन गए, कम से कम कागज पर तो यही दिख रहा था. कुल मिलाकर, 87.5 प्रतिशत कर्मचारी करोड़पति हो गए. जय चौधरी ने CNBC को बताया कि इक्विटी दिया जाना अच्छा होता है, क्योंकि वही कर्मचारी कंपनी को ऊपर लेकर जाते हैं, वही दिन-रात काम करते हैं.

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मार्क क्यूबन ने 330 में से 300 को बनाया करोड़पति
इसी प्रकार एक बिजनेसमैन मार्क क्यूबन ने भी ऐसा ही कारनामा किया है. उन्होंने ट्वीट करके बताया कि उनकी कंपनी की बिक्री ने उनके कर्मचारियों के लिए बोनस बनाने का काम किया. Broadcast.com को Yahoo को बेचने के बाद क्यूबन खुद तो अरबपति बन गए और उनके 330 में से 300 कर्मचारी करोड़पति बन गए. क्यूबन ने Fortune.com को बताया, “यह सही काम है. कोई भी कंपनी अकेले नहीं बनती.”

करोड़पति बने कर्चमारियों ने क्या किया?
जय चौधरी ने CNBC को बताया, “कंपनी में लोग बहुत उत्साहित थे, क्योंकि उन्होंने कभी इतनी बड़ी रकम के बारे में नहीं सोचा था. कई कर्मचारी नए घर और गाड़ियां खरीद रहे थे या कुछ समय के लिए काम से छुट्टी ले रहे थे. वे जो करना चाहते थे, कर सकते थे.”

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हालांकि, तब तो वे करोड़पति थे, लेकिन शेयरों की कीमतों में लंबे समय तक स्थिति एक जैसी नहीं रहती है. जब डॉट-कॉम बबल फूटा, तो Verisign के शेयरों की कीमतें गिर गईं. इससे कर्मचारियों की संपत्ति इस बात पर निर्भर करती थी कि उन्होंने अपने शेयर कब बेचे. जिन्होंने बबल फूटने से पहले बेच दिए होंगे, वे ज्यादा फायदे में रहे, जबकि बाद में बेचने वालों को अफसोस भी हुआ होगा.

जय चौधरी के बारे में
जय चौधरी का जन्म 1959 में हिमाचल प्रदेश में ऊना के पनोह (Panoh) गांव में हुआ था. उनके पिता किसान थे, नाम था भगत सिंह चौधरी. जय चौधरी का पूरा नाम जगतार सिंह चौधरी है. जगतार स्कूल आने-जाने के लिए रोज 8 किलोमीटर पैदल चला करते थे. उन्होंने बीएचयू (BHU) से अपनी ग्रेजुएशन की और उसके बाद 1982 में अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ सिनसिनाटी (University of Cincinnati) से एमबीए (MBA) की डिग्री हासिल की. सिनसिनाटी में पढ़ाई करने के लिए उन्हें स्कॉलरशिप मिली थी, जिसकी बाबत वे विदेश जाकर पढ़ पाए.

जय चौधरी ने अमेरिका में पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने आईबीएम (IBM) और यूनिसिस में काम किया. 2008 में उन्होंने ज़ी स्केलर (Zscaler) बनाई. ये कंपनी साइबर सिक्योरिटी मुहैया करवाती है. दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां उनकी क्लाइंट हैं. 2018 में ज़ी स्केलर का IPO आया और ये एक Nasdaq लिस्टेड कंपनी बन गई थी.

forbes.com के मुताबिक, 27 अगस्त 2024 तक जय चौधरी की नेट वर्थ 11.3 बिलियन डॉलर (करीब-करीब 10 हजार करोड़ रुपये) है. वह और उनके परिवार के पास Zscaler में 40 फीसदी की हिस्सेदारी है. Zscaler बनाने से पहले जय चौधरी ने चार कंपनियां बनाई थीं, जिनमें सिक्योर आईटी (SecureIT), कोरहार्बर (CoreHarbor), साइफरट्रस्ट (CipherTrust), और एयरडिफेंस (AirDefense) शामिल थीं. इन चारों कंपनियों को ही बाद में अलग-अलग कंपनियों ने अधिग्रहित कर लिया था.

Tags: Business empire, Business news, Success Story, Successful business leaders


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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