Big relief to Congress MLA Umang Singhar from High Court | साल 2022 में पत्नी के द्वारा दर्ज की गई दुष्कर्म की एफआईआर को किया निरस्त

जबलपुर22 मिनट पहले
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अप्राकृतिक यौन संबंध मामले में फंसे मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक उमंग सिंगार को हाईकोर्ट से गुरुवार को बड़ी राहत मिली है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता उमंग सिंगार के खिलाफ हुई रेप की एफआईआर को रद्द कर दी है। साथ ही पुलिस को गंभीरता से जांच के निर्देश दिए है। गुरुवार को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी की कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कांग्रेस विधायक को राहत दी गई। दरअसल 2022 में कांग्रेस विधायक की पत्नी ने उनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई थी। हालांकि हाईकोर्ट का विस्तृत आदेश आना अभी बाकी है।
मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री और विधायक उमंग सिंगार के खिलाफ उनकी पत्नी ने अप्राकृतिक यौन संबंध के मामले में एफआईआर दर्ज करवाई थी। जिसके बाद विधायक उमंग सिंगार के खिलाफ रेप सहित कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। पूर्व मंत्री उमंग सिंगार की पत्नी ने धार जिले में उमंग सिंगार के खिलाफ आप प्राकृतिक यौन शोषण दुष्कर्म और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवाई थी। एफआईआर होंने के बाद से ही कांग्रेस विधायक फरार चल रहे थे।
कांग्रेस विधायक के खिलाफ उमंग सिंगार की ओर से एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट इंदौर में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दायर किया था, लेकिन उसे कोर्ट ने खारिज कर दिया, इसके बाद उमंग सिंगर ने जबलपुर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट में उमंग सिंगार के वकीलों ने तर्क दिया था कि आदिवासी तीन शादी कर सकते हैं, उन्हें तीन शादी करने की छूट होती है और वैवाहिक जीवन में शारीरिक संबंध बनाने की छूट होती है। उमंग सिंगार के वकील ने कोर्ट को भी यह भी बताया कि जो आरोप पत्नी ने लगाए हैं, वह झूठे हैं, और बीते कुछ सालों में इस तरह के मामले पति को फंसाने के लिए सामने भी आए है। इन्हीं आधार पर कांग्रेस विधायक उमंग सिंगार की ओर से राहत मांगी गई थी।
उमंग सिंगार के एडवोकेट ने सुप्रीम कोर्ट के एक मामले का जिक्र भी अपनी याचिका के दौरान किया। उमंग सिंगार के एडवोकेट की दलील सुनने के बाद मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एफआईआर को निरस्त करने का आदेश कर दिया है, हालांकि इस मामले में अभी तक हाईकोर्ट का आदेश जारी नहीं हुआ है, कोर्ट की बहस के आधार पर यह जानकारी मिली है। इस मामले पर कांग्रेस विधायक की तरफ से अधिवक्ता विभोर खंडेलवाल ने पैरवी की है।
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