Indore News 9 Injections Banned In Mp, Action Taken After Mgm Medical College Report – Amar Ujala Hindi News Live

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– फोटो : अमर उजाला, डिजिटल, इंदौर
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इंदौर के MGM मेडिकल कॉलेज की एक रिपोर्ट के आधार पर, मध्य प्रदेश में 9 दवाओं के बड़े लॉट को प्रतिबंधित कर दिया गया है। ये दवाएं अब राज्य के किसी भी अस्पताल में उपयोग नहीं की जा सकतीं। प्रतिबंधित की गई सभी दवाएं इंजेक्शन के रूप में थीं और इनमें कुछ जीवन रक्षक दवाएं, एंटीबायोटिक्स और मल्टी विटामिन शामिल थे। MP पब्लिक हेल्थ सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (MPPHSCL) ने सभी जिलों के डीन, सीएमएचओ, सुपरिनटेंडेंट सहित पत्र जारी कर प्रतिबंध लगा दिया है। कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि कुल 12 दवाओं की गुणवत्ता संदेहास्पद पाई गई थी, जिनमें से 9 को शुरुआत में प्रतिबंधित कर दिया गया है। पत्र में कहा गया है कि इन लॉट का तब तक उपयोग नहीं किया जाए जब तक कि आदेश जारी न हो।
लैब जांच में दो ड्रग्स की क्वालिटी घटिया मिली
MGM कॉलेज की रिपोर्ट मिलने के बाद, सैंपल को जांच के लिए सेंट्रल ड्रग्स लैब कोलकाता भेजा गया था। वहां से दो की जांच रिपोर्ट मिल गई है, जबकि सात की रिपोर्ट अभी भी आनी बाकी है। लैब की जांच में 2 की रिपोर्ट नॉन स्टैंडर्ड क्वालिटी (NSQ) की मिली है। Adraid Inj. वड़ोदरा-गुजरात और Adrenaline Inj. हिमाचल प्रदेश की कंपनी का है। रिपोर्ट के अनुसार, टेस्टिंग में यह दवा IP (India Pharmacopoeia) के अनुरूप नहीं मिली यानी क्वालिटी खराब है। इन इंजेक्शन का उपयोग रक्तचाप बढ़ाने और स्थिर रखने के लिए किया जाता था। इंजेक्शन में हेपरिन, एट्रोपिन, डोपामाइन, नाइट्रोग्लिसरिन, फेंटेनल आदि दवाएं शामिल थीं जो जीवन रक्षक दवाएं भी हैं।
तीन ड्रग्स की जांच अधूरी जानकारी के कारण अटकी
तीन अन्य दवाओं की जांच अधूरी जानकारी के कारण अटक गई है। औषधि प्रशासन ने संबंधित कंपनियों को पत्र भेजकर टेस्टिंग के लिए रैफरेंस स्टैंडर्ड उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। इनमें एट्रोपिन सल्फेट, पोटेशियम क्लोराइड, हेपरिन कैल्शियम ग्लूकोनेट और नाइट्रोग्लिसरिन आदि की टेस्टिंग की जानी है।
रिपोर्ट में गड़बड़ी है
डीन डॉ. संजय दीक्षित ने कहा कि सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में 12 दवाओं की जांच रिपोर्ट में कुछ समस्याएं थीं। इनमें से एक Non Adrenaline Injection की रिपोर्ट में गड़बड़ी पाई गई है। तीन-चार दिन पहले MPPHSCL ने इनमें से 9 दवाओं के बारे में निर्देश जारी किए हैं। दवाओं की जांच कराना एक नियमित प्रक्रिया है।
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