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CJI और सुप्रीम कोर्ट के जजों की बढ़ने वाली है सैलरी, अभी कितना है वेतन, सरकार ने कर दिया खुलासा – chief justice of india cji supreme court judge salary increment government big revelation

Agency:पीटीआई

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Judge Salary: सुप्रीम कोर्ट देश के संविधान का रक्षक होने के साथ ही न्‍याय का सबसे बड़ा मंदिर भी है. राज्‍यसभ में गुरुवार 6 फरवरी 2025 को सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक की चर्चा हुई.

CJI समेत सुप्रीम कोर्ट के अन्‍य जज और हाईकोर्ट के जजों की सैलरी बढ़ाने पर सरकार ने बड़ी बात कही है.

नई दिल्‍ली. भारत में न्‍यूडिशियरी यानी न्‍यायपालिका कानून और संविधान का रक्षक है. कार्यपालिका, विधायिका और न्‍यायपालिका देश के तीन प्रमुख स्‍तंभ होते हैं. सुप्रीम कोर्ट से लेकर देशभर के हाईकोर्ट में दर्जनों की संख्‍या में जज होते हैं. इनके वेतन, भत्‍तों और अन्‍य सुविधाओं की विशेष व्‍यवस्‍था की जाती है. भारत के प्रधान न्‍यायाधीश (CJI), सुप्रीम कोर्ट के अन्‍य जज और देशभर के हाईकोर्ट्स के जजों की सैलरी पर गुरुवार को राज्‍यसभा में चर्चा हुई. CJI समेत सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की वेतन वृद्धि को लेकर सवाल पूछा गया था. कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस सवाल का जवाब देते हुए जजों की सैलरी बढ़ने की बात पर बड़ा खुलासा किया है.

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि CJI समेत सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की सैलरी बढ़ाने का फिलहाल कोई प्रस्‍ताव नहीं है. राज्‍यसभा में पूछे गए एक सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने यह जवाब दिया. बता दें कि जजों की सैलरी साल 2017 में बढ़ाई गई थी. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लिखित जवाब देते हुए सदन को बताया कि वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों के वेतन, भत्ते और पेंशन आदि बढ़ाने का कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में दर्जनों की संख्‍या में जज सेवारत हैं और देश की न्‍याय प्रणाली को बनाए रखने में अपना अहम योगदान दे रहे हैं.

क्‍या बोले कानून मंत्री?
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और 25 हाईकोर्ट के जजों के संबंध में वेतन, भत्ता और पेंशन सुप्रीम कोर्ट जज (वेतन और सेवा की शर्तें) एक्‍ट, 1958 और हाईकोर्ट जज (वेतन और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1954 द्वारा तय होते हैं. दोनों कानूनों में संशोधन के माध्यम से सरकार द्वारा 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के इंप्‍लीमेंटेशन के बाद हायर कोर्ट के जजों के वेतन, पेंशन और भत्ते को अंतिम बार 1 जनवरी 2016 से संशोधित किया गया था. यह साल 2027 में लागू हुआ था और सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की सैलरी बढ़ी थी.

CJI और अन्‍य जजों की कितनी होती है सैलरी?
अब सवाल उठता है कि CJI के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के अन्‍य न्‍यायाधीशों और हाईकोर्ट के जजों की मौजूदा सैलरी कितनी है? बता दें कि CJI की सैलरी फिलहाल 2.80 लाख रुपये है. इसके अलावा अन्‍य सुविधाएं भी उन्‍हें मुहैया कराई जाती है. सुप्रीम कोर्ट के अन्‍य जजों और हाईकोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश का वेतन 2.50 लाख रुपये है. वहीं, हाईकोर्ट के अन्‍य जजों की सैलरी 2.25 लाख रुपये है. बता दें कि सैलरी के साथ ही जजों को अन्‍य सुविधाएं भी मुहैया कराई जाती हैं. दिलचस्‍प है कि सरकार ने हाल में ही 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की है.

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CJI और सुप्रीम कोर्ट के जजों की बढ़ने वाली है सैलरी, अभी कितना है वेतन?


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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