रेत माफियों पर खनिज विभाग ने कसा शिकंजा: चोरी छिपे रेत का कर रहे कारोबार

छतरपुर। जिले में रेत माफियों का आतंक मचा हुआ है और ठेका होने के बावजूद भी रेत माफिया जिला प्रशासन को चुनौती देकर खुलेआम रेत का अवैध कारोबार करने पर आमदा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहर में प्रतिदिन सैकड़ों ट्रेक्टर चोरी छिपे रेत का अवैध करोबार कर रहे हैं। जिसकी जानकारी जिला प्रशासन के मुखिया कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह को होने के बाद खनिज विभाग का अमला सक्रिय हुआ और खनिज विभाग की टीम शहर में चारों तरफ दबिश देकर ट्रेक्टरों को पकडऩे में लगी हे। जिसके चलते गायत्री मंदिर पर रेत की मंडी पर कोई भी ट्रेक्टर अब खड़ा होता नहीं दिखाई देता। गलियों और कई गुप्त स्थानों पर ये टे्रक्टर खड़े होकर रेत का कारोबार कर रहे हैं। एक ट्रेक्टर के साथ रेत माफियों के आठ दस गुंडे किस्म के लोग मोटरसाईकिल से सवार होकर ट्रेक्टर को संबंधित जन तक पहुंचाते हैं। इस कारोबार में पुलिस का पूरा संरक्षण मिला हुआ है। खनिज विभाग के अधिकारियों को पुलिस सर्पोट नहीं करती और न ही खनिज विभाग के कहने पर ट्रेक्टर चालकों को पकड़ती है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि पुलिस विभाग के कुछ आरक्षक और मुंशियों के ट्रेक्टर भी रेत का अवैध कारोबार करने में लिप्त हैं। बीते रोज खनिज विभाग के एक अधिकारी ने ट्रेक्टर को पकड़ा तो उस ट्रेक्टर को पुलिस थाने में रखवाने में खनिज विभाग के अधिकारी को अच्छी खासी मशक्कत करनी पड़ी। कुल मिलाकर छतरपुर जिले में रेत का अवैध कारोबार पुलिस के संरक्षण में चल रहा है और खनिज विभाग इस व्यापार को पकडऩे पर तुला हुआ है। रेत माफियों और खनिज विभाग के बीच में पुलिस की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है।इस संबंध में खनिज विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यदि पुलिस चाहे तो शहर में कोई भी अवैध रेत का ट्रेक्टर नहीं आ सकता। परंतु रेत माफियों और पुलिस की सेंटिंग के चलते शहर में धड़ल्ले से अवैध रेत का कारोबार चल रहा है हालांकि कुछ समय से रेत के ठेकेदारों के गुर्गे इन रेत माफियों के ट्रेक्टरों को पकडऩे में लगे हुए हैं।