मध्यप्रदेश

A case was filed in the Collector’s Court against the Vice President of Sarani Nagar Palika for misuse of his position, the Vice President termed the complaints as baseless | सारणी नपा उपाध्यक्ष पर पद का दुरुपयोग करने का आरोप: कलेक्टर कोर्ट में दर्ज कराया प्रकरण, उपाध्यक्ष ने शिकायतों को निराधार बताया – Betul News

प्रदेश की तीसरी सबसे बड़ी नगरपालिका रही सारणी के भाजपा समर्थित पार्षद और उपाध्यक्ष पर पद पर रहते हुए सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के आरोप लगे हैं। इस मामले में कलेक्टर कोर्ट में एक प्रकरण भी दर्ज कराया गया है। हालांकि उपाध्यक्ष ने शिकायतों को खारिज करत

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जगदीश पवार नगरपालिका सारणी में वार्ड नंबर 34 के पार्षद हैं। शोभापुर में पान की दुकान चलाते रहे पवार तीसरी बार पार्षद चुने गए हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने पार्षद रहते कई गलत जानकारियां दी है। वहीं परिवार के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ लिया है।

इन आरोपों के साथ कराया प्रकरण दर्ज
इस मामले में पाथाखेड़ा निवासी प्रमोद गुप्ता ने सोमवार कलेक्टर कोर्ट में जगदीश पवार के खिलाफ नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 41 क के तहत प्रकरण दर्ज कराते हुए जगदीश को पार्षद पद से हटाने का आवेदन पेश किया है।

आरोप है कि पार्षद के चुनाव के समय जगदीश पवार ने नियमानुसार शपथपत्र प्रस्तुत नहीं किया। उन्होंने केवल प्रारूप मे रिक्त स्थानों को भरकर हस्ताक्षर कर जमा कराया जबकि उसे अलग से शपथपत्र पेश करना था। तथाकथित शपथपत्र पर जानबूझकर झूठी जानकारी दी कि उनकी पुत्री नहीं है तथा अचल संपत्ति नहीं है जबकि वे एक पुत्री का पिता हैं। उनके पास सलैया में प्लॉट, सेमझिरा में पैतृक संपत्ति है।

उन्होंने पत्नी को मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 2023 का लाभ प्राप्त करवाया। मां को मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना का लाभ दिलवाया। खुद और भाई को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का लाभ दिलवाया। यही नहीं गरीबी रेखा में नाम दर्ज करवाया। जबकि उन्हें सरकार से मानदेय और भत्ते मिल रहे हैं। इसे कदाचार बताते हुए की पद से हटाने की मांग की है।

उपाध्यक्ष बोले- मैंने ऐसा नहीं किया
मामले में नपा सारणी के उपाध्यक्ष जगदीश पवार ने दैनिक भास्कर से फोन पर हुई चर्चा में कहा कि वह पान ठेला चलाते थे। आज भी आर्थिक स्थिति वैसी ही है। जैसी 2004 में थी। पत्नी ने लाड़ली बहना का उनकी बगैर जानकारी के लाभ लिया था। उनकी जानकारी में आते ही उन्होंने फरवरी में ही नाम कटवा दिया था। उनकी संतान की जानकारी गलत देने की बात भी मिथ्या है। उनके पास पैतृक उत्तराधिकार में जमीन है।लेकिन कभी खेती नहीं की। वह कब्जे में भी नहीं है। मां को जब तीर्थ दर्शन में भेजा था। वह चयन कूपन से हुआ था। उस समय खुद अध्यक्ष और सीएमओ ने उनकी माता को यात्रा पर विदा किया था। वे 2004 से गरीबी रेखा में शामिल हैं।

सीएमओ बोले- होगी कार्रवाई
सीएमओ आरके मेश्राम ने कहा कि उपाध्यक्ष के संबंध में शिकायत की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। अगर तथ्य सामने आते हैं तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। स्व निधि व अन्य योजनाओं का लाभ ऑनलाइन मिलता है। जिसे नीचे का अमला देखता है।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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