नई तबादला नीति तैयार: प्रभारी मंत्री के बिना नहीं हिलेगा पत्ता; अनुशंसा पर ही होगा ट्रांसफर, इस तारीख से शुरु होंगे ट्रांसफर!

भोपाल। मध्यप्रदेश में मंत्रियों और कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है.. दरअसल मोहन सरकार ने नई तबादला नीति बनाकर तैयार कर ली है… विभागीय मंत्री से अनुमोदन होने के बाद अब इसे जल्द ही कैबिनेट में पेश किया जाएगा कैबिनेट में पास होने के बाद 2023 से लगी तबादलों पर रोक हट जाएगी… इसके बाद प्रदेशभर में नई नीति के हिसाब से तबादले किए जाएंगे… आपको बता दें कि एमपी में पिछले डेढ़ सालों से तबादलों पर बैन लगा है… अभी तक सिर्फ मुख्यमंत्री के समन्वय से ही तबादले हो रहे थे…बता दें कि सामान्य प्रशासन विभाग ने तबादले की नई नीति तैयार कर मुख्यमंत्री सचिवालय को भेज दी है… मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक यहां से अनुमति मिलने के बाद ही अगले हफ्ते यानी 20 अगस्त को होने वाली कैबिनेट बैठक में तबादले की नई नीति पेश हो जाएगी… कैबिनेट की हरी झंडी के बाद ही प्रदेश में तबादले शुरु हो जाएंगे…
मंत्रियों को सौंपा प्रभार
इसके पहले राज्य सरकार ने मोहन कैबिनेट के मंत्रियों को जिलों का प्रभार सौंप दिया है और प्रभारी मंत्री की अनुशंसा पर ही तबादले किए जाएंगे। इसके लिए सरकार के प्राथमिकता वाले जिलों का प्रभार वरिष्ठ मंत्रियों को दिया गया है। 2022 में तबादलों से रोक हटी थी।
तबादले से रोक हटी
वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव और इसके बाद लोकसभा चुनाव के चलते तबादले से रोक नहीं हटाई गई। तब से लेकर अब तक केवल मुख्यमंत्री समन्वय से ही तबादले हो रहे हैं। अब दोनों ही चुनाव संपन्न हो चुके हैं, ऐसे में सरकार कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए तबादले से रोक हटाने जा रही है और नई तबादला नीति के तहत तबादले किए जाएंगे।
नई तबादला नीति
एक जिले से दूसरे जिले के अंदर तबादले के लिए प्रभारी मंत्री की अनुशंसा अनिवार्य होगी। एक निश्चित अवधि में प्रशासनिक और स्वैच्छिक आधार पर तबादले होंगे, लेकिन किसी भी संवर्ग में 20 प्रतिशत से अधिक तबादले नहीं किए जा सकेंगे।