The woman in burqa had last met the nurse | बुर्के वाली महिला ने की थी नर्स से आखिरी मुलाकात: हत्या से पहले तांत्रिक-महिला के बीच फोन पर हुई 24 बार बातचीत – Madhya Pradesh News

मध्यप्रदेश क्राइम फाइल्स के पार्ट-वन में आपने पढ़ा कि शाजापुर जिले के जंगल में एक महिला की अधजली लाश मिलती है। पुलिस जांच में पता चलता है कि ये नर्स वंदना सोनी की लाश है, जो आष्टा के सिविल अस्पताल में काम करती थी।
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वंदना की बहन सुनंदा शर्मा ने उसकी गुमशुदगी दर्ज करवाई थी। पुलिस को जांच में पता चला कि मंडीदीप से आष्टा आने-जाने के दौरान वंदना की कंडक्टर अंसार से जान-पहचान हुई थी। अंसार और वंदना के बीच प्रेम संबंध बन गए।
अंसार ने उसे अपने घर में किराए से रहने के लिए कमरा तक दे दिया था। बाद में वंदना रूम खाली कर दूसरी जगह रहने चली गई। पुलिस की पूछताछ में अंसार ने वंदना के साथ अवैध संबंध और हत्या की बात कबूल की, लेकिन रिक्रिएशन के दौरान पुलिस को उस पर संदेह हुआ। पता चला वो झूठ बोल रहा है, उसने वंदना की हत्या नहीं की है…।
अंसार के कबूलनामे के बाद भी नर्स वंदना सोनी की हत्या की गुत्थी नहीं सुलझी थी।
आखिर वंदना का हत्यारा कौन है…? पूरे मामले में तांत्रिक का रोल क्या था?
पार्ट-2 में जानिए इन सवालों के जवाब
अब आगे की कहानी पढ़िए…
पुलिस की गिरफ्त से अब भी नर्स वंदना सोनी हत्यारा दूर था। पुलिस प्रेमी अंसार से पूछताछ कर चुकी थी, लेकिन रिक्रिएशन में खुलासा हो गया कि हत्या उसने नहीं की है। वो झूठ बोल रहा है।
अंसार की पत्नी हनीफा को वंदना और पति के प्रेम संबंध के बारे में पता है या नहीं ये पता लगाने के लिए पुलिस अब हनीफा से पूछताछ करने वाली थी। इस बीच पुलिस ने सभी की कॉल डिटेल की जानकारी जुटानी शुरू कर दी।
कॉल डिटेल रिकॉर्ड में पुलिस लगभग असली कातिल तक पहुंच गई। इतना ही नहीं अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज दिखाने के लिए पुलिस ने वंदना की बहन सुनंदा को बुलाया। ताकि पता चल सके कि आखिरी बार जिस महिला और वंदना के बीच मुलाकात हुई है वो कौन है।
वंदना-अंसार के बीच 1 महीने में 489 बार बातचीत पुलिस ने वंदना, अंसार, हनीफा और रामचरण उर्फ गुड्डू के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली, जिसमें पता चला कि 1 जनवरी 2019 से 7 फरवरी 2019 के बीच वंदना और अंसार शाह के बीच लगभग 489 बार मोबाइल कॉल और मैसेज के जरिए बात हुई।
इसी तरह 1 जनवरी 2019 से 3 फरवरी 2019 के बीच अंसार की पत्नी हनीफा और नर्स वंदना के बीच 10 बार मैसेज और बातचीत के जरिए बात हुई। वहीं रामचरण उर्फ गुड्डू और हनीफा के बीच 1 जनवरी 2019 से 7 फरवरी 2019 के बीच 236 बार बातचीत हुई।

बुर्का पहने महिला सीसीटीवी में हुई कैद
पुलिस सिविल अस्पताल आष्टा के सीसीटीवी फुटेज खंगाल चुकी थी। उसमें आखिरी बार वंदना नजर आई थी। इसके बाद सीधे उसकी लाश मिली। फुटेज में एक महिला एक बच्ची के साथ आती हुई दिखी। महिला ने बुर्का पहन रखा था।
पुलिस ने नर्स वंदना की बहन सुनंदा को फुटेज दिखाए तो उसने कहा कि बुर्का पहनी हुई महिला हनीफा है जो अंसार की पत्नी है। साथ में जो बच्ची नजर आ रही है वो हनीफा की बेटी है। बाद में वीडियो में हनीफा उसकी बेटी और वंदना तीनों लोग जाते हुए दिखाए दिए।

दूसरी ओर, सुनंदा ने पुलिस को बताया कि वंदना और हनीफा के बीच कई बार आपस में झगड़े हुए। हनीफा कई बार उसकी बहन से माफी मांग लेती थी और वापस बातचीत करने लगती थी। झगड़ों के कारण ही अंसार ने वंदना से मकान खाली कर दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए कहा था। वहां भी अंसार का वंदना के यहां आना-जाना था। वंदना का भी अंसार के घर आना-जाना था।
इस तरह दिया हत्या को अंजाम
31 जनवरी की दोपहर 12.30 बजे हनीफा आष्टा अस्पताल पहुंची। वहां कार्यरत नर्स वंदना को अपने साथ अपने घर लाई। यहां दोपहर 1.30 बजे घर की दूसरी मंजिल पर बने कमरे में दोनों के बीच अंसार के साथ वंदना के संबंधों को लेकर विवाद हुआ। इसी दौरान हनीफा ने पास में रहने वाले तांत्रिक गुड्डू को भी बुला लिया।

शव को ठिकाने लगाने की पूरी प्लानिंग हनीफा के साथी तांत्रिक रामचरण उर्फ गुड्डू ने की। पहले हनीफा और गुड्डू ने वंदना के शव को प्लास्टिक के ड्रम में रख दिया। इसके बाद गुड्डू ने किराए पर एक कार ली। ड्राइवर की मदद से गुड्डू ने ड्रम को उठाकर कार में रखा और शव अपने ससुराल ग्राम घुंसी जिला शाजापुर ले गया।
गुड्डू शाम करीब 6 बजे घुंसी के समीप पहुंचा। यहां गांव के पास जंगल में ड्रम उतारा और कार वापस भेज दी। ड्रम को झाड़ियों में छुपाकर वह अपने ससुराल चला गया। यहां उसने अपने और वंदना सोनी के मोबाइल व लैपटॉप एक कोठी में छुपा दिए।

तांत्रिक रामचरण उर्फ गुड्डू अपने दोस्त देवेंद्र ठाकुर के घर गया। देवेंद्र सिंह ठाकुर ने गुड्डू की छुपने में मदद की। जबकि वो जानता था कि गुड्डू वंदना सोनी का जलाकर आया है।
हत्या में इस्तेमाल टामी छत पर छुपा दी
हनीफा ने बताया कि हत्या में इस्तेमाल की गई लोहे की टामी (रॉड) उसने घर की छत पर छुपाकर रखी है। कपड़े अलमारी में छुपाए हैं। उसकी निशानदेही पर पुलिस इन्हें जब्त किया। टामी के आगे के हिस्से में खून लगा था। वंदना का बड़ा मोबाइल हनीफा ने अपने पास रख लिया था, जबकि छोटा मोबाइल गुड्डू ने रख लिया। इधर, पूछताछ में रामचरण उर्फ गुड्डू ने पुलिस को बताया कि उसने वंदना का मोबाइल ग्राम घुंसी स्थित उसके ससुर के घर रखा है, जबकि सिम तोड़कर फेंक दी है।
कोर्ट में आरोपियों ने सीसीटीवी फुटेज को चैलेंज किया
पुलिस ने अपनी जांच पूरी करने के बाद कोर्ट में चालान पेश कर दिया। हनीफा और रामचरण उर्फ गुड्डू को धारा 302, 120बी, 201 और देवेंद्र सिंह को धारा 212 का आरोपी बनाया गया था।

बेटी के हत्यारों की सजा से पहले मां राधा बाई की मौत
लाश लापता नर्स वंदना सोनी की है, ये कन्फर्म होने के बाद पुलिस ने वंदना की मां राधा बाई जो मंडीदीप में नर्स थीं, उनके ब्लड सैंपल भी लिए थे। डीएनए जांच रिपोर्ट में पुष्टि हो गई कि वंदना राधा बाई की बेटी है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान मां राधा बाई के बयान नहीं हो सके। 25 अप्रैल 2021 को यानी घटना के करीब 2 साल बाद उनकी मौत हो गई। मां बेटी के हत्यारों को सजा होते हुए नहीं देख पाई।
कोर्ट में पलटा, तीसरा आरोपी हुआ बरी
पुलिस ने केस में तीन लोगों को आरोपी बनाया था। पहली हनीफा, दूसरा रामचरण उर्फ गुड्डू और तीसरा रामचरण का दोस्त देवेंद्र जिसने हत्या के बाद छुपने में उसकी मदद की थी।
पुलिस ने आरोपी तांत्रिक रामचरण उर्फ गुड्डू की गिरफ्तारी के संबंध में ब्रजसिंह को गवाह बनाया था।

इतना ही नहीं उसने इस बात से भी मना किया कि आरोपी देवेंद्र उसके पास रामचरण उर्फ गुड्डू को लेकर आया था और कहा था कि उसके यहां जगह नहीं है, इसलिए गुड्डू को अपने खेत में बने कमरे में रुकवा दो। ब्रजसिंह ने इस बात से भी इनकार किया कि बेरछा पुलिस उसके यहां आई थी। इस बात से भी मना किया कि उसने देवेंद्र के कहने पर गुड्डू को अपने खेत में बने कमरे में रूकवाया।
पुलिस ने आरोपी तांत्रिक रामचरण गुड्डू और देवेंद्र की कॉल डिटेल भी कोर्ट में पेश की थी, जिसमें पाया था कि दोनों के बीच 31 जनवरी को 7 बार बातचीत हुई है। इतना ही नहीं 1 फरवरी 2019 के बाद भी दोनों के बीच गिरफ्तारी के पहले तक बातचीत होती रही।
लेकिन कोर्ट में ये साबित नहीं हो सका कि आरोपी देवेंद्र ने गुड्डू को छुपने में मदद की है। आखिरकार केस में घटना के 4 साल बाद 21 दिसंबर 2023 को शाजापुर जिला कोर्ट का फैसला आया। कोर्ट ने आरोपी हनीफा और रामचरण को उम्र कैद की सजा सुनाई, जबकि आरोपी देवेंद्र सिंह को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।
मध्यप्रदेश क्राइम फाइल्स की इस स्टोरी का पहला पार्ट भी पढे़ं…
ड्रम में नर्स की लाश रख जंगल में जलाया, कागज के टुकड़े से मिला था सुराग

मध्यप्रदेश क्राइम फाइल्स में इस बार बात एक रहस्यमय केस की। शाजापुर जिले के बेरछा के जंगल में एक ड्रम में मिली अधजली लाश का केस पुलिस के लिए पहेली बन गया था। यह लाश सीहोर जिले के आष्टा की एक नर्स की थी, जो अपने प्रेमी और दोस्तों के साथ आम जिंदगी जी रही थी। पढ़ें पूरी खबर…
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