डेली न्यूज़मध्यप्रदेश

‘अक्षर साथी’ बनाएंगे निरक्षर को साक्षर, ताकि कोई न रह जाए अनपढ़- कलेक्टर संदीप जी आर

छतरपुर जिले में 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के ऐसे वयस्क अनपढ़ों को चिह्नित किया गया है, जिन्होंने औपचारिक शिक्षा भी नहीं हासिल किया है, जिले में ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें पढ़ना-लिखना बिल्कुल भी नहीं आता है, इन्हें अब पढ़ना-लिखना अभियान एवं नवभारत साक्षरता कार्यक्रम (Navbharat Literacy Program for Illiterate) के जरिए साक्षर किया जाएगा. इसके तहत अब तक शिक्षा से अछूते रहे लोगों को साक्षर करने का अभियान चलाया जाएगा. कार्यक्रम के तहत पहले पांच साल का टारगेट तय किया जाएगा

छतरपुर जिले में युवा एवं प्रौढ़ साक्षरता के 100 फीसदी लक्ष्य को हासिल करने के लिये कलेक्टर संदीप जी आर ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला साक्षरता प्राधिकरण समिति छतरपुर की शासकीय निकाय एवं कार्यकारी समिति की संयुक्त बैठक में समीक्षा की। राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के तहत वर्ष 2027 तक 100 फीसदी साक्षरता लक्ष्य हासिल करने के लिये समाज और स्वयंसेवी संगठनों के दृढ़ सहयोग से असाक्षरों को पठन-पाठन कराते हुये साक्षर बनाने पर जोर दिया गया। इसके लिये प्रमुखता से वातावरण निर्माण करने के साथ-साथ शहर एवं गांवों में साक्षरता की अलख जगाने, लोगों को प्रेरित करने सहित बुनियादी प्रशिक्षण कार्यक्रम को रणनीति बनाते हुये शुरू किया जाएगा।


कलेक्टर ने कहा कि असाक्षरों में साक्षरता की अलख जगाने से जिले के शैक्षणिक रूप से पिछड़े पन को दूर करने में मदद मिलेगी। साक्षरता से ही इस क्षेत्र का समग्र एवं समृद्धशील विकास हो सकेगा। इस महती बैठक में सीईओ जिला पंचायत ए.बी. सिंह, डीपीसी आरपी लख्ेार, विभिन्न विभागों से जुड़े अधिकारी, स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि, सेवा निवृत्त सामाजिक शिक्षाविद गोविंद सिंह सहित समाजसेवी प्रतिनिधि उपस्थित रहें।


जिले की साक्षरता दर को शत-प्रतिशत करने के लिए युद्ध स्तर पर सामाजिक जुड़ाव के साथ जुड़ना होगा। यह अभियान गंभीर अभियान है। लक्ष्य हासिल करने के लिये हर बिंदुओं पर फोकस करना जरूरी है। कलेक्टर ने कहा कि वॉलेंटियर्स का डाटावेश और टीम की जानकारी स्वयंसेवी संगठन तैयार रखें और सूची डीपीसी को दे। जिससे इन वॉलेंटियर्स का उपयोग समुचित रूप से कर सकें। जिले की साक्षरता दर को ऊंचा उठाने के लिये रणनीति और समर्पण दोनों जरूरी है। इसके लिए सार्थक विज़न जरूरी है।


राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण भारत सरकार द्वारा प्रदेश में साक्षरता दर बढ़ाने के लिए शहरी एवं ग्रामीण क्षे़त्रों में 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के ऐसे वयस्क जो औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाये और जो औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने की उम्र पार कर चुके है उनके निरक्षरता उन्मूलन के लिये साक्षरता कार्यक्रम 31 मार्च 2022 तक संचालित होगा। जिसके तहत पढ़ना-लिखना अभियान में साक्षर बनाने की गतिविधि होगी।


1 अप्रैल 2022 से 2027 के 5 वर्षों तक नवभारत साक्षरता कार्यक्रम संचालित होगा। जिसमें असाक्षरतों बुनियादी एवं कार्यात्मक साक्षरता प्रदान की जाएंगी। लक्ष्य को हासिल करने के लिये सहयोग करने वाले शासकीय निकायों एवं स्वयंसेवी संगठनों के वॉलेंटियर सूची तैयार करने का निर्णय लिया गया।


प्रत्येक वॉलेंटियर्स 10 निरीक्षरों को आईपीसीएल पद्धति के रोचक तरीके से पढ़ना-लिखना सिखाएंगे। जो वॉलेंटियर और संस्थायें इसमें जो सहयोग करेंगी उन्हें अक्षर साथी कहा जाएंगा। जिनकी सूची संबंधित से ली जाकर कार्यक्षेत्र का बंटवारा होगा। बैठक में समाज के असाक्षर व्यक्तियों के चिंहाकन और साक्षरता केन्द्रों के निर्धारण, प्रचार-प्रसार की रणनीति और मॉनिटरिंग रिपोर्ट पर चर्चा की गई। इस अभियान में विद्यालयों एवं महाविद्यालयों, एनसीसी, एनएसएस, बीएड, स्काउड गाईड, जनअभियान परिषद, रिटायर शिक्षक, भूतपूर्व सैनिकों, पेंशनर संघ, नेहरू युवा केन्द्र, स्वच्छ भारत, आजीविका मिशन, महिला बाल विकास, बैंकर्स, स्वास्थ्य विभाग का सहयोग लिया जाएंगा। बैठक में उपस्थित प्रतिनिधियों द्वारा सकारात्मक सुझाव दिये गये।

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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