10 bigha land worth 50 crores rupees became government land again | 50 करोड़ रुपए की 10 बीघा जमीन फिर से हुई सरकारी – Gwalior News

विवेकानंद नीडम आरओबी के पास 10 बीघा जमीन (अनुमानित मूल्य 50 करोड़) के मामले में मप्र शासन को बड़ी सफलता मिली है। उन्नीसवें जिला न्यायाधीश धीरेंद्र सिंह परिहार ने शासन की अपील को स्वीकार करते हुए 30 अप्रैल 2001 में दिए षष्टम सिविल जज वर्ग-1 के निर्णय को
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सरकारी वकील एमपी बरुआ ने बताया- महलगांव स्थित जमीन राजस्व रिकॉर्ड में सरकारी के रूप में दर्ज है। वर्तमान में उक्त जमीन के कुछ भाग पर नीडम आरओबी का निर्माण किया है, जबकि कुछ भाग पर गैस एजेंसी का संचालन हो जा रहा है। 1990 में शांतिनाथ ने न्यायालय में दावा पेश किया, जिसमें खुद को 10 बीघा जमीन का स्वामी बताया। दावे में बताया कि गुरु-शिष्य परंपरा के चलते उसे यह जमीन मिली है। 2001 को न्यायालय ने दावा स्वीकार करते हुए शांतिनाथ को भूमिस्वामी घोषित किया।
इस आदेश के खिलाफ अपील में न्यायालय ने माना कि वादग्रस्त भूमि पर गुरू उदलनाथ का स्वत्व और आधिपत्य था। लेकिन हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम लागू होने के पश्चात उक्त अधिनियम की अनुसूची में उसका कोई उत्तराधिकारी नहीं है। इस कारण से शिष्य होने के आधार पर शांतिनाथ को उसकी भूमि पर कोई स्वत्व प्राप्त नहीं हुआ।
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