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स्टेडियम में 6 माह से तालाबंदी: फिजिकल टेस्ट की तैयारी करने वाले युवा परेशान; नवागत कलेक्टर से तैयारी कर रहे युवाओं की मांग शीघ्र खोला जाए स्टेडियम

Arvind Jain

छतरपुर. शहर के एक मात्र स्टेडियम को खेलों के लिए ओलंपिक स्तर की तैयारी की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए चार करोड़ रुपए खर्च कर निर्माण कार्य कराया गया है। इससे न केवल शहर बल्कि जिले की खेल प्रतिभाओं को स्तरीय प्लेटफॉर्म मिलेगा। लेकिन दूसरी ओर स्टेडियम खेल प्रतियोगिता व प्रतियोगी परीक्षाओं के फिजिकल टेस्ट की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए छह महीने से बंद हैं।

दूसरा विकल्प भी नहीं
आम युवाओं को आगे भी स्टेडियम में प्रवेश सभी को नहीं दिया जाएगा। ऐसे में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले युवा परेशान है। इन युवाओं को खेल मैदान की व्यवस्था नहीं होने से तैयारी करने में परेशानी उठानी पड़ रही है। युवा स्टेडियम के बाहर खाली जगह या 5 km दूर रेलवे स्टेशन के मैदान से काम चला रहे हैं। हालांकि ये मैदान दौड़ या अन्य तैयारी के हिसाब से मुफीद नहीं है। स्टेडियम के बाहर का मैदान उबड खाबड़ है। ऊपर से लबीं दौड़ के हिसाब का ग्राउंड नहीं है। वहीं, प्रशासन ने उनके लिए कोई दूसरा विकल्प नहीं तैयार किया है।

ये कहना है युवाओं का
हरिओम अग्रवाल का कहना है कि पुलिस के फिजिकल की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि हमें स्टेडियम की जरूरत है। क्योंकि बाहर का मैदान छोटा पड़ता है। पुलिस की तैयारी कर रहे पुष्पेंद्र सेन का भी कहना है कि स्टेडियम में अनुमति न मिलने से परेशानी हो रही है। हमें सुबह-शाम प्रेक्टिस करना होती है। इस छोटे मैदान में बारिश होने पर दो दिन तक प्रेक्टिस कर ही नहीं पाते हैं। लिखित परीक्षा पास कर फिजीकल की तैयारी कर रहे शिवम् सोनी ने कहा कि स्टेडियम के बाहर के ग्राउंड में काम चला रहे हैं। लेकिन बारिश होने पर प्रेक्टिस नहीं कर पाते हैं। संजय शर्मा का कहना है युवाओं को स्टेडियम की बेहद जरूरत है। तैयारी करने वाले युवाओं के लिए स्टेडियम खोला जाना चाहिए और निशुल्क ।


पूर्व कलेक्टर ने बनायीं कमेटी, बिना शुल्क नहीं कर सकेंगे प्रवेश
पंडित बाबूराम चतुर्वेदी महाराजा कॉलेज/छत्रसाल यूनिवर्सिटी की देखरेख में अभी तक संचालित होता आया है जो स्कूल कॉलेज छात्रों के अलावा आमजन के लिए भी निशुल्क प्रवेश था लेकिन जानकारी अनुसार तत्कालीन कलेक्टर संदीप जी आर ने एक कमेटी गठित कर दी है और अब आगे से स्कूल कॉलेज के छात्रों के अलावा आमजन भी बिना शुल्क (500 रुपये प्रतिमाह) स्टेडियम में प्रवेश नहीं कर सकेंगे मजेदार बात यह है कि इस कमेटी में ना तो महाराजा कॉलेज के स्पोर्ट्स अफसर और ना ही यूनिवर्सिटी के प्रबंधन में से किसी को इस कमेटी में लिया गया है। इसी प्रकार स्टेडियम के अंदर 15 लाख रुपये सांसद निधि से खर्च कर बैडमिंटन कोर्ट का निर्माण किया गया है जिसमें जिले के अधिकारीयों का कब्ज़ा है प्रतियोगी तैयारी करने वाले कॉलेज के छात्रों का प्रवेश यहाँ वर्जित रखा गया है जिससे खेलप्रेमियों में रोष व्यापत है।

अब नवागत कलेक्टर पार्थ जायसवाल से शहर के आमजन और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों की मांग है कि शहर के एक मात्र स्टेडियम को पहले की तरह आमजन के लिए खोला जाए और उसे निःशुल्क रखा जाए।

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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