कुंडलपुर महामहोत्सव: जैन समाज के महाकुंभ में उमड़ने लगा भक्तों का सैलाब

मध्य प्रदेश के दमोह जिले में जैन धर्म के ऐतिहासिक जैन तीर्थ कुंडलपुर में प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव जी की विशाल प्रतिमा के समक्ष इस सदी का देश का प्रथम ऐतिहासिक पंचकल्याणक महामहोत्सव संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी महाराज के अलावा 87 मुनियों, 157 माताजी के एक साथ मंच पर दर्शन करने उनके पावन सानिध्य में 16 से 23 फरवरी तक आयोजित होने वाले पंचकल्याणक महा महोत्सव का पुण्य लाभ प्राप्त करने के लिए लगभग 20 लाख लोगों के आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। बड़े बाबा की इस पद्मासन प्रतिमा के पंचकल्याणक महा महोत्सव देश के इतिहास का अपने आप में एक अद्वितीय प्रथम आयोजन हैं।

क्या है भव्य
कुंडलपुर में बड़े बाबा (जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ) का नागर शैली का दुनिया का सबसे बड़े मंदिर बनाया जा रहा है. जिसकी निर्माण लागत लगभग 500 करोड़ रुपये है. इस मंदिर में बड़े बाबा की तकरीबन एक हजार साल पुरानी प्रतिमा स्थापित की जा रही है. निर्माण समिति के अनुसार इस मंदिर के निर्माण में 12 लाख घन मीटर पत्थर का उपयोग किया गया है. अभी तक साढ़े 350 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं. मंदिर के शिखर की ऊंचाई 189 फीट तय की गई है. सैकड़ों कारीगर मंदिर परिसर में पत्थरों को स्वरूप देकर नक्काशी करने में जुटे हैं. कुंडलपुर पहुंचने वाले भक्त जमीन पर खड़े होकर ही मंदिर की भव्यता को निहार सकते हैं.
क्या है कार्यक्रम
पंचकल्याणक महोत्सव में सोमवार को घटयात्रा और ध्वजारोहण कार्यक्रम आचार्य विद्यासागर जी महाराज और समस्त मुनि संघ, आर्यिका माताजी के सानिध्य में सम्पन्न हुआ. मंगलवार 15 फरवरी मंगलवार को सकलीकरण, इंद्र प्रतिष्ठा और मंडप प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा.
कब से होगा महामहोत्सव
16 फरवरी से शुरू हो रहे पंचकल्याणक महामहोत्सव के लिए जहां देश-विदेश से लाखों की संख्या में जैन धर्मावलंबियों के आने की संभावनाएं जताई जा रही हैं. इस आयोजन में प्राण-प्रतिष्ठा के लिए विदेशों से भी पंचकल्याणक में शामिल होने प्रतिमाएं भी पहुंच रही हैं. इन प्रतिमाओं की यहां पर प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी और इसके उपरांत इन्हें संबंधित देशों में ले जाकर स्थापित कराया जाएगा.
पंचकल्याणक में भगवान के गर्भकल्याणक
पूर्व रूप से बुधवार 16 फरवरी से शुरू होगा.
17 फरवरी गुरुवार गर्भ कल्याणक उत्तर रूप
18 फरवरी शुक्रवार जन्म कल्याणक
19 फरवरी शनिवार तप कल्याणक पूर्व रूप में
20 फरवरी रविवार तप कल्याणक उत्तर रूप
21 फरवरी मंगलवार ज्ञान कल्याणक पूर्व रूप
22 फरवरी बुधवार ज्ञान कल्याणक उत्तर रूप और
23 फरवरी गुरुवार मोक्ष कल्याणक का भव्यता पूर्वक धार्मिक रीति रिवाज से आयोजित किया जाना है.
कितनी मूर्तियां होंगी स्थापित
आयोजन कमेटी के मीडिया प्रभारी महेंद्र जैन ने बताया कि इस पंचकल्याणक महामहोत्सव में अनेक देशों से आने वाली 1024 प्रतिमाओं की स्थापना की जाएगी. बड़े बाबा मंदिर और मूर्ति व्यवस्था के प्रभारी राजेश जैन के अनुसार मुख्य मंदिर के सामने सहस्त्रकूट में 1008 मूर्तियां स्थापित होना है. जो कि 21 से 27 इंच ऊंचाई की हैं. इसी तरह त्रिकाल चौबीसी, वर्तमान चौबीसी, पूर्व चौबीसी और भविष्य चौबीसी में मूर्ति स्थापित की जाना है. वहीं पंच बालयति की पांच-पांच प्रतिमाएं भी स्थापित होंगी जो 45 और 26 इंच की पद्मासन मुद्रा में होंगी. इस तरह 724 प्रतिमाएं पद्मासन में 15 इंच की, 220 प्रतिमाएं खडगासन में 25 इंच की, 12 प्रतिमाएं खडगासन में 39 इंच की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी. इन सभी प्रतिमाओं को सूरत की एक कंपनी के द्वारा निर्माण कराया गया है. इस आयोजन में अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन सहित अन्य देशों से भी प्रतिमाएं पंचकल्याणक में शामिल होने के लिए पहुंच रही हैं. इस आयोजन में महाराष्ट्र, झारखंड, कर्नाटक से भी प्रतिमाएं पहुंच रही हैं.

व्यापक व्यवस्थाएं आयोजन:
इस अभूतपूर्व धार्मिक आयोजन के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं। आयोजकों के अनुसार इसमें 20 लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है। आयोजन हेतु कुंडलपुर में 400 एकड़ जमीन का उपयोग कर वहां पर अस्थाई नगर बनाए गए हैं जिसमें करीब 1 लाख लोगों के रहने की व्यवस्थायें की गई है। इन अस्थाई नगरों में रिंग रोड भी तैयार किए गए हैं जिनमें नगर वाहन सेवा संचालित रहेगी। यात्रियों की सुविधा के लिए दमोह से 40 बसों की व्यवस्था भी की गई है इसके अलावा देखरेख के लिए लगभग 1500 कार्यकर्ताओं के अलावा अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात रहेगा जिसमें आईपीएस एवं अन्य अधिकारियों सहित 1000 पुलिसकर्मी शामिल हों