भाजपा हाईकमान प्रदेश की सत्ता में हर हालत में फिर कब्जा बरकरार रखने हेतु कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है। भाजपा के थिंक टैंक मध्यप्रदेश की धरती पर प्रयोग पर प्रयोग कर रहे हैं। इसी कड़ी में कई वर्तमान विधायकों के टिकट पर संकट के बादल साफ मंडरा रहे हैं। इसके अलावा भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और तीन केन्द्रीय मंत्रियों सहित सात सांसदों को टिकट दिए जाने के बाद, और भी कुछ बड़े चेहरों को प्रत्याशी की हैसियत से चुनाव मैदान में उतारने की कवायद जारी
पार्टी के आंतरिक सर्वेक्षण में कमजोर स्थिति में पाये गये तथा विवादित रहे अनेक विधायकों को टिकट से वंचित किया जा सकता है। बाप के कारण बेटे राजेश प्रजापति का चंदला से और बेटे के कारण सिंगरौली से राम लल्लू वैश्य का टिकट कटना तय माना जा रहा है। एक सरकारी अधिकारी के उत्पीड़न से बदनाम हुए सेमरिया विधायक के पी त्रिपाठी का टिकट पूरी तरह से खतरे में है।
विश्वस्त सूत्रों के हवाले से इसी तरह नागेन्द्र सिंह (गुढ़), विक्रम सिंह (रामपुर बघेलान), महेश राय(बीना), सीताशरण शर्मा(होशंगाबाद), प्रह्लाद लोधी (पवई), उमाकांत शर्मा (सिरोंज),नागेन्द्र सिंह (नागौद), राजश्री सिंह (शमशाबाद), राकेश पाल(केवलारी) और शरद कोल(ब्योहारी) के टिकट काटकर दूसरों को मौका दिया जा सकता है।
अभी तक घोषित सूची के कारण भाई केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल को नरसिंहपुर से उतारे जाने पर विधायक जालिम सिंह पटेल का टिकट काटा गया है। इंदौर एक से कैलाश विजयवर्गीय के प्रत्याशी बनाये पर उनके विधायक पुत्र आकाश का टिकट इंदौर तीन से खतरे में है। विधायक नारायण त्रिपाठी (मैहर) और केदारनाथ शुक्ला का टिकट काटा जा चुका है।
इसके अलावा सुरेंद्र पटवा (भोजपुर), राकेश गिरि गोस्वामी (टीकमगढ़), राजवर्धन सिंह (नरसिंहगढ़), नीना वर्मा (धार),रघुनाथ मालवीय (आष्टा), अनिल जैन( निवाड़ी), हरी सिंह सप्रे (कुरवाई), दिनेश राय मुनमुन (सिवनी) और सुलोचना रावत (जोबट) के टिकटों पर गंभीर संकट बना हुआ है। जहाँ नये चेहरों को मौका दिया जा सकता है।
कुछ बड़े चेहरों और नामों में से भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और सांसद बीडी शर्मा को भोपाल की किसी सीट अथवा पन्ना, केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को शिवपुरी अथवा ग्वालियर की किसी सीट और केन्द्रीय मंत्री वीरेन्द्र खटीक को बीना अथवा जतारा सीट से चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है।
भाजपा की अति शीघ्र होने वाली केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक के फैसले का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। जिससे अगली सूची में पता चल जायेगा कि किसका पत्ता साफ हो रहा है और किसे मौका मिलने वाला है?
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