मध्यप्रदेश

Golden Tower: People still on the streets after 16 days | गोल्डन टॉवर: 16 दिन बाद भी सड़कों पर लोग: फ्लैट मालिक बोले-बिल्डर और अधिकारी सांठगांठ करके बिल्डिंग को दुरुस्त करने में लगे – Gwalior News

गोल्डन टॉवर के जर्जर होने के बाद बेघर हुए लोग, सड़कों से रोज निहारते हैं बिल्डिंग

ग्वालियर के थाटीपुर स्थित चार मंजिला इमारत गोल्डन टॉवर में 16 जुलई को एक पिलर ध्वस्त होने के बाद बिल्डिंग एक तरफ झुक गई थी। कई फ्लैट में दरार आ गई। खतरनाक स्थिति में सभी 27 फ्लैट आधी को आनन-फानन में खाली कराए गए। 16 दिन बाद भी फ्लैट में रहने वाले सड़क

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दीवारों में, फ्लैट व पिलर में इस तरह बड़े-बड़े क्रेक आ गए हैं, कैसे रह सकेंगे लोग

लोगों ने पूछा कितने पिलर की मरम्मत कराओगे, फ्लैटों की दरार का क्या
16 जुलाई को एक पिलर ध्वस्त होने के बाद बिल्डर ने मरम्मत का काम शुरू करा दिया है, लेकिन हालत इतनी खराब है कि पांच दिन पहले दो नए पिलर में क्रेक आ गए थे। यह दो नए क्रेक बताते हैं कि बिल्डिंग लगातार जर्जर हो रही है। इस बात को नगर निगम के प्रभारी सिटी प्लानर प्रदीप जादौन भी मान चुके हैं। वह खुद नए दो पिलर मंे आई दरार के फोटो खींचकर ले गए थे। पीड़ित फ्लैट मालिकों का कहना है कि बिल्डर कितने पिलर सही कराएंगे। इसके बाद हमारे फ्लैट में जो दरार आई हैं उनका क्या। हमारा आशियाना तो हमेशा के लिए उजड़ ही गया है।
जर्जर बिल्डिंग में नहीं आएगी सुकून की नींद
स्थानीय फ्लैट मालिक शशि प्रभा जी ने बताया कि चलो मान लिया जाए बिल्डर मोहन बांदिल, नगर निगम के अधिकारियों से सांठगांठ कर बिल्डिंग को रहने योग्य का सार्टिफिकेट भी ले आए, क्या इसके बाद भी इसमें रहने वाले 27 परिवार अंदर बिल्डिंग में अपने-अपने फ्लैट मंे सुकून की नींद ले पाएंगे। हर समय यह आशंका या डर रहेगा कि यह बिल्डिंग कभी भी गिर सकती है।
रिफंड से बचने सांठगांठ की तैयारी, बिल्डिंग गिरी तो जिम्मेदार कौन ?
बिल्डर इस मामले में पीड़ित फ्लैट मालिकों को रिफंड देने या नई बिल्डिंग बनाकर देने से बचना चाहता है। यही कारण है कि अब गोल्डन टॉवर को लेकर सांठगांठ शुरू हो गई है। बिल्डर और उसके साझेदार यह जाते हैं के बिल्डिंग की अच्छे से मरम्मत कराकर फिर उसे नगर निगम के अधिकारियों से मिलकर MITS की टेक्निकल टीम से सांठगांठ कर रहने योग्य का सार्टिफिकेट लेकर इस पूरे मामले को खत्म करे। लोगों का कहना है कि ऐसा हुआ और उसके बाद बिल्डिंग गिरी या किसी की मौत हुई तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।
आंदोलन की रणनीति बना रहे पीड़ित फ्लैट्स मालिक
इस घटना के बाद से बिल्डर का रवैया गोल्डन टॉवर के पीड़ितों में गुस्सा बढ़ा रहा है। अभी तक बिल्डर मोहन बांदिल की ओर से एक बार भी लोगांे से मिलने का प्रयास तक नहीं किया गया है। अब बिल्डिंग में फ्लैट लेकर धोखाधड़ी का शिकार हुए लोगों ने आंदोलन की रणनीति बना ली है। बिल्डर मोहन बांदिल के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराने के साथ ही रिफंड या नई बिल्डिंग की मांग को लेकर जल्द बढ़ा कदम उठाने वाले हैं।
ऐसे समझिए पूरा मामला
शहर के थाटीपुर स्थित नेहरू कॉलोनी में गोल्डन टॉवर के नाम से पांच मंजिला इमारत है। जिसमें 27 फ्लैट हैं और सभी फ्लैट में लोग रह भी रहे थे। शहर की प्राइम लोकेशन होने पर यहां के लोगों ने ऊंचे दाम पर फ्लैट खरीदे थे। मंगलवार रात करीब 11 बजे गोल्डर टॉवर में उस समय हंगामा मच गया, जब मल्टी की पार्किंग में लोग पहुंचे तो उसका एक पिलर टूट चुका था। मल्टी एक तरफ को झुकने लगी थी। यह देखते ही वहां दहशत फेल गई। लोग फ्लैट से निकलकर सड़क की तरफ भागने लगे थे। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने तत्काल नगर निगम, रेस्क्यू दलों को सूचना दी। रात को नगर निगम कमिश्नर हर्ष सिंह स्पॉट पर पहुंच गए थे। पुलिस व रेस्क्यू दलों की मदद से तत्काल बचाव कार्य शुरू कर दिए। सबसे पहले सभी 27 फ्लैट खाली कराए गए। लोग जिस हालत में थे उसी हालत में उनको बाहर निकाला। इसके बाद जहां पिलर टूटा था वहां जैक लगाकर स्थिति को संभाला गया। पुलिस व रेस्क्यू दलों की टीमों ने तत्काल मल्टी के सभी 27 फ्लैट खाली करा लिए हैं। लोगों को साफ चेतावनी दी है कि यह मल्टी अभी सुरक्षित नहीं है, इसलिए यहां कोई नहीं रह सकता है। प्रशासन ने मल्टी गोल्डन टॉवर के बाहर चेतावनी बोर्ड लगा दिया है कि यह मल्टी रहने के लिए सुरक्षित नहीं है, इसलिए यहां अभी कोई भी नहीं रह सकता है।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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