पुतिन के ‘दोस्त’ ने भेज दीं 200 बड़ी तोपें, अब यूक्रेन पर बरसेगी आग, बदले…

Agency:आईएएनएस
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नॉर्थ कोरिया ने रूस को यूक्रेन के खिलाफ जंग में मदद के लिए 200 लंबी दूरी की तोपें और 11,000 सैनिक भेजे हैं. साउथ कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि प्योंगयांग और हथियार भेज सकता है.
उत्तर कोरिया ने रूस को लंबी दूरी की 200 तोपें भेजीं. (Image:IANS)
हाइलाइट्स
- उत्तर कोरिया ने रूस को 200 लंबी दूरी की तोपें भेजीं.
- उत्तर कोरिया ने रूस को 11,000 सैनिक भी भेजे.
- प्योंगयांग के और हथियार भेजने की संभावना.
सियोल. नॉर्थ कोरिया ने रूस को यूक्रेन के खिलाफ जंग में मदद के लिए लगभग 200 लंबी दूरी की तोपें भेजी हैं. इसके साथ ही प्योंगयांग की तरफ से और सैनिक व हथियार भेजने की संभावना है साउथ कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को यह दावा किया. संसदीय रक्षा समिति को दिए गए एक ब्रीफिंग में मंत्रालय ने कहा कि उत्तर कोरिया ने लगभग 11,000 सैनिक, मिसाइल, 200 लंबी दूरी की तोपें और पर्याप्त मात्रा में गोला-बारूद उपलब्ध कराया है. साथ ही प्योंगयांग आगे चलकर अतिरिक्त सैनिक, हथियार और गोला-बारूद उपलब्ध करा सकता है.
इससे पहले साउथ कोरिया की जासूसी एजेंसी ने कहा था कि नॉर्थ कोरिया ने रूस का समर्थन करने के लिए लगभग 11,000 सैनिक भेजे हैं. इनमें से 300 के मारे जाने और लगभग 2,700 अन्य के घायल होने की आशंका है. मंत्रालय ने कहा कि नॉर्थ कोरिया के इस साल अपने हथियारों के विकास पर दोगुना जोर दिए जाने की उम्मीद है दरअसल यह साल परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों, जासूसी उपग्रहों और ठोस ईंधन वाली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (आईसीबीएम) जैसे परिशोधित हथियारों को विकसित करने की प्योंगयांग की पंचवर्षीय योजना का अंतिम वर्ष है.
मंत्रालय ने संभावना जताई कि सैन्य सहायता के बदले उत्तर कोरिया को रूस की तकनीकी सहायता मिल सकती है. विशेष रूप से परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों और आईसीबीएम की वायुमंडलीय री-एंट्री तकनीक में रूस मदद कर सकता है. योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय ने अमेरिका और उत्तर कोरिया के रिश्ते पर भी अपना आकलने पेश किया. उसके मुताबिक ऐसा लगता है कि प्योंगयांग वाशिंगटन के साथ बातचीत करने के लिए अनुकूल परिस्थिति स्थापित करने की कोशिश कर रहा है.
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मंत्रालय ने हालांकि यह भी रेखांकित किया कि, उत्तर कोरिया ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अपने नेता किम जोंग-उन के साथ फिर से संपर्क करने की इच्छा जताने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. इसके बजाय, इसने मिसाइल परीक्षण किए हैं और किम ने परमाणु-सामग्री उत्पादन बेस की यात्रा की.
February 11, 2025, 17:31 IST
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