मध्यप्रदेश

The MLA who asked the youth to open a puncture shop said | युवाओं से पंचर की दुकान का कहने वाले विधायक बोले: मैं अपनी बात वापस लेता हूं, जाओ सब कलेक्टर बन जाओ; लोग हमें कलेक्टर बनने देंगे क्या – Guna News


कार्यक्रम को संबोधित करते गुना विधायक पन्नालाल शाक्य।

युवाओं से पंचर की दुकानें खोलने की बात कहने वाले गुना विधायक ने शुक्रवार को कहा कि मैं पंचर वाली बात वापस लेता हूं, जाओ सब कलेक्टर बन जाओ। कलेक्टर बन जाने देंगे क्या लोग हमको।

.

दरअसल, शुक्रवार को कारगिल विजय दिवस के 25 वर्ष पूरे होने पर भाजपा द्वारा स्थानीय लाल परेड ग्राउंड पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिकरवार, गुना विधायक पन्नालाल शाक्य सहित भाजपा नेता, कार्यकर्ता मौजूद रहे। मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर सतीश चतुर्वेदी मौजूद रहे। उन्होंने कारगिल विजय और भारतीय सेना के शौर्य पर प्रकाश डाला। इसके बाद भाजपाजनों ने पौधारोपण भी किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गुना विधायक गोपीलाल जाटव ने कहा कि “अब आप स्पष्ट समझ लीजिए। एक एक बात समझ लीजिए। मैंने पंचर की कहा, तो को भैया मैं अपनी बात को वापस लेता हूं, अब तुम सब कलेक्टर बन जाओ। तो कलेक्टर बन जाने देंगे क्या लोग हम को। मैं कह दूं कि को तुम सब MLA बन जाओ, सांसद बन जाओ। अरे…इतना सहज है क्या। मुझे ही 1977 से जाकर 2013 में मौका मिला। तो ये सब सहज है क्या? कल्पना करो। मैंने पंचर की दुकान की कही थी, तो इसका ये मतलब नहीं था कि लोग पंचर की दुकान करें। अपन तो तय करो ना कि अपना एक लक्ष्य है कि अपन उसको करते जाएं। हमने तो एक लक्ष्य माना था, कि चाहे कुछ हो जाए, हम एक बार चुनाव लडेंगे जरूर। इस जन्म में नहीं लड़ेंगे तो अगले जन्म में, अगले में नहीं तो उससे अगले ने। सात जन्म में हम चुनाव लडने की कोशिश करेंगे। और एक बार विधायक बन कर अपने आप को स्थापित करना चाहते हैं। तो परमात्मा ने हम को आशीर्वाद दिया। आप सब ने भी हमारा भरपूर सहयोग किया।

बोलेहजार साल से हम में जूते पड़ रहे

विधायक ने कहा कि “एक बात ध्यान से सुन लीजिए कि “जा को बैरी चैन से सोवे, ता के जीवन को धिक्कार।” अरे हजार साल से हम में जूते पड़ रहे हैं और हम बड़े आराम से सो रहे। और रही जीवन की बात, तो हम अपने जीवन में कोई एक लक्ष्य तय कर लें। मेरा आप सब से निवेदन है कि युद्ध की कथाएं और चर्चाएं बहुत अच्छी लगती हैं। लेकिन युद्ध के मैदान में खड़े होना, युद्ध के मैदान में तलवार चलाना, तब मालूम पड़ता है कि युद्ध की कथाओं से क्या ले रहे हैं हम। वास्तविक जीवन में कुछ प्रयोगात्मक अगर हम कुछ करना चाहते हैं, तो अपने को इस देश को बचाना है। इस समाज को बचाना है, इस धरती को बचाना है। इस देश की प्रकृति को बचाना है, परंपराओं को बचाना है।”

बोले थे- पंचर की दुकान खोल लो

14 जुलाई को प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के उद्घाटन समारोह में विधायक पन्नालाल शाक्य ने कहा था कि “इस महाविद्यालय को जो प्रधानमंत्री श्रेष्ठ महाविद्यालय का हम शुभारंभ कर रहे हैं। मेरा आप सब से निवेदन है कि केवल एक बोध वाक्य पकड़ लेना। ये कॉलेज की डिग्री से कुछ होने वाला नहीं है। मोटरसाइकिल की पंचर की दुकान खोल लेना, जिससे कम से कम अपना जीवन यापन चलता रहे। कॉलेज की डिग्री लेने के बाद। पेड़ लगाने का व्रत रखते हो तो हजारों पेड़ खुद लगाओ और खुद उनको सिंचित करो। हम यहां से पढ़ के निकल रहे हैं, पेड़ तो लगा दिया हमने, पानी डालने वाला कोई नहीं है उसमे। तो कैसे बढ़ेगा वो। मेरा आपसे निवेदन है, जरा लौट कर आओ भारतीय दर्शन को तरफ। हमारा सब का कल्याण हो जायेगा।”


Source link

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!