मध्यप्रदेश

The daughter’s body was taken out after extinguishing the burning pyre with water | जलती चिता को पानी से बुझाकर बेटी की लाश निकाली: पिता बोले- ससुरालवालों ने बेटी के हाथ-पैर काटे, इतनी दर्दनाक मौत देने की बताई वजह – rajgarh (MP) News

मध्यप्रदेश के राजगढ़ में चार दिन पहले (22 जुलाई) जलती चिता को बुझाकर 23 साल की एक महिला का शव निकाला गया। 80 फीसदी जल चुकी लाश को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन बॉडी की हालत देखकर पीएम करने वाले डॉक्टर भी चौंक गए।

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बॉडी सिर और धड़ में बंटी थी। हाथ-पैर गायब थे। ऐसे में डॉक्टर के पैनल ने बॉडी को फॉरेंसिक जांच के लिए हमीदिया अस्पताल भोपाल भिजवा दिया। अभी रिपोर्ट आनी बाकी है।

ससुरालवाले तो ताला लगाकर गायब हो गए हैं, लेकिन लड़की के परिवार वाले बेटी को न्याय दिलाने में जुटे हुए हैं। उनका आरोप है कि गहनों के लिए ससुरालवालों ने बेटी का मर्डर किया है। उन्होंने हाथ-पैर तक काटकर उसे जलाने की कोशिश की थी।

राजगढ़ से करीब 10 किमी दूर टांडीखुर्द गांव में 22 जुलाई को रीना तंवर की संदेहास्पद मौत हो गई थी। पुलिस की मौजूदगी में परिजनों ने शव को जलती चिता को बुझाकर ‎निकाला और हत्या का शक जाहिर किया। कालीपीठ पुलिस मामले की जांच कर रही है। अभी ससुरालवाले पुलिस की पहुंच से दूर हैं। उनकी तलाश के लिए एक टीम गठित की गई है।

दिलदहलाने देने वाली इस घटना के पीछे की वजह जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम ने लड़की के परिवार, पोस्टमार्टम में शामिल डॉक्टर और पुलिस से बात की… पढ़िए यह रिपोर्ट…

रीना के मौत की सूचना पर परिवार पहुंचा तो उसकी चिता जल रही थी, परिवार ने आग बुझाकर लाश को निकाला था।

7 साल पहले हुई थी शादी..

लक्ष्मणपुरा गांव के रहने वाले रामप्रसाद तंवर कहते हैं- दो बेटे बड़ा विष्णु तंवर (27) और छोटा राजेश तंवर (17) है। बेटी रीना तंवर (23) बीच की थी।

रीना की शादी 7 साल पहले 20 अप्रैल 2018 को कालीपीठ थाने के गांव‎ टांडीखुर्द के रहने वाले मिथुन तंवर‎ से हुई थी। करीब तीन साल बाद गौना कर उसे ससुराल विदा किया था। रीना की डेढ़ साल की एक बेटी है। रीना की जब मौत हुई, तब वह 4 महीने की गर्भवती थी।

पिता रामप्रसाद तंवर कहते हैं- दामाद मिथुन और उसके परिवारवालों ने कुछ समय पहले 7 लाख रुपए में 3 बीघा जमीन का सौदा किया था। कर्ज चुकाने के लिए दामाद और ससुरालवाले बेटी रीना से उसके गहने मांग रहे थे। बेटी गहने देने को तैयार नहीं थी।

ससुरालवालों ने दी थी धमकी, काटकर फेंक देंगे

बेटी के मना करने पर दामाद मिथुन और उसका बड़ा भाई प्रकाश तंवर मेरे पास रुपए मांगने आए थे। हमने पहले कई बार उन्हें रुपए दिए थे। अक्सर रुपए मांगने लगते और बेटी को परेशान करते थे। उस दिन डेढ़ लाख रुपए नहीं देने पर गुस्सा होकर चले गए थे।

खाली हाथ लौटने पर बेटी के ससुरालवाले गुस्से में आ गए थे। पति, जेठ प्रकाश तंवर, ससुर और सास राजुबाई तंवर बेटी रीना को प्रताड़ित करने लगी। गालियां देतीं और मारपीट करने लगीं। मुझसे कहा- रकम नहीं दी तो तुम्हारी बेटी को काटकर फेंक देंगे।

सोमवार को भी ससुरालवालों ने बेटी से उसके गहने मांगे होंगे, बेटी ने मना किया होगा। इसी गुस्से में उन लोगों ने मारपीट करते हुए उसकी हत्या कर दी होगी।

रीना के पिता रामप्रसाद तंवर का है कि दामाद ने परिवारवालों के साथ मिलकर रुपए के लिए बेटी की हत्या की है।

रीना के पिता रामप्रसाद तंवर का है कि दामाद ने परिवारवालों के साथ मिलकर रुपए के लिए बेटी की हत्या की है।

रिश्तेदार का फोन आया- बोला- तुम्हारी बेटी को मारकर जला रहे

पिता रामप्रसाद कहते हैं- जिस गांव में बेटी की शादी की थी, वहां हमारे कुछ रिश्तेदार रहते हैं। उस दिन हम घर पर ही थे। दोपहर 2 बजे हमें एक रिश्तेदार ने फोन पर बताया कि तुम्हारी बेटी की हत्या कर दी है। उसके हाथ-पैर काटकर वे लोग जला रहे हैं।

रीना तीन दिन ‎पहले ही मायके लक्ष्मणपुरा से ‎ससुराल टांडीखुर्द गई थी। तब तक ऐसी ‎कोई बात नहीं थी। अचानक से बेटी की मौत की सूचना, हमें तो ‎कुछ समझ ही नहीं आया।

सूचना मिलते ही मैं कुछ रिश्तेदारों को लेकर कालीपीठ थाने पहुंचा। यहां पुलिस को पूरी घटना बताई और पुलिसकर्मियों को लेकर बेटी के ससुराल पहुंचा, यहां कई नहीं मिला तो भागते हुए सीधे गांव के मुक्तिधाम पहुंचा।

यहां भी हमें कोई नजर नहीं आया। संभवत: हमारे आने की जानकारी लगने से वे जलती चिता छोड़कर भाग निकले थे। हमने पुलिस और ग्रामीणों की मदद से मुक्तिधाम के पास ही बरसाती नाले से पानी लेकर चिता को बुझाया और अधजले शव को चिता से बाहर निकाला। शव को शॉल में लपेटकर राजगढ़ अस्पताल लेकर आए। बेटी का शव 80 प्रतिशत तक जल चुका था।

रीना की मौत के बाद पिता पुलिस के पास पहुंचे थे। पुलिस को लेकर वे मुक्तिधाम गए थे।

रीना की मौत के बाद पिता पुलिस के पास पहुंचे थे। पुलिस को लेकर वे मुक्तिधाम गए थे।

सास भी गहनों के लिए करती थी प्रताड़ित

बड़े भाई विष्णु तंवर ने बताया कि शादी के समय ससुरालवालों ने सोने और चांदी के गहने रीना को दिए थे। इन्हीं जेवर के लिए सालभर पहले रीना और उसकी सास के बीच खूब विवाद हुआ था। सास उससे गहने मांग रही थी।

ससुरालवालों ने उसके साथ मारपीट की थी। जानकारी लगते पर हम रीना को अपने साथ ले आए थे। वह करीब 4 महीने मायके में ही रही थी। ससुरालवाले उसे लेने आए थे, लेकिन हमने भेजने से मना कर दिया था।

बोकड़िया गांव में रहने रीना के मामा ससुर कालू तंवर और रघुनाथ तंवर घर आए थे। उन्होंने कहा- रीना को ससुराल भेज दो, अब वो लोग किसी प्रकार से विवाद नहीं करेंगे। मैं इसकी गारंटी लेता हूं, रीना को कोई दुःख नहीं होगा।

उनके कहने के बाद दामाद मिथुन रीना को अपने साथ लेकर गया था। 15 दिन पहले फिर से मिथुन और उसके परिजनों ने गहने मांगते हुए बहन से विवाद किया था। बहन ने मना किया तो 13 जुलाई को बहन का जेठ प्रकाश हमारे घर आया और उसने कहा हमने जमीन खरीदी है। उसके पैसे देने हैं, रीना हमें जेवर नहीं दे रही है। आप उससे जेवर दिलवा दो या फिर हमें डेढ़ लाख रुपए दे दो, हमने उन्हें पैसे देने से मना कर दिया।

अगले दिन हमारा जमाई मिथुन आया उसने भी डेढ़ लाख रुपए की मांग की हमने उससे भी मना कर दिया। पांच दिन पहले वह मायके आई थी। दो दिन यहां रहने के बाद तीन दिन पहले ही ससुराल गई थी। जिसके बाद उन्होंने इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया।

रीना की बॉडी 80 फीसदी जल चुकी थी। उसे कपड़े में बांधकर पोस्टमार्टम के लिए ले गए थे।

रीना की बॉडी 80 फीसदी जल चुकी थी। उसे कपड़े में बांधकर पोस्टमार्टम के लिए ले गए थे।

पान ठेले पर बहन की मौत की सूचना मिली

रीना के रिश्ते में भाई लगने वाले राधेश्याम तंवर (19) ने बताया- रीना की मौत की खबर उसके परिजनों को नहीं दी गई थी। मैं, उस दिन प्रेमपुरा गांव में रहने वाले अपने मामा के यहां से लौट रहा था। टांडी जोड़ पर पान की गुमटी पर कुछ लोग बात कर रहे थे कि लक्षमणपुरा की रहने वाली रीना की मौत हो गई है। यह सुनते ही मेरे होश उड़ गए, मैंने तत्काल घर पर फोन लगाकर इसकी जानकारी दी। मैं तत्काल कालीपीठ पुलिस के पास पहुंचा। परिवारवाले भी कुछ देर बाद वहां आ गए।

परिवार का आरोप है कि रीना की चिता को आग लगाकर ससुरालवाले मुक्तिधाम से भाग गए थे।

परिवार का आरोप है कि रीना की चिता को आग लगाकर ससुरालवाले मुक्तिधाम से भाग गए थे।

बॉडी से हाथ-पैर गायब थे, सिर और धड़ अलग थे

राजगढ़ जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ. रिचा गौर उस दिन महिला के पोस्टमार्टम के लिए बने पैनल में शामिल थीं। उन्होंने बताया कि महिला की डेड बॉडी पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल लाई गई थी। जब हमारी टीम पहुंची तो बॉडी की हालत देखकर हम खुद हैरान हो गए।

कमरे में महिला का अधजला शव रखा हुआ था। शरीर पर न तो हाथ थे, न पैर। लाश, सिर और धड़ में बंटी हुई थी। ऐसे में महिला का पोस्टमार्टम करना यहां संभव नहीं था। ऐसे में पैनल ने तय किया की लाश को फाॅरेंसिक जांच के लिए भेजा जाए। इसके बाद उसे हमीदिया अस्पताल भोपाल भेज दिया गया।

रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट होगा

मामले में हम अभी जांच कर रहे हैं। रीना के परिजनों के बयान ले लिए गए हैं। ससुराल वाले फरार हैं। महिला की मौत कैसे हुई है, इस पर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कह पाएंगे।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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