मध्यप्रदेश

Case of bribery and embezzlement in subsidy cases | सब्सिडी केसों में घूस और गबन का मामला: 8 साल पहले भ्रष्टाचार, अब 3 अफसरों की पेंशन जब्त होगी, दो बर्खास्त होंगे – Bhopal News


किसान ने अनुदान नहीं मांगा, लेकिन उद्यानिकी विभाग के क्लास वन अफसरों ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में मिलने वाली सब्सिडी का बोगस केस बनवाकर लाखों रुपए एक निजी कंपनी को दिलवा दिए। आठ साल पहले हुए इस फर्जीवाड़े में शामिल 4 अफसरों पर अब बड़ी कार्रवाई ह

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केस 1 : 12 लाख के भुगतान के लिए 3 बार घूस
पीएम कृषि सिंचाई योजना में ड्रिप व स्प्रींकलर सिंचाई संयंत्रों की स्थापना पर 55% तक सब्सिडी मिलती है। वर्ष 2013-14 व 2014-15 में सिवनी में काम करने वाली संस्था हर्बल अगुवा इंडिया प्रा.लि. व दक्षा कृषि केंद्र को 12 लाख रु. सब्सिडी का भुगतान होना था। उद्यानिकी के तत्कालीन असिस्टेंट डायरेक्टर प्रदीप कुमार चौधरी (रिटायर) ने डेढ़ साल तक पैसा रोका। फिर 3 बार घूस मांगी। फर्जीवाड़ा साबित होने के बाद पेंशन-ग्रेच्युटी वापसी की कार्रवाई हुई है।

केस 2 : किसान के नाम पर उठाई सब्सिडी
आगर-मालवा में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत सब्सिडी का 14.20 लाख रु. कंपनी पिंक विजन एग्रोटेक को दिया गया। उद्यानिकी विभाग के तत्कालीन डिप्टी डायरेक्टर आरसी पिपल्दे, विकास खंड प्रभारी देवीलाल रांगोटा, उद्यान विकास अधिकारी दिनेश चंद्र चौहान, अनिल बिरला की भूमिका संदिग्ध मिली। रांगोटा व बिरला को बर्खास्त करने, पिपल्दे व चौहान की पेंशन जब्त करने की कार्रवाई प्रस्तावित है।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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