मध्यप्रदेश

Hospital operator’s daughter cheated by offering her an online job | हॉस्पिटल संचालक की बेटी को ऑनलाइन जॉब देकर ठगा: 15 ठगों ने टेलीग्राम एप पर छह ग्रुप में जोड़कर ठगे 41.5 लाख रुपए – Gwalior News


ग्वालियर के सिटी सेंटर में आलोक नर्सिंग होम के संचालक की विवाहित बेटी को ठगों ने ऑनलाइन जॉब ऑफर की। करीब 15 ठगों ने डॉक्टर की बेटी को टेलीग्राम एप पर छह अलग-अलग ग्रुप पर सदस्य बनाया। उसे अलग-अलग तरह के टास्क दिए गए। ठगों ने 9 जून से 24 जून के बीच डॉक

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ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब का झांसा देकर यह पूरी ठगी की गई है। ठगी का पैसा करीब 10 राज्यों के 15 से ज्यादा बैंक खातों में पहुंचा है। इस मामले की शिकायत डॉक्टर की बेटी ने क्राइम ब्रांच में की थी। जिस पर जांच के बाद पुलिस ने गुरुवार रात को मामला दर्ज किया है।

ठगों ने डॉक्टर की बेटी को ऐसे जाल में फंसाया
शहर के सिटी सेंटर स्थित महलगांव में डॉ. देवेंद्र गुप्ता और उनकी पत्नी डॉ. प्रभा गुप्ता, आलोक नर्सिंग होम का संचालन करते हैं। हॉस्पिटल संचालक डॉक्ट की बेटी दिशा का मोबाइल नंबर को किसी ने 9 जून की शाम को 609-A18-5- अर्न फाइव थाउजेंड विथ अस नाम के व्हाट्स एप ग्रुप से जुड़ गया। फिर इस ग्रुप पर पार्ट टाइम जाब के मैसेज आना शुरू हो गए। दिशा ने मैसेज पर क्लिक किया तो मूवी की रेटिंग का टास्क मिला। टास्क पूरा करने पर स्क्रीन शाट शेयर किया तो उनके खाते में 50 रुपये आ गए। इस तरह अलग-अलग टास्क दिए गए तो पहले पांच दिन कभी 1500 रुपए तो कभी एक हजार रुपए का मुनाफा हुआ। जब डॉक्टर की बेटी ठगों के जाल में फंस गई और घर बैठे-बैठे उसे प्रॉफिट होने लगा तो वह हर तरह के टास्क पूरे करने के लिए उत्साहित नजर आई।
पहला बड़ा टास्क पांच हजार रुपए का फिर हड़पे 41.50 लाख रुपए
इसके बाद डॉक्टर की बेटी को टेलीग्राम एप के छह अलग-अलग ग्रुप में जोड़कर कई तरह के टास्क देकर हर दिन 5 हजार रुपये तक कमाने का लालच दिया गया। दिशा से पहले रुपये लिए गए, उन्हें झांसा दिया गया कि यह रुपये अभी जमा होंगे, लेकिन जब टास्क कंप्लीट हो जाएगा तो मुनाफे के साथ पैसा खाते में वापस आ जाएगा। एक बार प्रॉफिट के साथ रुपए वापस भी लिए, लेकिन इसके बाद अलग-अलग बार में करीब 41.50 लाख रुपए अलग-अलग बैंक खातों में टास्क के लिए जमा कराए गए।
इनकम टैक्स अधिकारी का फोन आया, तब ठगी का अहसास हुआ!
ठग इतने शातिर हैं कि डॉक्टर की बेटी दिशा से जो रुपए अकाउंट में जमा करा रहे थे वो उसे प्राफिट के साथ अकाउंट में दिख रहे थे, लेकिन जब दिशा ने रुपए निकालने का प्रयास किया तो रुपए निकले नहीं। तभी एक काल दिशा के पास आया, जिसने खुद को इनकम टैक्स का अधिकारी बताया और कहा कि उन्हें लाखों रुपए की कमाई हुई है, इसलिए रुपए तभी निकाल सकेंगी जब इनकम टैक्स का भुगतान करेंगी। तब दिशा को ठगी का अहसास हुआ। दिशा ने परिजन को बताया। इसके बाद डाक्टर दंपत्ति बेटी को लेकर एसपी आफिस पहुंचे। यहां पुलिस अधिकारियों से शिकायत की।
10 राज्यों के 15 खातों मे गई जमा की हुई रकम
जब पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने इसकी जांच की तो पता लगा कि डॉक्टर की बेटी के खाते से जमा किए गए रुपए मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड सहित 10 से ज्यादा राज्यों के 15 से ज्यादा बैंक खातों में ट्रांसफर हुए हैं। अब साइबर क्राइम टीम इन अकाउंट की डिटेल निकालकर इनके खाता धारकों को हिरासत में लेने के लिए तैयारी कर रही है।
इस तरह की ठगी से बचने के लिए क्या करें
साइबर क्राइम सेल के सब इंस्पेक्टर धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि वाट्स एप ग्रुप पर एक फीचर होता है। जिसमें कोई भी हमारा नंबर किसी ग्रुप, कम्युनिटी में एड कर सकता है। इस फीचर को डिसेबल कर दिया जाए तो आपकी अनुमति के बिना कोई भी आपको किसी ग्रुप में एड नहीं कर सकेगा। यही इस मामले में गलती हुई और पढ़ी लिखी दिशा गुप्ता पत्नी हिमांशु बंसल इतनी बड़ी ठगी का शिकार हो गईं।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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