Mp Weather News:प्रदेश में जारी है शीतलहर का प्रकोप, शासन ने जारी की एडवाइजरी, इस तरह करें बचाव – Advisory Continues Regarding Cold Wave Outbreak In The State

MP Weather News: मध्य प्रदेश में इन दिनों कड़ाके की ठंड का दौर जारी है और ऐसे में सर्द मौसम के चलते बीमार होने का खतरा भी बढ़ जाता है। खासकर छोटे बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए तो इस मौसम में बचाव के उपाय करना और भी अधिक जरूरी हो जाता है। इसी के चलते प्रदेश के बड़वानी जिले में जलवायु परिवर्तन संबंधी बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जिले के कलेक्टर डॉ. राहुल फटिंग ने बेसहारा लोगों के लिए बने रैन बसेरे की व्यवस्था को ठीक करने के निर्देश दिए।

प्रदेश में जारी है शीतलहर का प्रकोप
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बड़वानी जिले में सोमवार को जलवायु परिवर्तन की बैठक रखी गई थी, जिसमें जिला कलेक्टर ने सर्द मौसम को देखते हुए नागरिकों की सुरक्षा के लिए कई उपाय करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ठण्ड के मद्दनेजर रैन बसेरा की व्यवस्था एवं साफ-सफाई ठीक हो, जिससे कि रात्रि के समय कोई भी व्यक्ति रैन बसेरा में आकर ठहर सके। तो वहीं जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. मनोज खन्ना ने बताया कि शासन के द्वारा शीत लहर के संबंध में एडवाइजरी जारी की गई है। जिसे ध्यान रखते हुए शीतलहर के प्रकोप से बचा जा सकता है।
शीतलहर प्रबंधन में निम्न बातों का ध्यान रखा जाये
- पर्याप्त मात्रा मे गर्म कपड़े जैसे दस्ताने, टोपी, मफलर एवं जुते आदि पहने। शीत लहर के समय चुस्त कपड़े ना पहने। यह रक्त संचार को कम करते हैं। इसीलिए हल्के ढीले-ढाले एवं सूती कपड़े बाहर की तरफ एवं ऊनी कपड़े अंदर की तरफ पहने। शीत लहर के समय जितना संभव हो सके घर के अंदर ही रहे और कोशिश करें कि अति आवश्यक हो तो ही बाहर यात्रा करें।
- अपने पास आवश्यक खाद्य पदार्थ, पानी, ई बैटरी चार्जर, इमरजेंसी साइट एवं आवश्यक दवा तैयार रखे।
- शीत लहर के समय विभिन्न प्रकार की बीमारीयों की संभावना अधिक बढ़ जाती है। जैसे फ्लू चलना, सर्दी, खांसी एवं जुकाम आदि के लक्षण हो जाने पर स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं या चिकित्सक से संपर्क करे।
- अल्प तापवस्था के लक्षण जैसे सामान्य से कम शरीर का तापमान, न रूकने वाली कपकपी, याददाश्त चले जाना, बेहोशी या मुर्छा की अवस्था हो जाना, जबान का लडखड़ाना आदि प्रकट होने पर उचित इलाज किया जाये।
- पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों से युक्त भोजन ग्रहण करे एवं शरीर की प्रतिरक्षा बनाए रखने के लिए विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं एवं नियमित रूप से गर्म तरल पदार्थ अवश्य पीयें।
- अत्यधिक ठंड के समय दीर्घकालिन बीमारियों जैसे डायबिटिज, उच्च रक्तचाप श्वास संबंधी बीमारीयो वाले मरीज, वृध्द पुरुष एवं महिलाएं जिनकी आयु 64 वर्ष से अधिक और 6 वर्ष से कम आयु के बच्चे सहित गर्भवती महिलाएं आदि को ऐसी स्थिति में देखभाल करें।
- अधिक ठंड पड़ने पर पर्याप्त वेंटिलेशन होने पर ही रूम हीटर का उपयोग कर एवं बंद कमरे गर्म करने के लिए कोयले का उपयोग ना करे। क्योंकि यह कोयला जलने पर कार्बन मोनोआक्साईड उत्पन्न होती है, जोकि हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, इससे किसी की मृत्यु भी हो सकती है।
- अधिक ठंड पड़ने पर जहां तक संभव हो सके पालतु जानवरों को घर के अंदर ही रखे।
- अत्यधिक ठंड पडने से प्रभावित शरीर के हिस्से पर मालिश ना करे, इससे अधिक नुकसान हो सकता है।
- शीतलहर में अधिक ठंड के लम्बे समय तक सम्पर्क में रहते से त्वचा कठोर एवं सुन्न कर सकती है। शरीर के अंगों जैसे हाथ पैर की उंगलिया, नाक एवं कान में लाल फफोले हो सकते है। शरीर के भाग के मृत हो जाने पर त्वचा का लाल रंग बदलकर काला हो सकता है। यह बहुत खतरनाक है और गैंग्रीन रोग कहा जाता है। इसके लिए तत्काल चिकित्सक से परामर्श ले।
- शीतलहर के संपर्क में आने से फोस्टवाइट एवं हाईपोथरिया बीमारी हो सकती है।
- शीतलहर के संपर्क में आने से फास्टबाईट होने पर शरीर के अंगो जैसे हाथ-पैर की उंगलिया सुन्न हो जाना, नाक एवं कान की त्वचा का रंग सफेद एवं पीला हो जाना आदि लक्षण पाये जाने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श ले।
- शीत लहर के संपर्क में आने से होने पर शरीर के तापमान में पानी आ सकती है, जिसके कारण बोलने मे कठिनाई, नींद न आना, मांसपेशियों का सुचारू रूप से कार्य न करना, सांस लेने में कठिनाई आदि लक्षण पाये जाने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें।
- शीत लहर से संबंधित प्राथमिक उपचार हेतु अधिक जानकारी के लिए एनडीएमए एप्प फालो किया जा सकता है।
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