मध्यप्रदेश

Three killed for 1.5 acres of land in MP: After killing two people from the opposition, he shot his own family member in the leg to trap them, he died | मुरैना में ट्रिपल मर्डर की मिस्ट्री: खूनी संघर्ष में दो हत्याओं के बाद भतीजे ने चाचा को मारी थी गोली, विरोधियों को फंसाने की साजिश – Madhya Pradesh News

मुरैना जिले के अंबाह में 11 जुलाई को सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर तीन लोगों की हत्या कर दी गई। शुरुआत में पुलिस को लगा कि ये खूनी वारदात दो पक्षों के बीच हुई है। पुलिस दोनों पक्षों के खिलाफ मामला दर्ज करने की तैयारी कर रही थी।

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तभी जानकारी मिली कि जिन तीन लोगों की हत्या की गई है वो एक ही पक्ष ने की है, यानी दूसरे पक्ष की तरफ से गोलियां ही नहीं चली थीं। इसके बाद पुलिस ने तफ्तीश की तो पता चला कि एक पक्ष ने दूसरे पक्ष को हत्या के प्रयास के मामले में फंसाने के लिए पूरी साजिश रची थी, लेकिन दांव उल्टा पड़ गया।

ये मामला अंबाह के गीलापुर गांव का है। जहां राधाचरण शर्मा और गिर्राज शर्मा के बीच सवा बीघा सरकारी जमीन को लेकर पिछले 4 साल से विवाद चल रहा था। मामला कहासुनी तक ही था, लेकिन 11 जुलाई को दोनों पक्ष आमने सामने आ गए।

विवाद के बाद गिर्राज शर्मा ने राधाचरण शर्मा के भाई और बेटे की हत्या कर दी। इसके बाद गिर्राज ने राधाचरण और उसके परिवार को हत्या के प्रयास में फंसाने की साजिश रची और अपने सगे चाचा श्यामबाबू शर्मा को पैर में गोली मारी थी, लेकिन ज्यादा खून बहने से श्यामबाबू ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने ट्रिपल मर्डर की इस मिस्ट्री का कैसे खुलासा किया? पढ़िए रिपोर्ट

अब जानिए क्या है सवा बीघा सरकारी जमीन का मामला

दोनों पक्ष यानी राधाचरण शर्मा और गिर्राज शर्मा गीलापुरा गांव में रहते हैं। दोनों के पास 40-40 बीघा जमीन है। 4 साल पहले गिर्राज शर्मा के दिव्यांग चाचा श्यामबाबू ने राधाचरण शर्मा के परिवार से 2 बीघा जमीन 15 लाख रु. में खरीदी थी। इस जमीन से सटी हुई सवा बीघा सरकारी जमीन भी शामिल थी।

दरअसल, श्यामबाबू के परिवार का 4 साल से इस जमीन पर कब्जा था। राधाचरण के परिवार से जमीन खरीदने के पीछे मंशा यही थी कि सरकारी जमीन पर भी कब्जा हो सके। मगर राधाचरण शर्मा का परिवार भी इस सरकारी जमीन पर अपना कब्जा जताता था।

उनका कहना था कि उनके परिवार के सदस्य ने खुद की 2 बीघा जमीन बेची है, सरकारी जमीन नहीं। इसे लेकर दोनों परिवारों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। हालांकि ये विवाद कहासुनी तक सीमित था।

इस खेत पर ट्रैक्टर से जुताई करने को लेकर दोनों पक्षों के बीच हुआ था विवाद।

इस खेत पर ट्रैक्टर से जुताई करने को लेकर दोनों पक्षों के बीच हुआ था विवाद।

क्या हुआ था 11 जुलाई को जो दोनों पक्षों में खूनी संघर्ष हुआ

अंबाह पुलिस के मुताबिक 11 जुलाई को राधाचरण शर्मा के भाई अमरीश उर्फ डिब्बा शर्मा और बेटे अभिषेक ने गिर्राज शर्मा के परिवार को चुनौती दी थी कि वे सरकारी जमीन पर कब्जा करेंगे, जिसे रोकने की हिम्मत हो, वो रोक ले।

इसके बाद चाचा-भतीजा ट्रैक्टर लेकर सरकारी जमीन की जुताई करने पहुंच गए। दोपहर 11.30 बजे के लगभग दूसरा पक्ष यानी गिर्राज उसका भाई बृजमोहन, धीरेंद्र, आसाराम, गिर्राज के भतीजे अमन और शेरू हथियारों से लैस होकर सरकारी जमीन पर पहुंचे।

दोनों पक्षों में पहले कहासुनी हुई फिर मारपीट होने लगी। इसी दौरान अमन शर्मा ने राइफल से दो राउंड फायर किए। एक गोली अमरीश उर्फ डिब्बा शर्मा और दूसरी गोली भतीजे अभिषेक के सिर में लगी। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।

ढाई घंटे बाद हमलावर पक्ष एक घायल को लेकर पहुंचा अस्पताल

इस खूनी संघर्ष के ढाई घंटे बाद दोपहर ढाई बजे के लगभग गिर्राज शर्मा और अमन शर्मा अंबाह अस्पताल पहुंचे। उनके साथ गिर्राज का दिव्यांग चाचा श्याम बाबू शर्मा भी था जो घायल हालत में था। उसके पैर में गोली लगी थी।

गिर्राज और अमन ने पुलिस को बताया कि राधाचरण शर्मा के पक्ष की तरफ से चली गोली में श्यामबाबू शर्मा घायल हुआ है। अस्पताल में भर्ती होने के कुछ देर बाद श्यामबाबू ने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों ने बताया कि अधिक खून बहने से श्यामबाबू को बेहोशी की हालत में अस्पताल लाया गया था।

पुलिस ने अमरीश और अभिषेक की हत्या के मामले में गिर्राज और अमन को हिरासत में लिया । श्यामबाबू की हत्या के मामले में पुलिस राधाचरण शर्मा और उसके परिवार के खिलाफ मामला दर्ज करने की तैयारी कर रही थी, तभी पुलिस को ऐसी जानकारी मिली जिससे मामले ने यू टर्न ले लिया।

खूनी संघर्ष में अभिषेक और अमरीश की मौके पर ही मौत हो गई थी।

खूनी संघर्ष में अभिषेक और अमरीश की मौके पर ही मौत हो गई थी।

गन शॉट के निशान से हुआ साजिश का खुलासा

गिर्राज शर्मा और अमन शर्मा जब श्यामबाबू को अस्पताल लेकर आए तब उसके पैर में गन शॉट के निशान से पुलिस को संदेह हुआ। पैर के चारों तरफ गन शॉट के काले निशान मिले। पुलिस ने फॉरेंसिक एक्सपर्ट से मशविरा किया तो पता चला कि ऐसा तभी संभव है जब पैर में गोली सटा कर मारी जाती है।

जबकि खेत में हुए खूनी संघर्ष में दूसरे पक्ष के किसी सदस्य के घायल होने की सूचना पुलिस को नहीं मिली थी। प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ में भी यही पता चला था कि एक ही पक्ष के दो लोगों की हत्या हुई है। जबकि, दूसरे पक्ष के लोगों को हल्की चोटें आई हैं।

साथ ही खूनी संघर्ष के ढाई घंटे बाद श्यामबाबू को अस्पताल लाया जाना भी पुलिस के शक की वजह बना। पुलिस ने जब इस संबंध में गिर्राज और अमन से पूछताछ की तो दोनों ने विरोधाभासी बयान दिए।

श्यामबाबू को पैर में गोली लगने के बाद घायल हालत में अस्पताल लाया गया। जहां उसने दम तोड़ दिया।

श्यामबाबू को पैर में गोली लगने के बाद घायल हालत में अस्पताल लाया गया। जहां उसने दम तोड़ दिया।

पुलिस ने सख्ती की तो हुआ साजिश का खुलासा

गिर्राज शर्मा और अमन शर्मा के अलग-अलग बयान के बाद अंबाह पुलिस और एसडीओपी रवि भदौरिया ने सख्ती की। दोनों को अलग-अलग कर फिर से बयान लिए गए। अमन को बताया गया कि गिर्राज ने सारी असलियत बता दी है, तुम भी सच बता दो, तो बच जाओगे।

अमन ने बताया कि दोहरे हत्या के बाद वह पोरसा थाना क्षेत्र के गिदौली गांव स्थित अपने ननिहाल चला गया था। वहां गिर्राज ने दोहरे मर्डर के बचाव के लिए एक प्लान बनाया। तय हुआ कि अपने पक्ष का भी कोई घायल हो जाए तो दूसरे पक्ष के खिलाफ भी हत्या के प्रयास का प्रकरण दर्ज हो सकता है।

श्यामबाबू दिव्यांग थे। उनकी शादी भी नहीं हुई थी। श्यामबाबू ने ही प्रस्ताव दिया कि मेरे पैर में गोली मार दो। इससे दूसरे पक्ष पर हत्या के प्रयास की धाराओं में प्रकरण दर्ज हो जाएगा। साजिश के तहत गिर्राज और अमन, श्यामबाबू को गिदौली गांव के बाहर एक खेत में ले गए।

वहां रायफल से श्यामबाबू के पैर की पिंडली में गोली मारी, लेकिन गोली पैर की मुख्य नस को चीरते हुए गहरा घाव कर गई। गोली लगने के बाद श्यामबाबू के पैर से खून का रिसाव तेजी से होने लगा। उनकी हालत बिगड़ती चली गई।मरणासन्न हालत में वे ढाई घंटे बाद अंबाह जिला अस्पताल पहुंचे। जहां थोड़ी देर बाद श्यामबाबू ने दम तोड़ दिया।

गीलापुरा गांव में हुए खूनी संघर्ष के बाद गांव के लोग भयभीत है।

गीलापुरा गांव में हुए खूनी संघर्ष के बाद गांव के लोग भयभीत है।

पुलिस ने गिदौली गांव से खून से सनी मिट्‌टी का सैंपल जब्त किया

अंबाह पुलिस ने इस खुलासे के बाद गिर्राज व अमन को लेकर गिदौली गांव पहुंची। वहां दोनों की निशानदेही पर उस खेत में पहुंची, जहां श्यामबाबू के पैर में गोली मारी गई थी। घटनास्थल से पुलिस ने खून से सनी मिट्‌टी जब्त किए।

मिट्‌टी के सैंपल को जांच के लिए एफएसएल लैब भेजा है। इस खुलासे के बाद मुरैना एएसपी अरविंद सिंह भी आरोपियों से पूछताछ करने पहुंचे। वारदात में इस्तेमाल राइफल व कट्‌टा भी जब्त किया है। डबल मर्डर के अलावा अंबाह पुलिस ने गिर्राज के खिलाफ श्यामबाबू की हत्या का मामला भी दर्ज किया है।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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