The employees who came to demand their salary were taken to the police station | वेतन मांगने आए कर्मचारियों को पुलिस थाने पहुंचाया: विश्वविद्यालय ने 2022 में रखे गए 20 कर्मचारी का 11 महीने से वेतन नही दिया – Ujjain News

विक्रम विश्वविद्यालय में माह अप्रैल 2022 में रखे गए 20 कर्मचारी के वेतन का मामला अभी भी अटका हुआ है। ऐसे में कर्मचारी अपने वेतन के लिए विश्वविद्यालय के चक्कर काट रहे हैं। मंगलवार को पांच कर्मचारी कुलपति से चर्चा करने पहुंचे थे। कुलपति बिना चर्चा किए
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विक्रम विश्वविद्यालय में मंगलवार को अपने वेतन को लेकर चर्चा करने के लिए कुलपति कार्यालय में पांच कर्मचारी पहुंचे थे। इस दौरान कुलपति ने बात सुनने की बजाए ऑफिस से उठकर चल दिए। बाद में पुलिस बुलाकर कर्मचारियों को थाने पहुंचा दिया। ईशु सिंह तोमर ने बताया कि वह स्वयं अप्रैल 2022 में समाजशास्त्र अध्ययनशाला में रखा गया था। मौखिक आदेश पर रखे गए अन्य कर्मचारियों में अनुजा परमार पुरातत्व विभाग, सुमन सेंंगर विद्योत्तमा छात्रावास, भारत जूनवाल स्वर्ण जयंती द्वार और दीपक जायसवाल शामिल थे। तोमर ने कहा कि करीब 6 माह का वेतन तो कंपनी के माध्यम से दिया गया, लेकिन इसके बाद रखे गए 20 में से कुछ कर्मचारियों को मौखिक रूप से बंद कर दिया गया था। वहीं कुछ कर्मचारियों को आगे भी कार्य करने के लिए कहा गया था जिसके बाद कर्मचारियों ने सितंबर-अक्टूबर 2023 तक कार्य किया। इसके बाद भी 11 से 15 महिने का वेतन भुगतान नही हुआ। जब कुलपति से मिले तो उन्होंने भी आश्वासन दिया था। मंगलवार को जब पांच कर्मचारी उनसे मिलने पहुंचे तो कुलपति चले गए और पुलिस बुलाकर कर्मचारियों को थाने पहुंचा दिया। इसके बाद पांचों कर्मचारियों ने माधवनगर थाने पर वेतन नही मिलने के संबंध में लिखित शिकायती आवेदन दिया है। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में पदस्थ बुखारिया ने वेतन फाइल कराने के नाम पर 6 हजार रूपए मांगे थे।
कुलपति ने कहा विभागाध्यक्ष ने मना कर दिया, कैसे होगा भुगतान
कर्मचारियों के भुगतान के मामले को लेकर जब कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडे से चर्चा की तो उनका कहना था जो कर्मचारी उनसे मिलने पहुंचे थे, उनके वेतन संबंधी फाइल आज तक उनके पास नही पहुंची है। पहले जब कर्मचारी मिलने आए थे तब भी उन्हें आश्वासन यही दिया था की फाइल नियमानुसार होगी और उनके पास पहुंचेगी तो जरूर भुगतान होगा। कुलपति पांडे ने कहा कि जब कर्मचारियों के संबंध में संबंधित विभागाध्यक्ष से जानकारी ली तो उन्होंने भी इनकार कर दिया। कर्मचारियों के संबंध में ना तो कोई जिम्मेदारी ले रहा है और ना ही नियम अनुसार इनकी कोई फाइल पहुंचा रहा है। मंगलवार को चार-पांच लोग आए थे लेकिन उनमें एक व्यक्ति बदतमीजी करने लगा जिसके कारण मैं ऑफिस से उठकर चल दिया था। ये लोग ऑफिस में बैठ गए थे, ऑफिस से किसी ने इन लोगों को उठाने के लिए पुलिस को बुलाया होगा।
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