Completion of Marathi Bhagwat Katha in Rajendra Nagar, Indore | महिलाओं ने 108 दीपों से की आरती, 15 अगस्त को भागवत की शोभायात्रा

सुनील धर्माधिकारी.इंदौर29 मिनट पहले
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राजेंद्र नगर स्थित जवाहर सभागृह में कथा सुनाते वेदमूर्ति धनंजय शास्त्री वैद्य।
मनुष्य, देवता, यक्ष, गंधर्व या किन्नर सभी को अपने कर्मों का फल भोगना ही होता है। भगवान ने राम और कृष्ण अवतार ले कर अपने अपने कर्म फलों का भोग किया है। फल प्राप्ति हेतु केवल पुराणों और शास्त्रों में उल्लेखित व्रत नियमों का ही पालन करना चाहिए। माता को अपने बच्चों को स्वयं के हाथ का पकाया हुआ भोजन ही देना चाहिए, जिससे बच्चों में प्रेम, अपनत्व, संस्कार का निर्माण होता है। भागवत कहती है प्रत्येक जीव के साथ कृष्ण है वे सभी का ध्यान रखते हैं इसलिए हमे उन पर दृढ़ विश्वास रखना चाहिए।
यह बात वेदमूर्ति धनंजय शास्त्री वैद्य ने राजेंद्र नगर में चल रही मराठी भागवत कथा में अंतिम दिन व्यक्त किए। सोमवार को कथा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मालवा प्रांत कार्यवाह विनीत नवाथे, बृहन्महाराष्ट्र मंडल के अध्यक्ष मिलिंद महाजन भी उपस्थित हुए। कथा समाप्ति पर 108 दीपकों से महिलाओं द्वारा आरती की गई। कार्यक्रम की समाप्ति पर अखंड भारत दिवस के उपलक्ष्य में भारत माता की भव्य आरती भी की गई। इसके पूर्व वेदमूर्ति ने भगवान दत्तात्रय के चौबीस गुरुओं की कथा सुनाई। प्रत्येक गुरु से जो शिक्षा उन्होंने ग्रहण की उसका विस्तार पूर्वक वर्णन किया।

कथा सुनने के लिए पहुंचे श्रद्धालु।
समय का सदुपयोग करें युवा
वेदमूर्ति धनंजय शास्त्री वैद्य ने कहा कि भारत युवाओं का देश है आज देश में 60 करोड़ से अधिक युवा आबादी है, जो प्रतिदिन औसतन दो घंटे से अधिक का समय इंटरनेट और सोशल मीडिया पर व्यतीत कर रही है। कर्मप्रधान हमारे देश में इस तरह हर रोज युवा करोड़ों घंटों का समय बर्बाद कर रहे हैं जो देश के विकास में बाधक बन रहे हैं। दिन का कुछ समय हमें एकांत में अवश्य बिताना चाहिए जिससे मन मस्तिष्क शांत होता है और स्वयं के द्वारा किए जा रहे कार्यों का उचित विश्लेषण भी होता है। 15 अगस्त को सुबह 11 बजे जवाहर सभागृह से राजेंद्र नगर क्षेत्र में ग्रंथराज भागवत की शोभायात्रा निकाली जाएगी। वेदमूर्ति धनंजय शास्त्री वैद्य बग्घी में सवार होंगे और उनके मार्ग में रंगोली, आरती और पुष्पवर्षा कर ग्रंथ का स्वागत किया जाएगा।

पुरुषों के साथ ही बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी सुनी कथा।
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