मध्यप्रदेश

Both wheat acreage and production decreased in the state | आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24: 3 साल में टैक्स संग्रह 12.79% बढ़ा, पर बेटियों के स्कूल छोड़ने की दर 2.91% से 4.88% हुई – Bhopal News


प्रदेश में गेहूं का रकबा और उत्पादन दोनों घटा

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विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन पेश आर्थिक सर्वेक्षण एक तरफ यह संकेत दे रहा है कि प्रदेश कोरोना काल की आर्थिक मंदी से उबर रहा है, लेकिन दूसरी ओर रोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में हम पिछड़े नजर आ रहे हैं। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार साल 2019-20 से 2022-23 तक टैक्स कलेक्शन में 12.79% की वृद्धि हुई है।

2023-24 के लिए रेवेन्यू सरप्लस 413 करोड़ रहने का अनुमान है। वहीं जीएसडीपी भी पिछले साल की तुलना में 1.16 लाख करोड़ बढ़ी है। प्रदेश का जीएसडीपी साल 2023-24 में 12,46,471 करोड़ था जो अब बढ़कर 13,63,327 करोड़ होने का अनुमान है। इस तरह प्रचलित भावों के हिसाब से ये बढ़त लगभग 9.37% है, हालांकि पिछली बार ये बढ़त लगभग 16.43 % थी। स्थिर कीमतों के हिसाब से जीएसडीपी 6,60,363 करोड़ रुपए थी, जो पिछले वर्ष के 6,22,908 करोड़ रुपए से ज्यादा है। यह लगभग 6.01 प्रतिशत की वृद्धि है।

  • इस साल प्रारंभिक शिक्षा के लिए उपलब्ध 4093 करोड़ में से 4028 करोड़ ही खर्च हुए
  • जीएसडीपी में पिछले साल की तुलना में 1.16 लाख करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई

प्रति व्यक्ति आय में पिछले साल की अपेक्षा मामूली वृद्धि

प्रति व्यक्ति आय 2011-12 में 38,497 रुपए थी, ये अब बढ़कर साल 2023-24 में 1,42,565 रुपए हो गयी है। यानी लोगों की आमदनी में लगभग चार गुना बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले साल से तुलना करें तो ये आमदनी मामूली तौर पर ही बढ़ी है। 2022-23 में प्रति व्यक्ति आय 1,40,583 थी।

शिक्षा और रोजगार… सरकार के लिए चिंताजनक आंकड़े

दूसरी ओर,आर्थिक सर्वे में कई ऐसे तथ्य भी आए, जो राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए परेशानी का सबब दिख रहे हैं। साल 2023-24 में रोजगार कार्यालयों में 3.34 लाख नए बेरोजगार जुड़े। बेरोजगारों की संख्या बढ़कर 33.13 लाख हो चुकी है। राज्य का राजकोषीय घाटा साल 2023-24 में 4.02% रहने का अनुमान है, जो कि साल 2020-21 (5.44 ) के बाद सबसे अधिक है। हालांकि ये अनुमानित 4.18% के लक्ष्य से कुछ कम रहने का अनुमान है। 2022 -23 में राजकोषीय घाटा 47,339 करोड़ था जो अब बढ़कर 55,709 करोड़ हो गया है। इस साल प्रारंभिक शिक्षा पर उपलब्ध 4093 करोड़ में से सिर्फ 4028 करोड़ खर्च हो सके।

वहीं शिक्षकों की ट्रेनिंग पर उपलब्ध 67 करोड़ में से सिर्फ 25 करोड़ ही 2023-24 में खर्च किये जा सके। 2021-22 में पांचवीं तक बच्चों के स्कूल छोड़ने की दर 3.08 थी, जो 2022-23 में बढ़कर 4.50% हो गई। लड़कियों के स्कूल छोड़ने की दर 2.91% से बढ़कर 4.88% हो गई है। 2023 -24 में इंजीनियरिंग, आर्किटेक्ट और एमसीए कॉलेजों में 2.14 लाख सीटें उपलब्ध थीं पर ऑनलाइन प्रक्रिया में कुल 1.49 लाख एडमिशन ही हुए।

खेती-किसानी

गेहूं और धान दोनों का उपार्जन इस बार कम गेहूं का उपार्जन पिछले साल 71 लाख मीट्रिक टन हुआ था, लेकिन इस बार मात्र 48.39 लाख मीट्रिक टन ही हुआ है। धान का उपार्जन भी इसी अवधि में 46 लाख मीट्रिक टन से घटकर 42 लाख मीट्रिक टन हो गया है। गेहूं का रकबा इस साल 2022-23 की तुलना में 5.84% कम हो गया है। 9781 हजार हेक्टेयर से क्षेत्र घटकर 9210 हजार हेक्टेयर रह गया।

इसी तरह गेहूं का उत्पादन भी जो पिछले साल 34,977 हजार मीट्रिक टन था, अब वो घटकर 32,972 हजार मीट्रिक टन रह गया। हालांकि प्रदेश में फसलों के कुल उत्पादन में 0.2 % वृद्धि हुई है


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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