माता पिता को खोने के बाद भी नहीं मानी हार…अपना बिजनेस शुरू कर गरीबी को दी मात

धाराशिव: कई सारे लोग सरकारी नौकरी की तैयारी करते हैं. कुछ सफल होते हैं तो वहीं कई सारे लोग असफल भी हो जाते हैं. वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो नौकरी के पीछे न भागकर अपना बिजनेस शुरू करने का सपना देखते हैं और उसे पूरा भी करते हैं. आज हम आपको ऐसे ही एक व्यक्ति की कहानी बताने जा रहे हैं.
धाराशिव के धर्मराज पंडितराव की कहानी
यह कहानी है धाराशिव जिले के उमरगा शहर के धर्मराज पंडितराव जाधव की. जब वह स्नातक की पढ़ाई कर रहे थे तभी एक दुर्घटना में उनकी माँ की मृत्यु हो गई थी उसके बाद मात्र एक वर्ष में ही पिता की भी असामयिक मृत्यु हो गई थी. ऐसे में जाधव ने पढ़ाई छोड़ने की बजाय बिजनेस करने का फैसला किया.
भाई से मदद लेकर शुरू किया बिजनेस
मैंने अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने की ठान ली थी. लेकिन, आर्थिक मदद के चलते उन्होंने अपने भाई से चर्चा की. उनके भाई ने उन्हें एक लाख रुपये की मदद की और उस मदद से उन्होंने एक बिजली की दुकान शुरू की. इसके बाद 3 साल तक इलेक्ट्रिकल शॉप का बिजनेस चलाया. लेकिन व्यापार में कोई प्रगति नहीं हुई. तब उन्होंने मंगल कार्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया.
कोरोना काल में आइ दिक्कतें
धर्मराज के पास पुश्तैनी खेती तो थी लेकिन मंगल कार्यालय पर लगाने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे. तीन सालों में बैंक औऱ बिजनेस से जुटाए गए पैसों से उन्होंने मंगल कार्यालय की शुरूआत की. लेकिन कोरोना काल में मंगल कार्यालय की किश्तें चुकाना मुश्किल हो गया. इसके बाद धीरे-धीरे कारोबार सामान्य हो गया. इसके बाद उन्होंने श्री साईं लैंड डेवलपर्स के माध्यम से रो हाउस का निर्माण शुरू किया. अपनी गुणवत्ता के कारण रो हाउस को काफी सराहना मिली और इसने जाधव के दिन बदल दिए. अब वह महीने में लाखों रूपए कमा लेते हैं.
कठिनाइयों के साथ शुरू किया बिजनेस
अपने सफर में उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है. एक तरफ परिवार की देखभाल करनी थी और दूसरी तरफ भविष्य भी बेहतर बनाना था. सिर से माता पिता का हाथ हट जाने के बाद बड़ी मुश्किलों से उन्होंने इलेक्ट्रिकल बिजनेस किया जिससे उन्हें अपना बिजनेस शुरू करने में मदद मिली.
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FIRST PUBLISHED : August 7, 2024, 16:01 IST
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