कभी 6 हजार महीना था वेतन, अब 44 हजार करोड़ की कंपनी का मालिक, जानें फैक्टरी वर्कर के बेटे ने कैसे बदली किस्मत

2017 में पॉलिगोन की शुरूआत हुई. शुरुआत में पॉलीगोन का नाम मैटिक रखा गया. अब कंपनी का मार्केट कैप 44,488 हजार करोड़ रुपये है.
नई दिल्ली. कड़ी मेहनत, सही रस्ते का चुनाव और कुछ बड़ा करने की तमन्ना किसी की भी किस्मत बदल सकती है. क्रिप्टो प्लेटफॉर्म पॉलीगोन (Polygon) के सह-संस्थापक जयंती कनानी (Jaynti Kanani) की की सफलता की कहानी भी इस बात को सच साबित करती है. एक गरीब डायमंड फैक्टरी वर्कर के घर जन्में जयंती कनानी को पग-पग पर मुश्किलों ने घेरा, पर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और न ही मेहनत से मुंह मोड़ा. नतीजो सबके सामने है. कभी दिन-रात मेहनत करके महीने में 6 हजार रुपये कमाने वाले जयंती आज 44,488 करोड़ रुपये बाजार पूंजीकरण वाली कंपनी के मालिक हैं.
जयंत कनानी का जन्म अहमदाबाद में एक अत्यंत गरीब परिवार में हुआ. उनके पिता एक डायमंड फैक्टरी में वर्कर थे. कनानी ने बड़ी मुश्किल से कंप्यूटर साइंस में बी.टेक किया. वो आगे पढना चाहते थे, लेकिन घर के हालात ऐसे नहीं थे कि वे पढ़ाई जारी रख सकें. नतीजन उन्हें नौकरी करनी पड़ी. जयंती कनानी को अपनी पहली जॉब में सैलरी के रूप में केवल 6000 रुपये मिलते थे. पिता की आंखें काफी कमजोर हो चली थी और उन्हें काम करने में काफी परेशानी होती थी. कनानी ने उनसे अपना काम छोड़ देने को कहा. पिता के नौकरी न करने से सारी जिम्मेदारी कनानी पर आ गई. उन्होंने अपनी नौकरी बदल ली और दूसरी जगह काम करने लगे.
जल्द हो गई शादी
अतिरिक्त आय के लिए जयंती कनानी जॉब के बाद भी घर पर कुछ प्रोजेक्ट पर काम करते थे. इससे घर का गुजारा ठीक से चलना लगा. लेकिन, कनानी को मेहनत बहुत करनी पड़ रही थी. कुछ समय बाद ही उनकी शादी भी हो गई. शादी के लिए उन्होंने कर्ज लिया था. कमाई कम होने और कर्ज भी सिर पर होने की वजह से कनानी को काफी मुश्किलें हो रही थी. उन्होंने कुछ जॉब्स बदली. नौकरी करते हुए उन्होंने कभी एंटरप्रेन्योर बनने के बारे में नहीं सोचा.
ऐसे शुरू हुई कंपनी
जयंती कनानी जब एक कंपनी में डेटा एनालिस्ट के तौर पर काम कर रहे थे, तभी उनकी मुलाकात संदीप नेलवाल और अनुराग अर्जुन से हुई. संदीप सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. उन्होंने Deloitte और Wellspun जैसी कंपनियों में काम किया है. अर्जुन ने पहले जीएसटी से जुड़ा स्टार्टअप शुरू किया था, जो चला नहीं था. तीनों ही पैसा कमाने के लिए कुछ बड़ा करना चाहते थे. इसलिए तीनों ने मिलकर 2017 में पॉलीगोन की शुरुआत कर दी. शुरुआत में इसका नाम मैटिक रखा गया.
7 साल में ही गाड़ दिए सफलता के झंडे
केवल 7 वर्षों में ही पॉलीगोन ने खूब तरक्की की है. कंपनी का मौजूदा बाजार पूंजीकरण 44,488 हजार करोड़ रुपये है. पॉलीगोन को अमेरिका के मशहूर इनवेस्टर और शार्क टैंक जज मार्क क्यूबन (Mark Cuban) से भी फंडिंग मिली है. इसके अलावा कंपनी में सॉफ्टबैंक, टाइगर ग्लोबल और सिकोइया कैपिटल इंडिया ने भी पैसा लगाया है.
क्या करती है कंपनी?
पॉलीगन प्लेटफॉर्म की मदद से आसानी से इथेरियम स्केलिंग और इन्फ्रा डेवलपमेंट का काम किया जा सकता है. यूजर्स इसकी मदद से ऐप भी तैयार कर सकते हैं. पॉलीगेन के ब्लॉकचेन का गेमिंग प्लेयर्स, नॉन फंजिबल टोकंस और डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस में प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है. मार्च 2021 में नैस्डेक (Nasdac) में लिस्टेड कॉइनबेस ने अपने यूजर को पॉलीगॉन कॉइन में ट्रेड करने की इजाजत दे दी थी.
Tags: Business news, Success Story, Successful business leaders
FIRST PUBLISHED : July 27, 2024, 09:02 IST
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