मध्यप्रदेश

5 year old innocent missing from Bhopal for 36 hours… | भोपाल में 5 साल की मासूम 36 घंटे से लापता…: ड्रोन, डॉग, साइबर व 5 थानों के 100 पुलिसकर्मी तलाश में जुटे, मल्टी के 1000 फ्लैट्स में सर्चिंग, पर सवाल एक ही- कहां गई बिटिया? – Bhopal News


पुलिस देर रात तक तलाश करती रही।

शाहजहांनाबाद स्थित बाजपेयी नगर मल्टी से मंगलवार दोपहर 12 बजे लापता हुई 5 साल की मासूम का दूसरे दिन भी सुराग नहीं लगा। बुधवार रात 12 बजे तक यानी 36 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ खाली थे। इससे पहले सुबह से ड्रोन, डाॅग स्क्वाॅड, साइबर और 5 थानों के 100 से ज्

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अनहोनी की आशंका को देखते हुए मल्टी के पास नाले, पानी की टंकियां और अन्य जल स्रोतों में भी गोताखोर बच्ची को तलाश चुके हैं। बता दें कि बच्ची उस समय लापता हुई, जब वह मल्टी में ही सेकंड फ्लोर में रहने वाली दादी के साथ थी। इसी बीच वह दादी से किताब लेने का कहकर नीचे अपने फ्लैट में आई थी। तब उसके माता-पिता दोनों घर पर नहीं थे। काफी देर तक जब बच्ची नहीं लौटी तो दादी ने तलाश शुरू की, लेकिन उसका कहीं सुराग नहीं लगा। पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज किया है।

पुलिस मल्टी से आने-जाने वाले रास्तों के सीसीटीवी कैमरे खंगाल रही है। टीम ने हमीदिया अस्पताल और उसके आसपास के अस्पतालों की भी सर्चिंग की। डीसीपी जोन-3 रियाज इकबाल खुद मोर्चा संभाले हुए हैं। एसीपी शाहजहांनाबाद निहित उपाध्याय के साथ आसपास के पांच थानों के थाना प्रभारी और पुलिस कंट्रोल रूम का फोर्स तलाश कर रहा है।

– स्मोक मशीन लेकर आए नगर निगम के कर्मचारियों से भी पुलिस पूछताछ कर चुकी है। पुलिस ने मल्टी को चारों तरफ से घेर रखा है। – मल्टी के रहवासियों और पुलिस बल ने 30-40 लोगों का ग्रुप बनाकर आसपास के इलाकों में चारों ओर सर्चिंग की, लेकिन 12 घंटे सर्चिंग के बाद भी बच्ची के गायब होने का कोई सुराग नहीं मिल सका। इसके बाद पुलिस की नाइट टीम रात में मल्टी पर तैनात रही।

अनहोनी का डर : आशंका यह भी कि बदनीय​ती से किसी परिचित या मल्टी वाले ने ही अगवा किया है

1. किसी परिचित ने अगवा किया हो : एक आशंका यह है कि किसी परिचित ने ही बच्ची को अगवा किया है। 5 साल की बच्ची खुद से कहीं जा नहीं सकती। यदि बच्ची खुद से कहीं गई होती तो अब तक किसी ने तो उसे भटकता देख रिपोर्ट कर दी होती। परिचित के साथ आसानी से चली गई होगी। हो सकता है कि मल्टी में रहने वाले किसी शख्स ने बच्ची को उठाया हो। किसी बाहरी ने फिरौती के लिए अपहरण किया होता तो अब तक कोई कॉल या मैसेज आ गया होता। बच्ची का परिवार भी आर्थिक रूप से भी उतना सक्षम नहीं है। 2. पहले रैकी की गई हो : यह भी संदेह है कि बच्ची को अगवा करने से पहले रैकी की गई हो। वारदात के समय बच्ची की मां आंगनबाड़ी गई थी और ड्राइवर पिता नौकरी पर। बड़ी 3 बहनें स्कूल गईं थी। 3. रास्ते-कैमरों की जानकारी : जहां बच्ची का परिवार रहता है, उसके दो रास्तों पर तो सीसीटीवी कैमरे हैं, पर घर के पास एक पैदल रास्ता भी है। यहां कैमरे नहीं हैं।

पिता बोले, कॉपी लेने नीचे आई थी, इसके बाद कुछ पता नहीं क्या हुआ… बच्ची के पिता का कहना है कि बच्ची सुबह मां के साथ आंगनबाड़ी गई थी। दिन में 11:45 बजे दादी के साथ लौट आई। फिर मल्टी के दूसरे फ्लोर पर दादी के साथ बड़े पापा के घर चली गई थी। इधर, पुलिस और मल्टी के 250 लोगों ने दोपहर 2 बजे से देर रात 2 बजे तक 500 मीटर के दायरे में सर्चिंग की।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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