Chhatarpur Accused Of Gang Violence Is Still Absconding Victim Says His Family Is Scared To Go To Farm – Amar Ujala Hindi News Live – Chhatarpur:सामूहिक मारपीट करने वाले आरोपी पुलिस गिरफ्त से दूर, पीड़ित बोले

पीड़ित परिवार
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
सामूहिक मारपीट का मामला छतरपुर जिले में ग्राम पंचायत बगोता का है। जहां पीड़ित परिवार पूर्व सरपंच सुंदरलाल रैकवार के साथ धर्म रैकवार, नाथू रैकवार और गोपाल रैकवार समेत दो दर्जन से अधिक महिलाओं बच्चों ने सामूहिक रूप से मंगलवार को जिला कलेक्टर के समक्ष जनसुनवाई में आवेदन दिया। फिर जाकर पुलिस अधीक्षक से भी फरियाद सुनाई।
आवेदक धर्म रैकवार ने बताया कि विगत रोज उनके खेत पर राजू कुशवाहा समेत दर्जनों लोगों ने एकत्रित होकर कब्जा कर लिया था। रोकने के लिए उन्होंने केवल बातचीत करना चाहती थी। तब सभी आरोपियों ने मिलकर कुल्हाड़ी, डंडा और अवैध असलहा से हमला कर दिया था। इस घटना में महिलाओं को भी गंभीर चोटें आई थी। एक पीड़ित परिवार का बालक अभी भी ग्वालियर में इलाज करा रहा है।
मुख्य आरोपी राजू कुशवाहा को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया, जिससे वह किसानी कर रहे फरियादियों/पीड़ितों के खेतों पर जाकर धमका रहा है और जान से मारने की नीयत से अवैध असलहा लेकर घूमता है। पुलिस अधीक्षक ने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया है कि वह शीघ्र ही आरोपियों को गिरफ्तार कराएंगे।
विवाद का मुख्य कारण
बता दें कि बगोता मौजा क्रमांक 50 की खसरा नंबर 1914 बटा एक और 1917 की जमीन फरियादियों की है, जिनके दस्तावेज उनके पास मौजूद हैं। इस जमीन के अंश भाग में एक एकड़ जमीन पर आरोपी द्वारा जबरन कब्जा किया हुआ है। कब्जा हटाने के लिए फरियादियों ने एसडीएम कार्यालय तहसील में अपील की थी। अपील के दौरान एसडीएम तहसीलदार ने अपने निर्देश में पटवारी आरआई को मौके पर यथा स्थिति जानने का आदेश किया था। पटवारी आरआई के प्रतिवेदन में फरियादी की जमीन होना पाई गई और फरियादी पक्ष में पुलिस द्वारा कब्जा हटाया गया था।
इसी बात से नाराज होकर आरोपी राजू कुशवाहा ने अपने अनेक साथियों के साथइस जमीन से दोबारा कब्जा हटाकर स्वयं अपने कब्जे में ले लिया था। मारपीट कर फरियादियों को लहूलुहान कर दिया था। इस घटना में दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है। बाबजूद मुख्य आरोपी राजू कुशवाहा अभी भी पकड़ से बाहर हैं, जो फरियादियों को धमकी दे रहा है। फरियादी मंगल रैकवार, नाथू रैकवार और गोपाल रैकवार का कहना है कि उनके खेत पर फसल बुवाई नहीं हो पा रही है। न ही मवेशियों की सुरक्षा कर पा रहे हैं। बच्चे और महिलाएं खेत पर जाने से डरते हैं।
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