जिला प्रशासन को चेताया सरपंची गई तो वह आत्मदाह कर लेगा | If the sarpanch goes to the district administration, he will commit self-immolation

छतरपुर (मध्य प्रदेश)एक घंटा पहले
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छतरपुर जनपद पंचायत राजनगर की ग्राम पंचायत पहरा पुरवा के सरपंच के साथ आज सैकड़ों की तादाद में जिला प्रशासन के खिलाफ और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कलेक्टर कार्यालय ज्ञापन सौंपने पहुंचे।
माजरा है कि ग्राम पंचायत पहरा पुरवा के सरपंच गोविंद कुशवाहा एक मत से विजयी हुए थे पराजित सरपंच ने उच्च न्यायालय की शरण लेकर पुन मतगणना की अपील की थी वर्तमान सरपंच गोविंद कुशवाहा को आशंका है कि सत्ता के दबाव में प्रशासन उनकी सरपंची बेदखल करा सकती है जिसको लेकर आहत सरपंच ने चेतावनी देते हुए कहा कि वह आत्महत्या जैसा कड़ा कदम भी उठा सकता है।
बता दें कि राजनगर विधानसभा क्षेत्र की जनपद पंचायत राजनगर की ग्राम पंचायत पहरा पुरवा में हुए पंचायत चुनाव के दौरान अन्य प्रत्याशियों के अलावा हल्के भैया पाल और गोविंद कुशवाहा के बीच कड़ी टक्कर थी निर्वाचन के दौरान गोविंद कुशवाहा को 606 मत प्राप्त हुए थे जबकि पराजित प्रत्याशी हल्के भैया पाल को 605 मत प्राप्त हुए थे निर्वाचन उपरांत तत्काल पोलिंग बूथ पर ही पराजित प्रत्याशी ने आपत्ति दर्ज कराई थी जहां पुनः मतगणना कराई गई थी एक मतगणना स्थल पर पुनः मतगणना में भी परिणाम एकमत से विजेता के रूप में गोविंद कुशवाहा के पक्ष में रहा था। इसके पश्चात पराजित प्रत्याशी हल्के भैया पाल ने उच्च न्यायालय की शरण ली थी। उच्च न्यायालय के नोटिस के जवाब में एसडीएम राजनगर के निर्देश पर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने पुनर मतगणना की तारीख कल दिनांक 25 मार्च 2023 को नियत की है।
यहां बता दें कि गोविंद कुशवाहा को इस बात की आशंका है कि सत्ता के दबाव में प्रशासनिक अधिकारी उन्हें सरपंच पद से पृथक कर सकते हैं। गोविंद कुशवाहा ने भास्कर से चर्चा करते हुए साफ लफ्जों में कहा कि वह बेहद आत्मग्लानि से भरा हुआ है और यदि उसके खिलाफ कार्रवाई की गई, सरपंच पद से बेदखल किया गया तो वह सार्वजनिक रूप से आत्महत्या कर लेगा।
चेतावनी से सकते में जिला प्रशासन
निर्वाचन से जुड़े जानकारों का मानना है कि निर्वाचन के दौरान ही पीठासीन अधिकारी को तुरंत पुन मतगणना के अधिकार होते हैं। पराजित प्रत्याशी ने केवल एक मतगणना स्थल पर पुन मतगणना कराई थी उसमें भी गोविंद कुशवाहा निर्वाचित हो गए थे तत्काल कोई आवेदन पराजित प्रत्याशी ने नहीं लगाया, फिर भी एसडीएम और जनपद पंचायत की अनुशंसा पर माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष गलत तथ्यों के आधार पर स्वीकार की गई।
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