The case of pyrophyllite diaspore mining | पायरोफिलाइट डायस्पोर की खदान का मामला: पहाड़ी पर छोटे झाड़ बताकर बड़े पेड़ों की हो रही कटाई – Tikamgarh News

बैदपुर गांव में खजुराहो मिनरल्स के लिए स्वीकृत पायरोफिलाइट डायस्पोर की खदान विवादों में घिर गई है। 12.50 हेक्टेयर में वन विभाग की पहाड़ी पर यह खदान स्वीकृत हुई है। पहाड़ी पर 25 हजार से अधिक पेड़ हैं। वन विभाग के अधिकारी जिन पेड़ों को झाड़ बताकर काट रहे ह
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सूत्रों की मानें तो 2 मीटर से ऊंचा पेड़ है तो उसे काटने के लिए वन विभाग की अनुमति लेना पड़ती है, लेकिन यहां छोटे-छोटे पेड़ों को गिनती में नहीं लिया जा रहा है। कंपनी ने पहाड़ी पर कई स्थानों पर खुदाई करवाकर मटेरियल की जांच भी करवाना शुरू कर दी है।
जानकारों की मानें तो शुरुआत में 8 फीट चौड़ी डायस्पोर की पर्त दिख रही है। वहीं, खनिज निरीक्षक प्रशांत तिवारी की मानें तो खदान स्वीकृति निरस्त होना संभव नहीं है, क्योंकि 1 महीने पहले उस जमीन की रजिस्ट्री भी हो चुकी है। पेड़ों की कटाई का भुगतान भी हो चुका है।
महंत करेंगे सत्याग्रह
पहाड़ी पर पेड़ों को बचाने धजरई मंदिर में महंत सीताराम दास महाराज को साधु संतों का समर्थन मिल रहा है। उन्हांेने कहा कि प्रशासन को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई और लीज निरस्त नहीं की गई तो सत्याग्रह शुरू करूंगा।
जांच के बाद होगी कार्रवाई
^बैदपुर गांव में स्वीकृत खदान के विरोध का मामला संज्ञान में आया है। इसकी जांच के बाद जन भावनाओं को देखते हुए कार्रवाई की जाएगी। पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाने दिया जाएगा।
– नागर सिंह चौहान, वनमंत्री, मप्र शासन
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