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पाक‍िस्‍तान तो ब‍िल्‍कुल नहीं है… जब इस देश की सड़कों पर ड्राइवर बजाने लगे हॉर्न और च‍िल्‍लाने की आवाजें गूंजने लगी, क्‍योंक‍ि…

क्विटो. क्या आप ऐसे हालात की कल्पना कर सकते हैं, जिसमें एक साथ पूरे देश की बिजली गुल हो जाए. जिससे सभी जरूरी सेवाएं ठप हो जाएं. यहां तक कि चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल भी काम करना बंद कर दें. जिससे सड़कों पर अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो जाए. जी हां, ठीक ऐसे ही हालात अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान में कई बार पैदा हो चुके हैं. मगर इस बार यह मामला पाकिस्तान में नहीं बल्कि दक्षिण अमेरिकी देश इक्वाडोर में हुआ है. इक्वाडोर बुधवार को राष्ट्रव्यापी ब्लैकआउट की चपेट में आ गया. दोपहर करीब 3.15 बजे, इक्वाडोर के ज्यादातर लोग बिजली के बिना रह गए.

शाम तक बिगड़े हालात
शाम तक क्विटो और बंदरगाह शहर ग्वायाकिल की सड़कों पर कारों के हॉर्न और ड्राइवरों के चिल्लाने की आवाजें गूंजने लगी, क्योंकि ट्रैफिक लाइटें काम करना बंद कर चुकी थीं और शहर की सड़कों पर वाहनों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. सार्वजनिक परिवहन प्रणाली और कुछ जल आपूर्ति कंपनियों ने दोनों प्रमुख शहरों में सेवाएं रोक दी हैं. क्विटो के मेयर ने एक्स पर आश्चर्य जताया कि ब्लैकआउट ने शहर की सबवे प्रणाली को प्रभावित किया है, जो एक अलग बिजली स्रोत का उपयोग करती है.

ट्रांसमिशन लाइन फेल
देश के लोक निर्माण मंत्री, रॉबर्टो लुके ने एक्स पर कहा कि उन्हें राष्ट्रीय बिजली ऑपरेटर, CENACE से एक रिपोर्ट मिली है. जिसमें ट्रांसमिशन लाइन में एक विफलता के बारे में बताया गया है. जिसके कारण कैस्केड डिस्कनेक्शन हुआ है, इसलिए पूरे देश में कोई बिजली सेवा नहीं है. बहरहाल कुछ ही घंटों में राजधानी क्विटो के कुछ हिस्सों में बिजली वापस आनी शुरू हो गई थी.

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चीनी बिजली प्लांट बना सिरदर्द
1.8 करोड़ लोगों वाला दक्षिण अमेरिकी देश इक्वाडोर पिछले कई साल से बिजली संकट से जूझ रहा है. बुनियादी ढांचे की विफलता, रखरखाव की कमी और आयातित बिजली पर निर्भरता ने बिजली कटौती को बढ़ावा दिया है. देश की अधिकांश बिजली पड़ोसी कोलंबिया से आती है, जो एक ऐसा देश है जो अपनी घरेलू खपत के लिए पर्याप्त बिजली पैदा करने के लिए संघर्ष कर रहा है. 2.25 अरब डॉलर के चीनी निर्मित पनबिजली संयंत्र से मदद मिलने की उम्मीद थी. लेकिन यह परियोजना सिरदर्द बन गई है. निर्माण में कई त्रुटियां हैं, जिसके कारण अधिकारियों और चीनी फर्म के बीच विवाद हुआ है.

Tags: Cost of electricity, Electricity generation, Electricity prices, Electricity problem


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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