A rift of Rs 13 lakhs in a friendship of 10 years | 10 साल की दोस्ती में 13 लाख की दरार: दोस्त की हत्या के बाद मकान बेचकर दिल्ली भागने की थी तैयारी – Gwalior News

हत्या के दिन इस तरह स्पॉट था, दिव्यांग का शव सड़क किनारे और उसके दोस्त का शव 20 कदम दूर झाड़ियों में पड़ा था।
ग्वालियर में डबल मर्डर की कहानी के बीच दोस्ती और विश्वासघात की हदें टूट गई हैं। दस साल की गहरी दोस्ती, हमेशा भाइयों की तरह दोनों रहते थे, जिस पर लोग तारीफ किया करते थे, लेकिन 13 लाख रुपए का लालच दोस्ती और विश्वास में दरार बन गया। डबल मर्डर का आरोपी व
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आरोपी विकास हत्या करना नहीं चाहता था किसी भी तरह यह रुपए हड़पकर और अपना मकान बेचकर वह दिल्ली में सेटल होना चाहता था। उसने अपने मकान के लिए ग्राहक तलाशकर लगभग डील डन कर दी थी। बस हत्या के बाद उसे मकान बेचकर शहर छोड़कर भाग जाना था। पर उससे पहले ही वह पुलिस के हाथ लग गया। न उसे दोस्त रहा, न ही 13 लाख रुपए मिले। आरोपी पहले भी सूरत में इसी तरह चूना लगाकर भाग आया था।
इन पत्थरों से की गई थी दोनों दोस्तों की हत्या
एक महीने पहले बनाया था रुपए हड़पने का प्लान
15 जून को ग्वालियर में दो युवकों के शव शीतला-चीनोर रोड पर हाइवे किनारे पड़े मिले थे। जिनकी शिनाख्त हजीरा निवासी कैलाश शाक्य और 35 वर्षीय कौशल राजावत के रूप में हुई थी। कौशल एक पैर से दिव्यांग था और मूल रूप से भिंड का रहने वाला था। एक महीने पहले उसकी पुश्तैनी जमीन बिकी थी। जिस पर उसे 13 लाख रुपए मिले थे। यह उसके दोस्त विकास तोमर रेशममील हजीरा को भी पता था। उसी दिन से वह यह रुपए हड़पने में लग गया था। क्योंकि उस पर पहले से ही धोखाधड़ी का मामला दर्ज है। आरोपी के सामने मृतक कौशल हर दिन यह बात करता था कि उस पर 13 लाख रुपए हैं। वह उन्हें ऐसे खर्च करना चाहता है जिससे वह सैटल हो जाए। जिससे उसकी शादी हो जाए।
दुकान की डील करने भिंड जा रहा था मृतक दिव्यांग
14 जून की शाम को मृतक कौशल राजावत (दिव्यांग) अपने घर से पिट्ठू बैग टांगकर भिंड के लिए निकला था। उस दिन दोपहर में ही उसने विकास को बताया था कि वह भिंड में एक दुकान की डील करने जा रहा है। जब शाम को वह बैग लेकर निकला तो आरोपी ने समझा कि बैग में कैश लेकर वह निकल रहा है। कौशल और कैलाश साथ में थे। भिंड जाने के लिए कौशल रात को 3 बजे स्टेशन से जाने वाले प्रेस वाहन से जाने वाला था। उससे पहले विकास तोमर ने उसे चीनौर रोड पर दाल टिक्कर की पार्टी के लिए निमंत्रण दे दिया। अभी तक उसका मकसद शराब पिलाकर कैश निकाल लेना था। हत्या की कोई प्लानिंग नहीं थी। रात 10 बजे तक उसने कैलाश और कौशल को जमकर शराब पिलाई। इसके बाद वह उन्हें दाल टिक्कर के लिए आगे ले जा रहा था, लेकिन कौशल ने आगे जाने से मना कर दिया।

दो दोस्तों की हत्या का मास्टर माइंड आरोपी विकास तोमर
तत्काल हत्या कर कैश लूट का बनाया था प्लान
इसके बाद जब कौशल ने आरोपी विकास तोमर के साथ जाने पर मना कर दिया तो उसने तत्काल उसकी हत्या कर कैश लूटने का प्लान बनाया। पर पहले तीसरे दोस्त कैलाश को रास्ते से हटाना था। कैलाश और कौशल ने ज्यादा शराब पी ली थी, इसलिए वह ठीक से चल नहीं पा रहे थे। यहां विकास ने बैग छीनने का प्रयास किया तो दोस्तों ने विरोध किया। इस पर विकास ने कौशल का सिर बड़े पत्थर पर दे मारा। दिव्यांग कौशल वहीं गिर पड़ा और कैलाश ने बचने के लिए दौड़ लगाई तो आरोपी ने उस पर भी हमला कर दिया। दोनों की हत्या के बाद जब उसने बैग खोला तो उसमें रुपए थे ही नहीं। असल में रुपए कौशल अपने भांजे के घर रखकर आया था। इसके बाद सारे सबूत मिटाकर विकास तोमर वहां से फरार हो गया।
यदि मिलता तो अगले दिन मकान बेचकर हो जाता फरार
यदि आरोपी विकास तोमर को कौशल के बैग से कैश मिलता तो वह अगले ही दिन अपना रेशम मील हजीर स्थित मकान को बेचने के बाद पत्नी व दो बच्चों सहित फरार हो जाता। उसका प्लान था कि वह पहले दिल्ली जाता और यहा किराए पर रहता। उसके बाद दिल्ली के आसपास के शहरों में बस जाता।
ऐसे समझिए पूरा मामला
ग्वालियर पुलिस को 15 जून की सुबह लगभग 7.30 बजे एक राहगीर ने सूचना दी थी कि शीतला माता मंदिर रोड हाइवे किनारे एक युवक का खून से सना शव पड़ा हुआ है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। हाइवे किनारे एक शव पड़ा था। पुलिस अभी शव के आसपास छानबीन कर रही थी कि 20 कदम की दूरी पर झाड़ियों में एक और युवक का शव पड़ा था। एक के बाद एक दो लाश मिलने पर सनसनी फैल गई। प्रारंभिक पड़ताल में मामला हत्या का है यह साफ हो गया था, क्योंकि दोनों शव खून से सने हुए थे और पास ही दो बड़े पत्थर खून से लिपटे रखे हुए थे। यही कारण है कि पुलिस अफसरों ने तत्काल फिंगर प्रिंट, डॉग स्क्वॉड़ व फोरेंसिक एक्सपर्ट को जांच के लिए बुलवा लिया है।
ऐसे हुई थी मृतकों की पहचान
पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती मृतकों की पहचान करना थी। एक मृतक दिव्यांग भी था। हत्या करने वालों ने शिनाख्त के लिए कोई भी सबूत नहीं छोड़ा था। पुलिस ने जब दिव्यांग के कृत्रिम पैर को निकाला तो उस पर कुछ नंबर व डिटेल थी। जिससे पता लगा कि यह कृत्रिम अंग जयपुर से बना है। हर किसी दिव्यांग के पैर की बनावट अलग होती है, इसलिए कंपनी पर उनकी डिटेल होती है। अभी पुलिस ने जयपुर संपर्क किया। इधर मृतका का हुलिया व दिव्यांग होने की बात सोशल मीडिया से गदाईपुरा तक पहुंची तो मृतकों की शिनाख्त हो गई है। एक मृतक कैलाश शाक्य (35) व दूसरा कौशल राजावत (40) है। इनमें से कौशल दिव्यांग है, जबकि कैलाश ऑटो चलाता है। कौशल मूल रूप से भिंड का रहने वाला है और अभी गदाईपुरा में ही रह रहा है।
ऐसे हुआ था हत्या का खुलासा
जब पुलिस ने मृतकों की पहचान की तो पता लगा कि इनके साथ इनका खास दोस्त विकास तोमर निवासी कांचमील भी रहता था, लेकिन वह गायब है। इसके बाद पुलिस ने विकास का रिकॉर्ड खंगाला तो वह धोखाधड़ी और आर्म्स एक्ट के मामले में आरोपी था। अब पुलिस को उसकी पूरी कुंडली मिल चुकी थी। पुलिस ने सोमवार शाम उसे गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी विकास तोमर से पूछताछ की गई तो हत्या की पूरी कहानी सामने आ गई है। हाल ही में दिव्यांग कौशल राजावत को भिंड में अपनी पुश्तैनी जमीन बेचने के बाद लगभग 13 लाख रुपए मिले थे। जिस दिन उसकी हत्या हुई वह रुपए लेकर सीधे दोस्तों के पास आने वाला था। पर वह पहले अपने भांजे को रुपए रखने के लिए देकर फिर आया। विकास तोमर को लगा कि वह सीधे उसके पास ही आया है। कौशल पिट्ठू बैग भी टांगे हुआ था। इसके बाद उनको शराब पिलाकर बैग छीनने का प्रयास किया, जब विरोध किया तो हत्या कर दी।
पुलिस का कहना
इस मामले में कंपू थाना प्रभारी अमित शर्मा का कहना है कि डबल मर्डर का खुलासा कर दिया गया है। मृतक व आरोपी दोस्त हैं। मृतक की जमीन बेचकर एक महीने पहले मिले लाखों रुपए पर आरोपी की नजर थी। उसका इरादा यह रुपए हड़पने का था, लेकिन दोस्त के विरोध करने पर हत्या कर दी। आरोपी पत्नी, बच्चों सहित अपना मकान बेचकर यहां से फरार होने वाला था।
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