Donation should be given only to the deserving and not to the undeserving – Brahmachari Dr. Girishanand Maharaj | इंदौर के शंकराचार्य मठ में नित्य प्रवचन: पात्र को ही दान देना चाहिए कुपात्र को नहीं – ब्रह्मचारी डॉ. गिरीशानंद महाराज – Indore News

शास्त्रों में वर्णन है कि व्यक्ति को अपने धन को शुद्ध करने के लिए दान करना चाहिए। दान केवल ब्राह्मणों को देना चाहिए पर किन ब्राह्मणों को, जो ब्राह्मण आध्यात्मिक उत्थान में लगे हो और ब्रह्म को जाने की जिज्ञासा करते हैं, क्योंकि आध्यात्मिकता में लगे रह
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एरोड्रम क्षेत्र में दिलीप नगर स्थित शंकराचार्य मठ इंदौर के अधिष्ठाता ब्रह्मचारी डॉ. गिरीशानंद महाराज ने मंगलवार को यह बात अपने नित्य प्रवचन में कहीं। उन्होंने कहा कि – अपने न्यायपूर्वक अर्जित धन का दसवां भाग भगवान की प्रसन्नता के लिए सत्कर्मों में लगाना चाहिए। अपने परिवार को दुखी करके जो दान देता है उसका दान करने पर भी दुख दायक होता है। स्वयं जाकर दिया गया दान उत्तम, घर पर बुला कर दिया गया दान मध्य और मांगे जाने पर दिया गया दान अधम होता है और सेवा कराके दिया गया दान निष्फल होता है। गौ, ब्राह्मण और रोगियों को जब दान दिया जाता है उस समय जो दान देने के लिए मना करता है वह मृत्यु के बाद प्रेत बनता है। तिल, अक्षत, जल, पुष्पम इनका हाथ में लेकर दान देना चाहिए अन्यथा उसे दान पर दैत्य लोग अधिकार कर लेते हैं।
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