मध्यप्रदेश

Mp News:मानसिक रोगी युवक के सड़क हादसे में हाथ-पैर टूटे, डॉक्टरों ने इलाज कर ठीक किया, परिजनों से भी मिलाया – Doctors Of Shahdol Birsa Munda Medical College Treated Mentally Ill Youth Sent Him Home

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले का रहने वाला है किशन।
– फोटो : अमर उजाला

ख़बर सुनें

डॉक्टरों को धरती का ‘भगवान’ माना जाता है। कई बार डॉक्टर कुछ ऐसा कर देते हैं, जिससे लोगों का उनके प्रति विश्वास और गहरा हो जाता है। इसी तरह का एक वाक्या मध्यप्रदेश के शहडोल के बिरसा मुंडा चिकित्सा महाविद्यालय से सामने आया है। जहां सड़क पर बेसुध घूम रहे एक घायल मानसिक रोगी का न सिर्फ मेडिकल कॉलेज में समुचित उपचार किया गया, बल्कि उसके परिवार का पता कराकर उसे परिजनों के साथ भेज दिया गया।  

दरअसल, मेडिकल कॉलेज के मानसिक उपचार विभाग में एक मरीज को पुलिस द्वारा एक हफ्ते पहले लाया गया था। पुलिस ने डॉक्टरों को बताया कि ये व्यक्ति घायल हालत में रास्ते में उन्हें मिला है। मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वह अपना नाम और पता भी नहीं बता पा रहा था। उसके हाथ और पैर में भी फैक्चर था।

इसके बाद मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों ने उसका इलाज शुरू किया गया। समुचित देखभाल और उपचार के कारण एक हफ्ते बाद ही उसकी मानसिक स्थिति ठीक होने लगी। कुछ दिन बाद चिकित्सकों के पूछने पर उसने अपना नाम किशन चंदेल बताया। साथ ही खुद को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले का रहने वाला भी बताया। कॉलेज के डीन डॉक्टर मिलिंद सिरालकर के मार्गदर्शन में चिकित्सकों ने किशन के परिवार वालों का पता लगाया और उनसे फोन पर बात की। इसके बाद उन्हें पूरे मामले की जानकारी देकर शहडोल बुलाया गया। शुक्रवार को किशन को उसके परिवार के साथ अपने घर भेज दिया गया।  

इस बीमारी से ग्रस्ति होते हैं ऐसे लोग
डॉक्टरों ने बताया कि इस तरह बेसुध होकर सड़क पर घूमने वाले लोगों में असंगठित स्किजोफ्रेनिया नामक बीमारी होती है। इस बीमारी से ग्रस्ति लोग कचरा बीनने, रास्ते पर भटकने जैसे काम करते हैं। डॉक्टरों ने बताया कि इस तरह के लोगों का इलाज आसानी से किया जा सकता है।  

विस्तार

डॉक्टरों को धरती का ‘भगवान’ माना जाता है। कई बार डॉक्टर कुछ ऐसा कर देते हैं, जिससे लोगों का उनके प्रति विश्वास और गहरा हो जाता है। इसी तरह का एक वाक्या मध्यप्रदेश के शहडोल के बिरसा मुंडा चिकित्सा महाविद्यालय से सामने आया है। जहां सड़क पर बेसुध घूम रहे एक घायल मानसिक रोगी का न सिर्फ मेडिकल कॉलेज में समुचित उपचार किया गया, बल्कि उसके परिवार का पता कराकर उसे परिजनों के साथ भेज दिया गया।  

दरअसल, मेडिकल कॉलेज के मानसिक उपचार विभाग में एक मरीज को पुलिस द्वारा एक हफ्ते पहले लाया गया था। पुलिस ने डॉक्टरों को बताया कि ये व्यक्ति घायल हालत में रास्ते में उन्हें मिला है। मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वह अपना नाम और पता भी नहीं बता पा रहा था। उसके हाथ और पैर में भी फैक्चर था।

इसके बाद मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों ने उसका इलाज शुरू किया गया। समुचित देखभाल और उपचार के कारण एक हफ्ते बाद ही उसकी मानसिक स्थिति ठीक होने लगी। कुछ दिन बाद चिकित्सकों के पूछने पर उसने अपना नाम किशन चंदेल बताया। साथ ही खुद को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले का रहने वाला भी बताया। कॉलेज के डीन डॉक्टर मिलिंद सिरालकर के मार्गदर्शन में चिकित्सकों ने किशन के परिवार वालों का पता लगाया और उनसे फोन पर बात की। इसके बाद उन्हें पूरे मामले की जानकारी देकर शहडोल बुलाया गया। शुक्रवार को किशन को उसके परिवार के साथ अपने घर भेज दिया गया।  

इस बीमारी से ग्रस्ति होते हैं ऐसे लोग

डॉक्टरों ने बताया कि इस तरह बेसुध होकर सड़क पर घूमने वाले लोगों में असंगठित स्किजोफ्रेनिया नामक बीमारी होती है। इस बीमारी से ग्रस्ति लोग कचरा बीनने, रास्ते पर भटकने जैसे काम करते हैं। डॉक्टरों ने बताया कि इस तरह के लोगों का इलाज आसानी से किया जा सकता है।  




Source link

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!