Bakrid prayers in mosques and Eidgahs: | मस्जिदों-ईदगाहों में बकरीद की नमाजः: ‘ईद उल अजहा’ पर गले मिलकर दी बधाई, मांगी अमन की दुआ – Harda News

जिले भर में कुर्बानी का पर्व ‘ईद उल अजहा’ आज हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। शहर से लेकर देहात तक बकरीद पर मुस्लिम समाज के लोग एक दूसरे को गले मिलकर बधाई दे रहे हैं।ईदगाह के प्रांगण में हर्षोल्लास के साथ ईद उल अजहा की नमाज पढ़ने को अकीदतमंद जुटे ह
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गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल हरदा की मस्जिदों और ईदगाह के बाहर सुबह से ही भारी भीड़ जुटी है। नमाजियों ने मुल्क में शांति, तरक्की, खुशहाली और भाईचारा के लिए दुआ पढ़ी।
सोमवार सुबह ईद-उल-अजहा (बकरीद) का त्योहार अकीदत और खुलूस के साथ मनाया गया।जिला मुख्यालय के ईदगाह सहित खिरकिया, टिमरनी, सिराली, हंडिया व रहटगांव की तमाम मस्जिदों में नमाज अदा की गई। रब की बारगाह में मुल्क की सलामती,अमनो-अमान और तरक्की की दुआएं मांगी गईं।
नमाज के बाद कुर्बानी कर पैगंबर हजरत इब्राहिम की सुन्नत अदा की गई।ईद को लेकर पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद रहा। उधर, जिला प्रशासन ने बकरीद को शांतिपूर्ण माहौल में मनाए जाने के लिए एहतियात के तौर पर मस्जिदों, ईदगाह और मुस्लिम बस्तियों में पुलिस बल तैनात किया गया है।वहीं नगर पालिका प्रशासन ने भी मस्जिदों और मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में विशेष सफाई के प्रबंध किए हैं।
नमाज के बाद सभी मुस्लमान भाईयों ने एक दूसरे को गले मिलकर ईद की बधाईयां दी। जिसके बाद अधिकांश मुस्लिम भाई कब्रिस्तान की ओर रवाना हुए। जहां पहुंचकर उन्होंने अपने गुजरे हुए बुजुर्गों की मगफिरत के लिए दुआं की फातिहा पढ़ी।
वहीं पुराने गिले शिकवों को भूलकर हिंदू-मुस्लिम भाईयों ने गले मिलकर एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी। मुस्लिम समाज के संपन्न लोगों ने अपने-अपने घरों में बकरे की कुर्बानी दी और अल्लाह को याद कर अपने परिजनों में उसका बंटवारा किया।
कुर्बानी एक माली इबादत
शहर काज़ी मुफ़्ती मोहम्मद रिजवान ने कहा कि खास जानवर को खास दिनों में अल्लाह की खुशी के लिए सवाब की नियामत से जुबह करना कुर्बानी कहलाता है।कुर्बानी एक माली इबादत है।जो हर उस मुसलमान पर वाजिब है जिस पर सदका-ए-फित्र और जकात वाजिब है।
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