The former collector appealed to the minister | पूर्व कलेक्टर ने मंत्री से लगाई गुहार: गांव के लिए मांगा ताप्ती का पानी, गलत सर्वे के कारण दो गांवों तक नहीं पहुंची नहर – Betul News

बैतूल। महाराष्ट्र के तीन जिलों में कलेक्टर रहे रिटायर आईएएस ने आज केंद्रीय जनजातीय राज्यमंत्री डीडी उइके से मुलाकात कर घोघरी जलाशय (मध्यम प्रकल्प) सिंचाई परियोजना की नहर से आने वाले ताप्ती जल का लाभ किसानों को दिलवाने की गुहार लगाई।
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केन्द्रीय राज्यमंत्री डी डी उइके से मिलने पहुंचे गोदिंया के पूर्व कलेक्टर प्रदीप कालभोर बैतूल के पास रोंढा के रहने वाले है। आज वे किसानों के साथ मंत्री के पास पहुंचे । उन्होंने ताप्ती का पानी किसानों के खेतो तक न पहुंचने का मुद्दा उठाया।
पूर्व कलेक्टर श्री कालभोर ने अपने ज्ञापन के साथ मंत्री जी को बताया कि बैतूल विधानसभा क्षेत्र के ग्राम छाता एवं रोंढा के किसानों की खेती को ताप्ती जल होने वाली सिंचाई सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है ज्ञापन में घोघरी जलाशय (मध्यम प्रकल्प) की आधारभूत संरचना में खामियों और किसानों की समस्याओं का जिक्र किया गया। था।
दो गांव के कई किसान लाभ से वंचित
ज्ञापन के माध्यम से कालभोर ने बताया कि बैतूल तहसील स्थित सिंचाई विभाग द्वारा क्रियान्वित घोघरी मध्यम सिंचाई जलाशय प्रकल्प की संरचना में कई खामियां हैं। इन खामियों के कारण ग्राम छाता का प.ह.नं.62 के खेतों को इस प्रकल्प के सिंचाई लाभ से वंचित रखा गया है। उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि सर्वेक्षण के दौरान की गई असावधानी और सर्वे नम्बरों की गलती के कारण किसानों को यह नुकसान हो रहा है। घोघरी जलाशय (मध्यम प्रकल्प) सिंचाई परियोजना के लाभ से ग्राम छाता तहसील बैतूल के खेतीहर किसान वचिंत हो गए है।
किसानो ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि घोघरी जलाशय (मध्यम प्रकल्प) सिंचाई परियोजना के सर्वे एवं संरचना करते समय असावधानी के कारण इन गांवो के सर्वे नंबर खेतों को लाभ क्षेत्र में सम्मिलित नहीं किया गया है, यह वस्तुस्थिति यह है कि ग्राम छाता प.ह.न. 62 के अनेक कृषक खातेदारों के सर्वे नम्बरों को मूल सर्वेक्षण के दरम्यान जलाशय के संरेखन के बाहर रखा गया हैं जो कि अत्यंत गंभीर भूल हैं।
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