मध्यप्रदेश

Gayatri Mantra echoed on the highest peak of Europe | 5 हजार 642 मीटर ऊंचे ‘माउंट एल्ब्रुस’ पर चढ़े भोपाल के वरुण; तिरंगा फहराया

भोपाल13 मिनट पहले

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यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस पर न सिर्फ गायत्री मंत्र गूंजा, बल्कि तिरंगा भी लहराया है। भोपाल के वरुण वडेरिया 5,642 मीटर ऊंचे इस पर्वत पर 8 घंटे में चढ़ गए। माइनस 10 डिग्री टेम्प्रेचर, 30 किमी प्रति घंटे बफीर्ली हवाओं की रफ्तार और खड़ी चढ़ाई सबसे बड़ी चुनौती रही। बावजूद वरुण ने हार नहीं मानी और चोटी पर चढ़कर तिरंगा लहरा दिया। अभी वे रशिया में ही है।

वरुण मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के जॉइंट डायरेक्टर (वित्त) भी हैं। उन्होंने बताया, वे मास्को से बेस कैंप गारावासी पहुंचे। वहां दो दिन तक पर्वत पर चढ़ने की गाइडलाइन को जाना। इसके बाद 28-29 अगस्त की रात डेढ़ बजे से पर्वत पर चढ़ना शुरू कर दिया। अगले दिन सुबह 7.10 बजे यूरोप की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंच गए। सात महाद्वीप की यह महत्वपूर्ण चोटी है। आने-जाने में करीब 8 घंटे लगे। वरुण ने चोटी पर तिरंगे के साथ ही मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड का झंडा भी लगाया। ताकि, मध्यप्रदेश के पर्यटन को दुनियाभर में पहचान मिल सके।

यह आई चुनौतियां
वरुण वडेरिया के मुताबिक, इस चोटी पर पहले भी कई भारतीय चढ़ चुके हैं। लेकिन इस समय वहां का मौसम सबसे कठिनाइयों वाला है। अभी माइनस-10 डिग्री तक तापमान है। जिस दिन पर्वत पर चढ़े, तब भी तापमान इतना ही था। इसके अलावा तेज रफ्तार में बफीर्ली हवाएं चल रही थीं। ठंड-हवा के साथ खड़ी चढ़ाई थी।

यूरोप की सबसे ऊंची चोंटी पर चढ़ने के बाद वरुण वडेरिया ने तिरंगा भी फहराया। इसके अलावा मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड का लोगो भी लगाया।

यूरोप की सबसे ऊंची चोंटी पर चढ़ने के बाद वरुण वडेरिया ने तिरंगा भी फहराया। इसके अलावा मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड का लोगो भी लगाया।

रनिंग के साथ योग से बढ़ा स्टेमिना
वरुण ने बताया, हजारों मीटर ऊंचे पर्वत पर चढ़ने से ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है। इससे सांसें फूलने लगती है। कई बार जान जोखिम पर आ जाती है। इसलिए चोटी पर चढ़ने से पहले मैंने दौड़ने की प्रैक्टिस की। स्टेमिना बढ़ाने के लिए योग भी किया। इसका नतीजा है कि, पहली ही बार में मैंने चोटी पर चढ़ गया। उन्होंने बताया कि वे एक प्रशिक्षित पर्वतारोही भी हैं। जिनका लक्ष्य सेवन समिट (सप्त चोटी) पर तिरंगा फहराना है। सेवन समिट सात पारंपरिक महाद्वीपों में से प्रत्येक के सबसे ऊंचे पर्वत हैं।

अल्फ्रा ग्रेड माउंटेनियर हैं वरुण
वरुण वडेरिया अल्फ्रा ग्रेड माउनटेनियर हैं। उन्होंने इंटरनेशनल फेडरेशन फॉर क्लाइबिंग एंड माउंटेनियरिंग से मान्यता प्राप्त संस्था नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ उत्तरकाशी से माउंटेनियरिंग कोर्स किया है। पर्यटन एवं संस्कृति विभाग प्रमुख सचिव एवं प्रबंध संचालक शिवशेखर शुक्ला ने वडेरिया को इस उपलब्धि पर शुभकामनाएं भी दी।

भारतीय संस्कृति के बारे में गाइड को बताया
माउंट एल्ब्रुस में उन्हें गाइड देने वाले सलाउद्दीन ने जब उनसे पूछा सूर्योदय के समय भारतीय परंपरा में क्या किया जाता है, तो इस पर वरुण वडेरिया ने बताया कि मंत्र के साथ सूर्य को नमन करते हैं। सलाउद्दीन ने मंत्र सुनना चाहा तो उन्हें गायत्री महा मंत्र भी सुनाया।

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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