रेलवे ने कबाड़ बेचकर जितने पैसे कमा लिए, इतने में एक वंदेभारत ट्रेन हो जाएगी तैयार

नई दिल्ली. रेलवे ने सामान ढुलाई और टिकट बेचकर कमाई करने के साथ एक और नया तरीका ढूंढ़ लिया है, जिससे रेलवे मालामाल हो रहा है. मौजूदा वित्तीय वर्ष में भी उत्तर रेलवे ने खूब कमाई की है. कमाई का यह माध्यम कबाड़ बन गया है. हाल ही में कबाड़ बेचकर 100 करोड़ से अधिक की कमाई का रिकार्ड बन चुका है.
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसपंर्क अधिकारी दीपक कुमार के अनुसार उत्तर रेलवे चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 101.11 करोड़ रुपये के स्क्रैप का निपटान करके स्क्रैप बिक्री में जोन नंबर 1 पर है. उत्तर रेलवे चालू वित्त वर्ष में 100 करोड़ रुपये की स्क्रैप बिक्री में पहला जोन भी है.
स्क्रैप से आय के साथ साथ रेल परिसरों को साफ-सुथरा बनाए रखने में भी मदद करता है. रेल पटरियों के टुकड़े, स्लीपर, टाई-बार इत्यादि स्क्रैप को एकत्रित कर इसकी बिक्री से सेफ्टी बढ़ाने में मदद मिलती है.
उत्तर रेलवे ने स्टाफ क्वाटरों, केबिनों, शैड, वाटर टैंकों के निपटान के कार्य को मिशन मोड में शुरू किया है.
इससे शरारती तत्वों द्वारा पुराने ढांचों के दुरुपयोग की संभावना भी समाप्त होती है. उत्तर रेलवे पर बड़ी संख्या में एकत्रित हो गए स्क्रैप पीएससी स्लीपरों का निपटान जल्द से किया जा रहा है ताकि राजस्व अर्जित करने के साथ-साथ कीमती जमीन को रेल गतिविधियों के लिए खाली रखा जा सके.
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FIRST PUBLISHED : June 12, 2024, 17:24 IST
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