सीईओ के निरीक्षण में खुली जिला अस्पताल की पोल: गायब मिले डॉक्टर, पैथालॉजी से नहीं हो रही थीं जांचें तीन दिन बाद भी सोनोग्राफी पर भटकती मिली महिला

छतरपुर। शनिवार को प्रात: 10.15 बजे जिला अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण जिला सीईओ अमर बहादुर सिंह द्वारा किया गया। निरीक्षण के दौरान मौके पर मेडीशन विभाग के डॉक्टर उपस्थित नहीं पाये गए, मरीजों के परिजनों द्वारा बताया गया कि आधे घण्टे से इस विभाग में कोई भी डॉक्टर उपलब्ध नहीं है, इसके पश्चात बाल एवं शिशु रोग कक्ष का निरीक्षण किया गया, जिसमें डॉक्टर मुकेश कुमार एवं डॉक्टर राजेश जैन उपस्थित नहीं पाये गये।
लाखों की मशीनें फिर भी बाहर से कराई जा रहीं जांचें
बाल एवं शिशु रोग कक्ष के बाहर उपस्थित मरीजों की जांच रिपोर्ट बाहर से करवाना पाया गया उनसे बात करने पर पता चला कि जांच हेतु रजिटे्रशन की प्रक्रिया में अधिक समय लगता है व लाईन में खडा होना पडता है जिससे बाहर से जांच करवाई गई है, एक मरीज की कैल्शियम की जांच भी बाहर से कराई जाना पाई गई उससे पूंछने पर बताया कि स्टाफ द्वारा उसको बताया गया कि जिला चिकित्सालय की लैब में यह जांच नहीं होती है इस कारण से उसके द्वारा जांच बाहर से कराई गई है। जिला चिकित्सालय के लैब में स्टाफ द्वारा समक्ष में बताया कि यह जांच जिला चिकित्सालय की लैब में भी उपलब्ध है, जबकि मरीज से उनके द्वारा इस जांच के करने से मना किया गया। जिला चिकित्सालय में आउटसोर्स के माध्यम से भर्ती कर्मचारियों को 5 माह से मानदेय न मिलने का प्रकरण भी संज्ञान में आया है। सीटी स्कैन कक्ष का निरीक्षण किया गया तथा रजिस्टर का अवलोकन किया गया।

सिर्फ दिखावा साबित हो रहीं मशीनें, मरीजों ने सुनाया दुखड़ा
आयुष्मान कार्डधारी भूपेन्द्र नायक निवासी चंद्रनगर अपनी पत्नि का सीटी स्कैन कराने के लिए उपस्थित थे, किंतु डॉक्टर सनोज कुमार उपस्थित न होने से सीटी स्कैन नहीं हो सका। सीटी स्कैन कक्ष के बाहर मरीजों के बैठने हेतु कुर्सियां नहीं थी। सिविल सर्जन को मरीजों के बैठने हेतु कुर्सियां रखवाने के निर्देश दिए गए। डायलिसिस सेंटर का निरीक्षण किया गया। चिकित्सालय निरीक्षण के दौरान मरीज रोशनी तिवारी निवासी गुलगंज द्वारा बताया गया कि वह 03 दिन से लगातार आ रही है परंतु उसकी सोनोग्राफी नहीं की जा रही है। सोनोग्राफी सेंटर पर जाकर स्टाफ को उनकी सोनोग्राफी करने के निर्देश दिए। सोनोग्राफी सेंटर के स्टाफ द्वारा बताया गया कि सुबह 9 बजे तक मरीजों को टोकन वितरित किए जाते है उसके बाद लगभग 35-40 मरीजों की सोनोग्राफी की जाती है। इस परिपेक्ष्य में सिविल सर्जन को निर्देश दिए गए कि प्रात: 9 बजे के बाद भी टोकन सोनोग्राफी हेतु वितरित किए जाये, विशेषकर दूर दराज के लोगों को सोनोग्राफी हेतु न भटकना पड़े।
प्रसूता कक्ष में मिली गंदगी, एंबुलेंस के ड्राईवर गायब
प्रसूति कक्ष के पास स्थित शौचालय में अत्यंत गंदगी पाई गई जिस हेतु सफाई कर्मचारियों को शौचालय की नियमित सफाई हेतु निर्देश दिए गए। जिला चिकित्सालय की एम्बुलेंस के बारे में सिविल सर्जन से जानकारी ली गई उनके द्वारा बताया गया कि जिला अस्पताल में 04 एम्बुलेंस है जिसमें से 03 चालू स्थिति में है और 01 खराब है। मौके पर एम्बुलेंस के ड्राईवर नहीं पाये गये, भ्रमण के उपरांत एक ड्राईवर उपस्थित हुआ। निरीक्षण के दौरान मौके पर सिविल सर्जन डॉ. एम.के. गुप्ता, डॉ. अरूण देव शर्मा, डॉ. लखन तिवारी उपस्थित रहे।