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Women success story mushroom lady veena devi is giving tips to increase mushroom production and earn more

सिद्धांत राज

मुंगेर. मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में बिहार के मुंगेर की वीणा देवी चर्चित नाम हैं. इसके लिये पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया था. उसके बाद इन्हें लोग मशरूम लेडी के नाम से जानने लगे. इस सम्मान कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वीणा देवी से मुलाकात कर उनसे मशरूम की खेती के बारे में जानकारी ली थी. वीणा देवी को  कई संस्थाओं ने भी सम्मानित किया है एवं मशरूम उत्पादन की विधि को महिला व पुरुषों के बीच प्रशिक्षण करवाया. वीणा देवी से ट्रेनिंग लेने के बाद आज बिहार में सैकड़ों लोग मशरूम उत्पादन कर रहे हैं.

मशरूम लेडी मूलतः मुंगेर के टेटिया बंबर प्रखंड के तिलकारी गांव की रहने वाली हैं. उन्होंने वेस्टर और मिल्की मशरूम बनाने की विधि को बताया है. वीणा देवी ने पहले स्टेप में बताया कि गेहूं के भूसे को ठंडे पानी मे 12 से 14 घंटे डालकर छोड़ दिया जाता है. उसके बाद उसे पानी से निकाल कर कड़ाही में फूले हुए भूसे को चूल्हा पर चढ़ाकर भांपना है. जब उसमें 65 प्रतिशत नमी बचे, तो चूल्हे से उतारकर रख दें. फिर ठंडा होने के बाद 16/22 इंच साइज वाले पॉलीबैग में उस भूसे की एक लेयर को डालें. उसमे मशरूम की बीज (स्पॉन) को चारों तरफ छीट (बिखेर) कर डालना है. उसके बाद दूसरी लेयर डाल कर फिर उस पर बीज डालें. इसी प्रकार, तीसरी, चौथी और पांचवी बीज की लेयर डाल पॉलीबैग को गोल करने के लिए बाहर से एक पतला रबर लगाएं.

इसके बाद पॉलीबैग के मुंह को अच्छी तरह से बंद कर दें. उसके बाद एक कलम में डेटॉल लगाकर पॉलीबैग के बाहर से अलग-अलग जगह 25 से 30 छेद कर दें. उसके बाद उस मशरूम के पैकेट को किसी अंधेरे कमरे में छप्पर या छत से लटका कर छोड़ दें. चाहें तो इसको जमीन पर भी रख सकते हैं, लेकिन जमीन पर रखने की वजह से बैग के नीचे से मशरूम नहीं उगेंगे. जबकि उसको लटकाने से नीचे से भी मशरूम उग आते हैं.

एक बैग से 1 से 2 किलो मशरूम एक बार में टूटता है

वीणा देवी ने बताया कि मैंने यह एक बैग की विधि बताई है. यदि किसान इसकी उपज और अधिक करना चाहते हैं, तो इसी विधि को अपना कर बैग की संख्या अपने जगह की क्षमता के हिसाब से कर सकते हैं. उन्होंने आगे बताया कि पूरी प्रक्रिया को करने के बाद 18 दिन में मशरूम के बीज से फूल आने लगते हैं. 25 दिन में वो तोड़कर खाने लायक हो जाते हैं.

मशरूम लेडी ने बताया कि एक बैग से एक से दो किलो मशरूम एक बार में टूटता है. जब आप उसे तोड़ लेते हैं तो और दो से पांच बार तक निकाल सकते हैं. बशर्ते एक बार को तोड़ने के बाद उसमें एक बाल्टी पानी डालकर उसे लटकाना पड़ता है जिससे कि भूसे से पानी पूरी तरह से गिर जाए. फिर से उसी जगह से मशरूम ऊपज आती है. उन्होंने इस दौरान एक विशेष बात का ध्यान रखने को कहा कि मशरूम को तोड़ते वक्त उसे खींचकर नहीं तोड़ना चाहिए, बल्कि ब्लेड या उसे मरोड़ कर तोड़ना है. इससे पॉलीबैग ना फटे, ना ही अंदर का भूसा बाहर निकल आए. अन्यथा यह बैग बर्बाद हो सकता है.

घर में अगर गेहूं का भूसा है तो मात्र इतना खर्च आएगा

वीणा देवी ने बताया कि यदि आपकी अपनी खेती है और गेहूं का भूसा हो रहा है तो 10 बैग में कुल 150 रुपया ही खर्च आएगा. जब मशरूम 25 या 30 दिन में तैयार हो जाएगा, तो बाजार में इस मशरूम की बिक्री 200 रुपया प्रति किलो होती है. तो समझ लें कि 10 बैग में आप तीन से चार हज़ार रुपये इतने दिन में कमा सकते हैं. इसी बैग में कई बार मशरूम का उत्पादन भी कर सकते हैं.

Tags: Bihar News in hindi, Munger news, Mushroom, Womens Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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