मध्यप्रदेश

Now a 65 year old lady was kept under digital arrest for 5 days and cheated of Rs. 46 lakhs | फिर ठगी का मामला: अब 65 साल की वृद्धा को 5 दिन डिजिटल अरेस्ट रख 46 लाख ठगे – Indore News


शहर की एक वृद्ध महिला को 5 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखकर उनसे 46 लाख रुपए की ठगी की गई। बदमाशों ने उन्हें ट्राई का अधिकारी बनकर धमकाया और कहा कि उनके फोन नंबर का गलत इस्तेमाल हुआ है। फिर सीबीआई और क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर उन्हें 5 दिन तक डराते रहे।

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एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश दंडोतिया ने बताया कि 65 वर्षीय महिला को कॉल करने वाले ने कहा, मैं टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया(ट्राई) के दिल्ली ऑफिस से जांच अधिकारी विनोद कुमार बोल रहा हूं। आपके नाम से जो सिम रजिस्टर्ड है, उससे गैरकानूनी विज्ञापन और उत्पीड़न किया गया है। इसलिए आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। वृद्धा का एक बेटा है, जो बाहर रहता है। वृद्धा को इतना डरा दिया कि ठग जैसा बोलते गए वे वैसा ही करती गईं।

कस्टम अफसर बन डराया बाद में बदमाशों ने दूसरा फोन उन्हें (8449365957) नंबर से किया। इसमें डराया कि आपके आधार कार्ड से एक पार्सल कम्बोडिया भेजा गया है, जो कि कस्टम विभाग में पकड़ा है। ये फोन वृद्धा ने काट दिया। फिर तीसरे नंबर (9589386774) से वाट्सएप पर कॉल किया और सीबीआई आॅफिसर संदीप कुमार बनकर कहा कि आपकी खाते से ड्रग्स, आतंकवाद के लिए करोड़ों रुपए के ट्रांजेक्शन हुए हैं।

आपका पैसा असुरक्षित है बोलकर ट्रांसफर करवाए

बदमाशों ने ये भी कहा कि आपका दिल्ली की एचडीएफसी बैंक में खाता है। इसी से सारे ट्रांजेक्शन हुए हैं। आपने 40 हजार लेकर खाता दिया है। आप इन लोगों से मिली हैं। आपका सारा पैसा असुरक्षित है। हम जो खाते बता रहे हैं आप उनमें अपना सारा रुपया ट्रांसफर कर दो नहीं तो आपकी जान को और आपके बच्चों को खतरा है। इस पर वे घबरा गईं और पहले 40 लाख फिर 6 लाख रुपए आरटीजीएस कर दिए।

ऐसे मामलों में क्या करें – नेमी रामावात, डिजिटल फाइनेंशियल टांजेक्शन के एक्सपर्ट)

  • सबसे पहले यह समझें कि कोई भी कानूनी केस फोन पर हल नहीं होता है। उसकी कानूनी प्रक्रिया होती है और समय लगता है।
  • यदि कोई आपको फोन पर किसी एजेंसी या अधिकारी के नाम पर ब्लैकमेल कर रहा है तो तत्काल परिजन, पुलिस, वकील को बताएं। उसके झांसे में नहीं फंसें।
  • अपने खाते की कोई भी डिटेल साझा नहीं करें, क्योंकि बैंक खुद भी कोई डिटेल नहीं मांगता है।

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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