अजब गजब

झाडू-पोंछा करने वाली मां और सब्जी बेचने वाले पिता का बेटा बना डॉक्टर, पहली सैलरी मिलते हीं छलक पड़ा आंसू, The son of a sweeping mother and a vegetable seller father became a doctor tears welled up as soon as he got his first salary

धौलपुर. प्रतिभा कहीं भी हो सकती है. धौलपुर में कुछ ऐसा ही हुआ है. इस बेटे की सफलता का सफर बड़ा कठिन है. गांव के लोगों ने शायद कभी सोचा भी नहीं होगा कि घर-घर झाड़ू-पौंछा करने वाली मां और ठेले पर गली-मोहल्लों में घूम-घूम कर सब्जी बेचने वाले पिता अपने पुत्र को डॉक्टर बना सकते हैं. लेकिन ऐसा हुआ है. धौलपुर जिले की पंचायत समिति सरमथुरा के गांव हरी सिंह का पुरा निवासी सब्जी बेचने वाले रामवीर दिवाकर ने अपने बेटे को डॉक्टर बनाने का सपना देखा था.

अपने माता-पिता के सपने को बेटे मनीष कुमार दिवाकर ने कड़ी मेहनत कर डॉक्टर बनकर पूरा किया है. मनीष दिवाकर के डॉक्टर बनने के बाद बुधवार को जैसे ही पहली सैलरी आने की सूचना परिवार वालों को दी, वैसे ही परिजनों में खुशी छा गई.

पहली सैलरी मिलने पर छलक पड़ा आंसू

इस दौरान डॉक्टर मनीष दिवाकर भी अपने जीवन की पहली सैलरी को देख अपने आंसू नहीं रोक सके और उनकी आंखें नम हो गई. डॉ. मनीष दिवाकर ने बताया कि पापा ने जयपुर में सब्जी बेचकर और मां मछला देवी दिवाकर ने दूसरों के घरों में जाकर झाड़ू-पौंछा लगाकर पढ़ाया-लिखाया. उन्होंने बताया कि पिता के एक हाथ की उंगलियां कटी हुईं है. इसके बावजूद उन्होंने पढ़ाने के दौरान जो सपना डॉक्टर बनाने का सपना देखा था, वह साकार हो गया है. माता-पिता की वजह से ही डॉक्टर बन सका.

माता-पिता के साथ गुरूजनों को दिया सफलता का श्रेय 

डॉ. मनीष दिवाकर ने बताया कि माता-पिता के सपने को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत कर उनके सपने को साकार कर दिया है. उन्होंने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता की कड़ी मेहनत और गुरुजनों एवं परिवार वालों  को दिया है. उन्होंने बताया कि माता-पिता के इस कर्ज को जीवन में कभी नहीं चुका सकता. मनीष दिवाकर के चाचा बबलू दिवाकर ने बताया कि मनीष बचपन से ही पढ़ने में काफी होशियार था. परिवार का एक ही सपना था कि मनीष डॉक्टर बने. मनीष ने कड़ी मेहनत से डॉक्टर  बनकर परिवार के सपने को साकार कर दिखाया है. मनीष की इस कामयाबी से परिवार में खुशी का माहौल है. उन्होंने बताया कि मनीष ने पिछले महीने ही उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के कस्बा सैफई में डॉक्टर के पद पर ज्वाइन किया है और वह वहां पर अपनी सेवाएं दे रहा है.  बुधवार को मनीष के जीवन की पहली सैलरी की सूचना से परिवार में खुशी का माहौल है.

Tags: Local18, Rajasthan news, Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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