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भगवान भरोसे चल रहा है छतरपुर का जिला चिकित्सालय

छतरपुर। बुंदेलखंड क्षेत्र में सबसे अच्छा कहा जाने वाला जिला चिकित्सालय इस समय अपनी दुर्दशा को लेकर पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। पांच मंजिल बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई है डाक्टरों के चैंबर अलग अलग बनके तैयार हो गए हैं मगर जिले में पदस्थ डाक्टर इन चैंबरों में बैठकर मरीजों को नहीं देखते। जिला अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों के साथ आए दिन होने वाली बदसलूकी के कारण मरीज के परिवारजन आए दिन जिला चिकित्सालय में हंगामा करते हैं। जिला चिकित्सालय में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा हमेशा बना रहता है। जिला अस्पताल में दलाल भी काफी सक्रिय हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले भोले भाले मरीजों को बहला फुसलाकर प्रायवेट नर्सिंग होमों में जबरियन भेजा जाता है। यही नहीं प्रायवेंट एंबुलेंस के संचालकों के द्वारा मरीजों को रेफर कराने के एवज में मोटा कमीशन भी मिलता है। जिसके चलते जिला चिकित्सालय में पूरी तरह से भर्राशाही का आलम है। कुछ डाक्टरों को छोड़कर सभी डाक्टर समय से अस्पताल में नहीं आते हैंऔर मनमानी करते नजर आते हैं।

डॉक्टर की मां को ही नहीं मिला स्ट्रेचर, व्हीलचेयर और न ही वार्डबॉय, पैदल ही अपनी मां को लेकर घूमते डॉ. लखन तिवारी..

छतरपुर जिला अस्पताल मैं पदस्थ डॉ. लखन तिवारी (चाइल्ड स्पेशलिस्ट) जो कि पूर्व में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन भी रहे हैं। गुरुवार को यहां उन्हीं की मां को ही व्हीलचेयर और स्ट्रेचर नहीं मिला। वह अपनी मां के लिए स्वयं परेशान होते रहे। डॉ. लखन तिवारी का कह्ना है कि जिला अस्पताल का दुर्भाग्य है कि मैं इस अस्पताल में सीनियर डॉक्टर हूं और सिविल सर्जन भी रहा हूं। गुरुवार को जब मुझे अपनी मां के इलाज के लिए एंबुलेंस की आवश्यकता थी, तो मेरे कॉल करने पर भी वह नहीं मिली। डॉ.लखन तिवारी ने बताया कि परेशान होकर मैं पर्शनल वाहन से मां को लेकर जिला अस्पताल लेकर पहुंचा यो यहां मुझे न तो स्ट्रेचर मिला, न व्हीलचेयर मिली और न ही वार्डबॉय मिला। मैं खुद अपनी को पैदल लेकर घूम रहा। वर्तमान में जिला अस्पताल में पदस्थ सीनियर डॉक्टर और पूर्व में सिविल सर्जन रहे डॉक्टर लखन तिवारी को आवश्यकता पड़ने पर व्हीलचेयर, स्ट्रेचर, और वार्डबॉय मुहैया नहीं हो सके तो आम लोगों की बिसात ही क्या?

हालांकि छतरपुर कलेक्टर ने इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम गठित कर दी है जो प्रतिदिन बारी बारी से जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपेगे। जिलापंचायत के सीईओ अमर बहादुर सिंह दो दिन अतिरिक्त कलेक्टर रामाधर अग्रिवंशी एवं छतरपुर एसडीएम यूसी मेहरा दो दो दिन निरीक्षण करेंगे और जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाओं में सुधार करेंगे। अब देखना है कि कलेक्टर के आदेश के बाद जिला चिकित्सालय में कितना सुधार हो पाता है फिलहाल जिला चिकित्सालय भगवान भरोसे चल रहा है। 

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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