अजब गजब

हिमंत विश्व शर्मा के बयान को क्यों नहीं भूल पाया ‘मियां’ समुदाय? जानें लोगों ने क्या कहा

Image Source : FACEBOOK.COM/HIMANTABISWASARMA
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा।

नगांव: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के इस बयान को ‘मियां’ समुदाय का एक वर्ग भूल नहीं पाया है कि बीजेपी को अगले 10 साल तक ‘मियां’ लोगों के वोटों की जरूरत नहीं है, जब तक कि वे बाल विवाह जैसी कुछ सामाजिक प्रथाओं को छोड़कर खुद में सुधार नहीं कर लेते। समुदाय ने मुख्यमंत्री के इस बयान को ‘उनके अस्तित्व को ही नकारने के समान’ बताया है। वहीं, शर्मा आम चुनाव के लिए प्रचार के दौरान अपने रुख में नरमी लाए हैं और बड़ी संख्या में बांग्लाभाषी मुसलमानों के घर जाकर बीजेपी के लिए वोट मांग रहे हैं, लेकिन समुदाय के सदस्य उनके बयान को भूलने और उन्हें माफ करने को तैयार नहीं हैं।

‘जब आप हमें चाहते ही नहीं तो हम आपका समर्थन क्यों करें?’

नगांव लोकसभा क्षेत्र के धींग में रहने वाले रुहुल अमीन ने सवाल किया, ‘आपने (शर्मा ने) कहा कि मियां वोटों की जरूरत नहीं है। अब जब आप देख रहे हैं कि हमारे वोट के बिना आप कई सीटों पर नहीं जीत सकते तो आप हमारे पास आ रहे हैं। आपको हमारी जरूरत सिर्फ चुनाव के समय पड़ती है। जब आप हमें चाहते ही नहीं तो हम आपका समर्थन क्यों करें?’ बता दें कि ‘मियां’ शब्द असम में बांग्लाभाषी मुस्लिमों के लिए बोला जाने वाला शब्द है और गैर-बांग्लाभाषी लोग सामान्य तौर पर उन्हें बांग्लादेशी प्रवासी के रूप में देखते हैं।

‘शर्मा ने कहा था कि मियां महिलाएं बच्चे पैदा करने की मशीन हैं’

मियां समुदाय से जुड़े 56 साल के अमीन ने कहा कि लोगों को शर्मा और उनकी सरकार के कई मंत्रियों के 2021 से दिए गए अनेक अपमानजनक बयान याद आ रहे हैं जब राज्य में दूसरी बार बीजेपी की सरकार बनी थी। अमीन ने कहा,‘उन्होंने कहा था कि मियां महिलाएं बच्चे पैदा करने की मशीन हैं। इससे हम सब, खासतौर पर हमारे समुदाय की महिलाएं आहत हुई थीं। मुख्यमंत्री दावा कर सकते हैं कि इस बार सभी मियां महिलाएं और युवा उनके लिए मतदान करेंगे, लेकिन वह गलत साबित होंगे।’

नगांव लोकसभा सीट पर 10.5 लाख से अधिक मुस्लिम मतदाता हैं

शर्मा ने इस साल फरवरी में कहा था कि वह अगले 2 साल तक ‘मियां’ वोट नहीं मांगेंगे क्योंकि उससे पहले बाल विवाह तथा अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाने जैसे अनेक कल्याणकारी कार्य करने हैं। हालांकि, शर्मा ने पिछले महीने एक चुनावी सभा में अपने रुख में नरमी लाते हुए विश्वास जताया कि ‘मियां’ समुदाय की लड़कियां, महिलाएं और युवक उनके उत्थान के लिए किए गए अच्छे कार्यों के कारण बीजेपी के लिए मतदान करेंगे। नगांव संसदीय क्षेत्र में परिसीमन के बाद कुल 18.2 लाख मतदाताओं में 10.5 लाख से अधिक मुस्लिम मतदाता हैं। नगांव में मतदान 26 अप्रैल को होगा।

‘बीजेपी सत्ता में आई तो म्यांमार जैसी स्थिति पैदा कर दी जाएगी’

नगवां की लोकसभा सीट से कांग्रेस के निवर्तमान सांसद प्रद्युत बोरदोलोई दूसरी बार संसद पहुंचने की मशक्कत कर रहे हैं और उनकी सीधी लड़ाई अपने पूर्ववर्ती सहयोगी सुरेश बोरा से है जो पहले कांग्रेस में ही थे और करीब 3 महीने पहले बीजेपी में शामिल हुए हैं। अमीन ने कहा, ‘आम तौर पर यह माना जाता है कि मियां लोग पिछड़े हैं और देश की स्थिति के बारे में नहीं जानते हैं। लेकिन यह गलत है। लोगों को चिंता है कि अगर बीजेपी सत्ता में आती है, तो हमारे संविधान को बदलकर म्यांमार जैसी स्थिति पैदा कर दी जाएगी और सभी मुसलमानों और ईसाइयों जैसे अल्पसंख्यकों को मिलने वाली स्वतंत्रता में कटौती की जाएगी।’

Lok Sabha Elections 2024, Lok Sabha Elections, PM Elections 2024

Image Source : PTI FILE

असम की कुछ सीटों पर मियां समुदाय के वोट निर्णायक भूमिका अदा करते हैं।

‘अधिकांश युवा सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार को वोट नहीं देंगे’

नगांव शहर से सटे बेलटोली इलाके में मियां समुदाय की बीए छठे सेमेस्टर की छात्रा मौसमी बेगम ने कहा कि समुदाय के अधिकांश युवा सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार को वोट नहीं देंगे। उन्होंने कहा, ‘हमें उन पर और उनके आश्वासनों पर भरोसा नहीं है। वे सरकार बनने के बाद से मुसलमानों पर हमला कर रहे हैं। युवा बेदखली के नाम पर मदरसों और मस्जिदों के विध्वंस का समर्थन नहीं करते।’ (भाषा)

Latest India News




Source link

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!