मध्यप्रदेश

Four siblings who came to Gwalior from Mumbai are missing | मुम्बई से भागे बच्चे ग्वालियर में मिले, जानिए पूरी कहानी: ट्रेन में साथ थी सौतेली मां, खंडवा में उतरी, लापता बच्चों से मिलती रही असली मां – Gwalior News

मुम्बई से भागकर ग्वालियर आए चार बच्चे लापता हैं। पुलिस ने दो युवकों को ग्वालियर-मुरैना से उठाया है।

मुम्बई के अंधेरी ईस्ट से भागकर ग्वालियर आए चार बच्चे (तीन बालिकाएं-एक बालक) ग्वालियर के माधव बाल निकेतन की केयर टेकर के घर पर मिले हैं। ट्रेन में सौतेली मां साथ थी पर खंडवा में उतरकर भाग गई, जबकि असली मां को पता था कि बच्चे कहां हैं। बीते छह दिन में

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ट्रेन में झांसी के पास उनको एक युवक मिला जो ग्वालियर तक लाया। उसके बाद यह पूरा माधव बाल निकेतन आश्रम का सीन बना है। मुरैना का राम गुर्जर, कैलारस मुरैना निवासी दिलीप धाकड़ की ऑटो में लेकर बच्चों को माधव बाल निकेतन लेकर गया। यहां से ऑटो वाला छोड़कर चला गया। बच्चों को सीधे आश्रम में नहीं रख सकते थे। केयर टेकर प्रियंका भदौरिया उन्हें अपने घर ले गई। यहां बच्चों की असली मां उनसे मिलने आई। जब पुलिस को बच्चे मिले तो पुलिस पूरी कहानी में अभी भी उलछी नजर आ रही है, क्योंकि पूरी कहानी के कई सूत्रधार हैं। अब पुलिस इन सभी किरदारों की आपस में कड़ी जोड़ने का प्रयास कर रही है।

इसी ऑटो में बच्चों काे बैठाकर ऑटो चालक माधव बाल निकेतन लाया था

ऐसे समझिए पूरा मामला
महाराष्ट्र मुम्बई के अंधेरी ईस्ट निवासी चार भाई-बहन जिसमें 18 साल की आर्या तिवारी, 15 साल अनुष्का व 08 साल की कुमुद तिवारी के साथ उनका भाई 11 वर्षीय भावेश 26 मई की रात घर से भागकर आए थे। वह रात 8.32 बजे कल्याण स्टेश्न से पंजाबमेल एक्सप्रेस में चढ़े थे। ट्रेन में बच्चों की मुलाकात झांसी के मुरैना के किसी युवक से हुई थी। मुरैना का युवक को समझते देर नहीं लगी कि वह बच्चे भागकर आए हैं। 27 मई को ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर मुरैना के युवक ने पूछताछ की तो बच्चों ने पूरी बात बताई। इसके बाद मुरैना का युवक स्टेशन के बाहर से ऑटो बुक कर चारों बच्चों को लेकर हनुमान चौराहा जनकगंज स्थित माधव बाल निकेतन एवं वृद्धाश्रम पहुंचे। बच्चे आनंद नगर निवासी दिलीप धाकड़ की ऑटो में सवार होकर बाल निकेतन तक पहुंचे थे। यहां उनको अंदर तक छोड़कर ऑटो चालक अपना किराया लेकर चला गया था। बच्चों ने ऑटो का ऑनलाइन किराया दिया था। जब अकाउंट से पेमेंट हुआ तो मुम्बई क्राइम ब्रांच को लिंक मिली। जिसके बाद रविवार को क्राइम ब्रांच ग्वालियर पहुंची। अॉटो चालक को निगरानी में लिया तो उसने माधव बाल निकेतन में बच्चों को छोड़ना बताया था। जब पुलिस माधव बाल निकेतन प हुंची तो पता लगा कि वहां तो बच्चे आए ही नहीं हैं। वहां बाल कल्याण समिति के निर्देश पर कोई भी नाबालिग आता है।
ऑटो चालक व मुरैना के युवक को मुम्बई पुलिस ने उठाया हुआ खुलासा
मुम्बई क्राइम ब्रांच की एक टीम ने ग्वालियर के आनंद नगर निवासी दिलीप धाकड़ को उठाया तो मुरैना के एक युवक का नाम सामने आया। इसके बाद पुलिस की एक टीम मुरैना पहुंची और सरायछौला से बंट गुर्जर को उठा लिया है। अभी तक वो भी माधव बाल निकेतन में बच्चों को छोड़ने की कहानी सुना रहा है। पुलिस को माधव बाल निकेतन की केयर टेकर प्रियंका भदौरिया की भूमिका संदिग्ध लगी। जब तीनांे को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की गई तो खुलासा हुआ कि 27 मई से लेकर चारों बच्चे माधव बाल निकेतन आश्रम की केयर टेकर के घर पर हैं।

बाल निकेतन में जांच पड़ताल करती मुम्बई पुलिस

बाल निकेतन में जांच पड़ताल करती मुम्बई पुलिस

असली मां को पता था बच्चे कहां है, वह मिलकर भी गई
मुम्बई क्राइम ब्रांच छह दिन ने इन बच्चों की तलाश कर रही थी। जबकि यहां बीच में एक बार बच्चों की असली मां केयर टेकर प्रियंका के घर पर आकर बच्चों से मुलाकात करके भी गई थी, लेकिन वहां उसने पुलिस को कुछ भी नहीं बताया है। कुछ समय पहले ही बच्चों के पिता ने उनकी मां को अपनी जिंदगी से बेदखल कर अन्य महिला से शादी कर ली थी। अब पुलिस यह भी पता कर रही है कि असली व सौतेली मां के बीच यह बच्चे कहीं खिलौना तो नहीं बन गए हैं। जिससे वह आपस में एक दूसरे पर वार पर वार करती जा रही हैं।
सौतेली मां खंडवा से क्यों लौटकर मुम्बई पहुंची
बच्चों के पिता मुम्बई में व्यापारी हैं। उन्होंने दूसरी शादी की है, जबकि लापता चारों बच्चे पहली पत्नी से हैं। जब मुम्बई क्राइम ब्रांच ने पड़ताल की तो पता लगा कि लापता होने वाली रात कल्याण स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरों में सौतेली मां भी उनके साथ ट्रेन में सवार होते दिख रही है। इसके बाद पता किया तो जानकारी मिली कि मध्य प्रदेश के खंडवा स्टेशन तक सौतेली मां बच्चों के साथ थी। खंडवा स्टेशन से वह उतरकर वापस मुम्बई पहुंच गई है। अब पुलिस पता लगा रही है कि सौतेली मां का टारगेट क्या था। उसने यह हरकत क्यों की है।
CCTV कैमरे के नहीं मिल सके फुटेज
इस मामले में माधव बाल निकेतन में लगे CCTV कैमरे के फुटेज मुम्बई पुलिस को नहीं मिल सके हैं। पुलिस ने जब CCTV कैमरे चेक किए तो पता लगा कि यहां के सिर्फ तीन दिन का डेटा स्टोर हो सकता है, जबकि घटना 27 मई की है और आज छटवां दिन है। इसलिए फुटेज नहीं मिल सके हैं। कुछ कैमरें खराब भी बताए गए हैं। पर रात को लापता सारे बच्चे माधव बाल निकेतन की केयर टेकर के घर मिल गए हैं।
पुलिस का कहना
ग्वालियर के जनकगंज थाना के प्रभारी वितेन्द्र सिंह चौहान का कहना है कि मुम्बई पुलिस चार बच्चों को तलाशते हुए ग्वालियर आई है। ग्वालियर से एक ऑटो चालक व मुरैना से अन्य युवक को पकड़ा है। उनको साथ लेकर ही घूम रही है। बच्चे मिल गए हैं। अब पुलिस कहानी का पटाक्षेप करने में लगी है।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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