‘Life in danger from wife in Indore, case transferred to Rewa | इंदौर; पति-पत्नी जहां रहते हैं, वहां नहीं चलेगा तलाक केस: हाई कोर्ट ने तीसरी लोकेशन पर ट्रांसफर किया केस, जहां से दोनों का नाता नहीं – Indore News

इंदौर में पति-पत्नी के तलाक केस की सुनवाई नई कोर्ट लोकेशन पर ट्रांसफर करने का मामला सामने आया है। यह आंशिक राहत महिला नहीं, बल्कि उसके पति की अर्जी पर हाई कोर्ट ने दी है। वकीलों का दावा है कि तलाक केस सुनवाई के लिए महिला के बजाय पुरुष को आंशिक राहत द
.
मामला ऐसा है कि पति रीवा में ही करता है। चाहता था कि तलाक केस रीवा फैमिली कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया जाए। पत्नी सागर की है लेकिन इंदौर में नौकरी करती है। वह चाहती है कि केस इंदौर में ही चलता रहे। हाई कोर्ट ने पति की अर्जी पर फैसला दिया है। हालांकि, केस को न तो रीवा शिफ्ट किया, न ही इंदौर में ही चलने दिया, बल्कि ADJ महू कोर्ट में चलाने के आदेश दिए। अब वहां सुनवाई शुरू हो गई है।
जानिए क्या यह है दिलचस्प मामला, क्यों पत्नी के बजाय पति की अर्जी को अदालत ने मान ली…
रीवा के रहने वाले मनीष (परिवर्तित नाम) की शादी सागर की अर्चना (परिवर्तित नाम) से 2017 में हुई। पति रीवा का रहने वाला है। अभी वहीं रह रहा है, उसका प्राइवेट जॉब है। पत्नी सागर की रहने वाली थी। रीवा में शादी के बाद पत्नी की इंदौर में सरकारी नौकरी लग गई। पति ने कह दिया कि आपको जॉब छोड़ने की जरूरत नहीं है। आप जॉब जारी रखिए और पत्नी को इंदौर में रहकर जॉब करने के लिए भेज दिया। हालांकि, बाद में तात्कालिक कारणों से दोनों के बीच तलाक की नौबत आ गई। पति के अपने आरोप हैं, पत्नी के अपने कारण..।
इसके बाद अर्चना ने इंदौर में तलाक के लिए केस लगा दिया। इसकी सुनवाई शुरू हो गई। लिहाजा सुनवाई के दौरान फैमिली कोर्ट में पेशी के लिए रीवा से पति इंदौर आना-जाना करने लगा। इनके बीच एक अन्य मामला भी जिला कोर्ट में भी पेश होने आया।
बात नवंबर 2023 की है। जब जिला कोर्ट में पति मनीष पेशी के लिए आया तो अचानक उस पर हमला कर दिया गया। मारपीट की शिकायत पति ने एमजी रोड थाना इंदौर में दर्ज करा दी। आरोप लगे कि हमले के पीछे उसकी पत्नी का हाथ हो सकता है।
फैमिली कोर्ट इंदौर।
मिली थी धमकी इंदौर कोर्ट में उपस्थित मत होना
इसी को आधार पर बनाकर पति ने कोर्ट को बताया मेरे ऊपर हमला हुआ है। केस भी दर्ज हो चुका है। पति का इंदौर में किसी से कोई ताल्लुक नहीं रहा है इसलिए यहां किसी से कोई निजी दुश्मनी कभी भी नहीं रही है। तारीख के सिलसिले में ही इंदौर आए थे। पहले भी धमकी मिल रही कि इंदौर कोर्ट में आकर हाजिर मत होना। दरअसल, पति गैरहाजिर रहता तो कोर्ट एक्स पार्टी (एकतरफा) ऑर्डर पास कर सकती थी। इसी कारण पति रीवा से इंदौर लगातार हर पेशी पर आ रहा था।
हमले के बाद पति को इंदौर हाई कोर्ट में ट्रांसफर पीटिशन लगाई गई। इसमें गुहार लगाई कि इस केस को दूसरी जगह ट्रांसफर किया जाए। इस पर हाई कोर्ट ने पत्नी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा।
पत्नी की तरफ से हाई कोर्ट में वकील पेश हुए। उन्होंने जानकारी दी कि पति की तरफ से कोर्ट में हमले की झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई है। मामला अन्य कोर्ट में ट्रांसफर किया जाता है तो महिला होने के नाते अदालती कार्यवाही में भाग लेना बहुत मुश्किल होगा इसलिए केस ट्रांसफर का आवेदन खारिज किए जाने योग्य है।
दोनों तरफ से तर्कों का सुना गया। कोर्ट ने ये माना कि पत्नी इंदौर जिला कोर्ट में काम करती है। दोनों पक्षों के बीच तनाव पैदा हो सकता है। पति की ओर से दर्ज हमले की FIR यह बताने के लिए पर्याप्त है कि पति को अपनी जान का खतरा है।
हाई कोर्ट ने पति की तरफ से दिए गए तर्कों से सहमति जताते हुए हाल ही में आदेश दिया कि इंदौर में तलाक का मामला नहीं चलेगा। इस मामले को महू कोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया है। अब तलाक केस की अगली सुनवाई वहीं होगी।
पति रीवा चाहता था लेकिन यह मांग ठुकराई
हाई कोर्ट में दायर ट्रांसफर पीटिशन के जरिए पति चाहता था कि केस इंदौर के बजाय रीवा ट्रांसफर हो जाए। लेकिन पत्नी की सरकारी नौकरी और महिला होने के नाते केस को महू कोर्ट ट्रांसफर करने का फैसला किया गया।

हाई कोर्ट एडवोकेट दिनेशसिंह चौहान।
एडवोकेट बोले – इंदौर में पहला मामला
पति की तरफ से केस लड़ने वाले हाई कोर्ट एडवोकेट दिनेशसिंह चौहान का कहना है कि ‘मेरा हिसाब से यह इंदौर में पहला मामला होगा जब तलाक केस में पति के ग्राउंड पर केस ट्रांसफर हुआ है। सामान्य तौर पर महिला के ग्राउंड पर केस ट्रांसफर होते हैं। पति की सुनवाई नहीं होती है लेकिन उच्च न्यायालय ने इस मामले में बहुत अच्छे से सुना और पति की तरफ से लगाई गई याचिका को स्वीकार किया।
Source link