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Success Story: घर से स्टॉल तक का सफर! श्वेता कुमारी ने यूनिक मॉम किचन से बनाई अलग पहचान

Agency:News18 Jharkhand

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Unique Mom Kitchen: अगर आपके मन में मजबूत होंसला और मेहनत करने कि जुनून हो तो सपने पूरे होते देर नहीं लगती. इसका बेहतरीन उदाहरण है बोकारो चास कि साधारण गृहणी श्वेता कुमारी जिन्होंने अपनी लगन और विश्वास के दम पर…और पढ़ें

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स्टॉल की तस्वीर 

हाइलाइट्स

  • श्वेता कुमारी ने यूनिक मॉम किचन से बनाई अलग पहचान.
  • श्वेता का फास्ट फूड स्टॉल चास में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.
  • श्वेता ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का संदेश दिया.

कैलाश कुमार, बोकारो: अगर मन में मजबूत हौसला हो और मेहनत करने का जुनून हो, तो सपनों को पूरा करने में देर नहीं लगती. ऐसा ही एक उदाहरण हैं चास की साधारण गृहिणी श्वेता कुमारी, जिन्होंने अपनी लगन और आत्मविश्वास के दम पर यूनिक मॉम किचन नाम से फास्ट फूड स्टॉल की शुरुआत की. यह स्टॉल लोगों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है और श्वेता को एक नई पहचान दिला रहा है.

कैसे आया बिजनेस शुरू करने का विचार
लोकल 18 से बातचीत में श्वेता कुमारी ने बताया कि फास्ट फूड स्टॉल शुरू करने का विचार उन्हें उनके परिवार और रिश्तेदारों से मिला. उनके बनाए खाने की अक्सर तारीफ की जाती थी, जिससे उन्हें लगा कि वह इस क्षेत्र में कुछ अच्छा कर सकती हैं. उनका बचपन से सपना था कि उनका खुद का एक बिजनेस हो, जिसे उनके पति और परिवार के सहयोग से उन्होंने पूरा किया.

श्वेता ने बताया कि उनका मुख्य उद्देश्य लोगों को घर जैसा क्वालिटी फूड उपलब्ध कराना है, ताकि लोग स्वादिष्ट और शुद्ध खाना खा सकें.

क्या मिलता है यूनिक मॉम किचन में
. चाउमीन – फुल प्लेट 50 रुपये, हाफ प्लेट 30 रुपये
. एग चाउमीन – फुल प्लेट 60 रुपये, हाफ प्लेट 35 रुपये
. सिंगल एग रोल – 30 रुपये
. डबल एग रोल – 45 रुपये

श्वेता ने बताया कि उनके स्टॉल पर चाउमीन की सबसे अधिक डिमांड है, जिससे वह रोजाना 50 से 60 प्लेट तक बेचती हैं. इससे उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है और आत्मनिर्भर बनने में मदद मिली है.

परिवार का मिला पूरा सहयोग
श्वेता के इस सफर में उनके पति मंटू, जो एक बिजनेसमैन हैं, और उनके बड़े बेटे कृष पूरा सहयोग कर रहे हैं. उनके समर्थन से श्वेता का आत्मविश्वास और बढ़ता जा रहा है.

वह सुबह चार बजे से दोपहर दो बजे तक घर का काम करती हैं और फिर शाम पांच बजे से स्टॉल का संचालन करती हैं. इस तरह वह घर और काम दोनों को आसानी से मैनेज कर रही हैं.

कैसे की स्टॉल की शुरुआत
श्वेता ने बताया कि अपने फूड स्टॉल को शुरू करने में उन्हें लगभग तीन लाख रुपये की लागत लगी. हालांकि, अब उनका स्टॉल तेजी से चल रहा है और वह आगे इसे और बढ़ाने की योजना बना रही हैं.

महिलाओं को दिया प्यारा संदेश
श्वेता कुमारी ने दूसरी महिलाओं को संदेश देते हुए कहा कि अगर वे स्वरोजगार शुरू करना चाहती हैं, तो उन्हें घबराने या शर्माने की जरूरत नहीं है. बस खुद पर विश्वास रखकर आगे बढ़ने की जरूरत है, एक दिन सफलता जरूर मिलेगी.

उनकी यह कहानी उन गृहिणियों के लिए प्रेरणा है, जो खुद का कुछ शुरू करना चाहती हैं. श्वेता ने यह साबित कर दिया कि अगर मन में आत्मविश्वास और परिवार का सहयोग हो, तो कोई भी महिला आत्मनिर्भर बन सकती है.

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घर से स्टॉल तक का सफर! श्वेता कुमारी ने यूनिक मॉम किचन से बनाई अलग पहचान


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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