Letter from the member of State Bar Council | स्टेट बार काउंसिल के सदस्य की चिट्ठी: फेयरवेल में शामिल ना हो अधिवक्ता, किसके लिए लिखा हैं लेटर ? – Jabalpur News

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मध्यप्रदेश स्टेट बार काउंसिल के सदस्य एडवोकेट जय हार्डिया के द्वारा लिखा गया एक पत्र जबलपुर में वकीलों के सोशल मीडिया ग्रुप में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस पत्र में लिखा गया हैं कि हम मध्यप्रदेश के वासी हैं, जहां न्याय के देवता राजा विक्रमादित्य मां
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मध्य प्रदेश स्टेट बर काउंसिल के सदस्य जय हार्डीया ने अपने पत्र में आगे लिखा है कि जिनके द्वारा अभिभाषकों की गरिमा को काम किया गया वह दिनांक 24-5-2024 को सेवानिवृत हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में अपने स्वाभिमान की रक्षा और अधिवक्ता साथियों की गरिमा बनाए रखने के लिए हम सभी प्रदेश के अधिवक्ताओं को उनके विदाई कार्यक्रम में शामिल नहीं होकर अधिवक्ताओं की एकता का प्रदर्शन करना है। जिससे कि भविष्य में कोई भी अधिवक्ताओं की गरिमा को ठेस ना पहुंच सके।

मध्य प्रदेश स्टेट बर काउंसिल के सदस्य जय हार्डीया का कहना था, कि हां यह पत्र मैंने लिखा है जिसमें की मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ के विदाई समारोह में वकीलों को ना जाने की अपील हमने की है। उन्होंने बताया कि मेरे द्वारा लिखे गए पत्र का मुझे समर्थन मिल रहा है। और उम्मीद है कि जब यह कार्यक्रम 24 मई को होगा तो ऐसे में कोई भी वकील इस विदाई समारोह के कार्यक्रम में नहीं होगा।
मध्य प्रदेश स्टेट बार काउंसिल के सदस्य जय हार्डीया का कहना है कि उन्होंने यह चिट्ठी स्वयं लिखी है। और फिर इसे पत्र को लिखने के बाद उन्होंने अपने साथियों को सोशल मीडिया के माध्यम से भेजकर उनसे अपील और निवेदन भी किया है। जय हार्डीया का कहना है कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने कुछ ऐसे फैसले अधिवक्ताओं के अहित में दिए हैं जिसके चल ना चाहते हुए भी यह कदम उठाना पड़ा है। एडवोकेट जय हडिया ने मध्य प्रदेश के सभी अभिभाषक संघ से विनती की है कि 25 मई को जब यह कार्यक्रम हो तो सभी अधिवक्ता स्वाभिमान दिवस के रूप में इस कार्यक्रम को मनाएं।
आगामी 24 मई को मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ का रिटायरमेंट है और उनके रिटायरमेंट पर फेयरवेल कार्यक्रम हो रहा है लेकिन उसके पहले ठीक पहले यह चिट्ठी आना चर्चा का विषय बन गई है। अब देखना यह है कि इस चिट्ठी का वकीलों पर क्या असर होता हैं।
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