“_id”:”67b578152493493afe0b950e”,”slug”:”revenue-inspector-allotted-a-shop-under-sainik-quota-to-his-daughter-in-law-and-made-the-documents-disappear-damoh-news-c-1-1-noi1223-2643343-2025-02-19″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Damoh News: नगर पालिका फर्जीवाड़ा, रिटायर्ड राजस्व निरीक्षक ने अपनी बहू के नाम कराई सैनिक कोटे की दुकान”,”category”:”title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”
नगर पालिका कार्यालय
विस्तार
दमोह नगर पालिका में फिर नया घोटाला सामने आया है। इस बार यह घोटाला दुकान आवंटन में हुआ है। यहां सैनिक कोटा (एक्स आर्मी मैन) में आवंटित की जाने वाली दुकान एक राजस्व निरीक्षक ने अपनी बहू के नाम पर आवंटित कर ली। इतना ही नहीं, यह प्रक्रिया करने के बाद निरीक्षक ने दुकान की नस्ती ही गायब कर दी है। जिससे आवंटन की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही है। अब रिटायर्ड हो चुके राजस्व निरीक्षक को नोटिस जारी करके नस्ती उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।
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जानकारी के अनुसार राजस्व निरीक्षक जयराम नोतानी नगर पालिका में राजस्व निरीक्षक के पद पर पदस्थ थे। अब वे रिटायर्ड हो गए हैं। उन्होंने ड्यूटी के दौरान टाउन हाल के गोल मार्केट में एक दुकान नंबर 24 अपनी पुत्र वधु के नाम पर दर्ज करा ली है। ये दुकान सैनिक कोटा की थी और इसे 2014 में भूतपूर्व सैनिक लक्ष्मी दुबे पति स्वर्गीय मानक लाल दुबे के नाम पर आवंटित किया गया था, लेकिन इसके बाद भी दस्तावेजों में हेराफेरी करके राजस्व निरीक्षक ने 2018 में यह दुकान पुत्रवधु के नाम दर्ज करा ली। शिकायतकर्ता अबरार खान ने इस मामले की शिकायत कलेक्टर और सीएमओ से की थी।
शिकायत के बाद प्रभारी राजस्व अधिकारी ने नोतानी को मूल नस्ती उपलब्ध कराने के लिए कहा है। उपलब्ध नहीं कराने की स्थिति में एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है। शिकायतकर्ता अबरार खान का कहना है यह दुकान सैनिक कोटे में आवंटित थी, लेकिन गलत तरीके से नामांतरण कर दिया गया। अब प्रशासन से उनकी मांग है कि दुकान का आवंटन रद्द किया जाए और दोषियों पर कार्रवाई हो। नगर पालिका सीएमओ प्रदीप शर्मा ने कहा जांच के आदेश दिए गए हैं, जो भी कर्मचारी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी।
लग चुके करोड़ों के घोटाले के आरोप
यह कोई पहला मामला नहीं है उसके पहले नगर पालिका में करीब 15 करोड़ रुपये घोटाले के आरोप लगे हैं, जिसमें झाड़ू और चूना बेचने वाले वेंडर सफाई वाहन तक शामिल थे। भुगतान की लिस्ट सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए थे, लेकिन जांच में क्या हुआ अभी तक इसकी जानकारी सामने नहीं आ पाई।